यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तों, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। श्रोता दोस्तों, 7-8 मई को यहाँ पेइचिंग में रविन्द्रनाथ टैगोर जी की 150 वीं जयंती का आयोजन किया गया। उसी सिलसिले में भारत से 10 मई को भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र में साहित्य अकादमी के प्रधान श्री सुनील गंगोपाध्याय जी के साथ 6 विभिन्न भारतीय भाषाओं के जाने-माने लेखक और लेखिका यहाँ पेइचिंग में 3 दिवसीय चीन दौरे के लिए आएँ थे। इस प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष और साहित्य अकादमी के प्रेसिडंट सुनील गंगोपाध्याय जी ने चीनी पुस्तक-प्रेमियों, पाठकों को भारतीय साहित्य का परिचय दिया तथा चीनी पाठकों की भारत को तथा भारतीय संस्कृति को जानने के इच्छुक लोगों से बातचीत की तथा उनके सवालों के जवाब दिए। यहाँ हम आपको बताना चाहेंगे 77 वर्षिय श्री सुनील गंगोपाध्याय जी बंगाली गद्य के बेहतरीन लेखकों में से एक जाने-माने लेखक, जिनकी गिनती सर्वश्रेष्ठ समकालीन कवियों में की जाती है। 200 पुस्तकों को लिखने वाले सुनील जी एक विपुल लेखक हैं जिन्होंने अलग-अलग शैलियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है लेकिन कविता को अपना "पहला प्यार 'मानते हैं। कविता गद्य में सुनील जी अपनी अनोखी शैली के लिए माने जाते हैं। अपने आप में लेज़ेड जाने जाते हैं। आज की युवा पीढ़ी, उभरते लेखकों और कवियों के आइडल, प्ररणा सोत्र जाने जाते हैं। उनकी द्वारा लिखे गए दो उपन्यास अरण्य दिन-रात्रि और प्रतिध्वनि पर सत्यजीत रेय द्वारा फिल्में भी बनाईं गई। सरस्वती सम्मान, आनंद पुरस्कार और साहित्य अकादमी अवार्ड से इन्हें सम्मानित भी किया गया है। निखिलेश और नीरा जैसी प्रसिद्ध कविताओं के कवि, लेखक, उपन्यासकार ने मिलने का और उनसे साक्षात्कार करने का सुअवसर हमें भी प्राप्त हुआ। चलिए, सुनते हैं बातचीत के मुख्य अंश
बातचीत........................................................................
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तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार