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लगातार विकास हो रहा तिब्बत का शिक्षा कार्य
2011-04-22 16:04:23

यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, श्याओ थांग की नमस्ते। "तिब्बत का काया-पलट"सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आप का स्वागत है। दोस्तो, चालू वर्ष तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति की साठवीं वर्षगांठ है। आज के इस कार्यक्रम में मैं आप को परिचय दूंगी पिछले साठ वर्षों में लगातार विकास हो रहा तिब्बत का शिक्षा कार्य। आज के इस लेख का सवाल है:तिब्बती विद्यार्थियों की सहायता के लिए अपनाई जा रही"तीन मुफ्त"नीति का विषय क्या है?

वर्तमान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में किंडरगार्डन शिक्षा समेत प्राइमरी व मिडिल स्कूल शिक्षा, विशेष शिक्षा, व्यवसायी शिक्षा तथा उच्चतम शिक्षा तक की एक परिपूर्ण आधुनिक जातीय शिक्षा व्यवस्था की स्थापना की जा चुकी है। तिब्बत के शिक्षा कार्य का विकास इतिहास के सबसे अच्छे काल में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। आज के इस कार्यक्रम में मैं आपको तिब्बत के शिक्षा कार्य के आज और कल पर कुछ जानकारी दूंगी।

हाईसा प्राइमरी स्कूल तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के छङक्वान क्षेत्र में स्थित है। स्कूल में पढ़ने वाले आधिकांश विद्यार्थी स्थानीय किसान व चरवाहे परिवार से हैं। स्कूल के कुलपति चांगपा युम्तान ने जानकारी देते हुए कहा कि गत शताब्दी के अस्सी वाले दशक से ही हाईसा प्राइमरी स्कूल ने विद्यार्थियों की सहायता के लिए"तीन मुफ़्त"यानी"मुफ्त भोजन, मुफ्त आवास और मुफ्त पढ़ाई " वाली विशेष नीति अपनायी है, जिससे स्कूल जाना किसान व चरवाहा परिवार के लिए एक बोझ नहीं रह गया है। चांगपा युम्तान ने कहा:

"वर्ष 1985 से ही हमारे स्कूल ने छात्रों के लिए'तीन मुफ़्त'वाली नीति अपनाई हुई है। इस पहल में देश ने लगातार पूंजी निवेश किया है। अब हर विद्यार्थी को हर स्कूली वर्ष में 1200 य्वान की मुफ्त राशि दी जाती है। इसके साथ छङक्वान क्षेत्र की सरकार हर विद्यार्थी को और पंद्रह य्वान देती है। छात्रों से हम एक पैसा भी वसूल नहीं करते। उन्हें कोई चीज़ लाने की जरूरत नहीं होती है। केवल टूथब्रश और टूथपेस्ट लाना ही उनके लिए काफ़ी है।"

हाईसा प्राइमरी स्कूल तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के हज़ारों प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में से एक है। अभी-अभी समाप्त हुए चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमिटी के चौथे पूर्णाधिवेशन में भाग लेने वाले चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमिटी के सदस्य थूतङ केचू ने जानकारी देते हुए कहा कि तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद से अब तक लम्बे समय से चीन की केंद्र सरकार तिब्बत के शिक्षा कार्य पर महत्व देती आयी है और जोरदार समर्थन भी करती रही है। स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने बच्चों की शिक्षा की गारंटी के लिए नौ साल अनिवार्य शिक्षा व्यवस्था के निगरानी व प्रबंधन पर जोर लगाया और छात्रों की पढ़ाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ठोस कदम के साथ स्थानीय शिक्षा ब्यूरो, स्कूल के कुलपतियों व अध्यापकों को सौंप दी। इसके साथ ही सरकार ने किसान व चरवाहे परिवार से आए विद्यार्थियों की सहायता के लिए विशेष"मुफ्त भोजन, मुफ्त आवास और मुफ्त पढ़ाई "की नीति लागू की, जिससे तिब्बती किसान व चरवाहे परिवारों का आर्थिक बोझ कम हो सके। इस की चर्चा में थुतङ केचू ने कहा:

"अब तिब्बत में स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए'तीन मुफ्त'वाली नीति लागू की जाती है, यानी मुफ्त भोजन, मुफ्त आवास और मुफ्त पढ़ाई। अनिवार्य शिक्षा का दौर हाई स्कूल तक बढ़ाया गया है और साथ ही इस के लिए अनुदान भी बढ़ाया गया है। विद्यार्थियों के खाने, रहने और पढ़ने से संबंधित सारे खर्चों का वहन सरकार करती है। यह चीन में जातीय शिक्षा के समर्थन की एक मिसाल है। हमारे यहां कई स्थलों में स्कूल की दाखिला दर सौ फ़ीसदी है। तिब्बत में अनिवार्य शिक्षा के स्तर और चीन के भीतरी इलाके के अन्य स्थलों के बीच थोड़ी दूरी मौजूद है, लेकिन स्कूल में छात्रों की दाखिला दर देश के दूसरे प्रांतों व स्वायत्त प्रदेशों से अधिक है।"

वास्तव में गत शताब्दी के पचास वाले दशक में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले तिब्बत में एक भी आधुनिक स्कूल नहीं था। तिब्बत प्रशासन को धर्म के साथ जोड़ने वाली सामंती गुलाम व्यवस्था ने तिब्बत को लम्बे अरसे से पिछड़ेपन व बंद स्थिति में डाल रखा था। केवल मठों व स्थानीय सरकारी अधिकारियों व कुलिन परिवार के बच्चों को शिक्षा पाने का हक था। उस समय तिब्बत में स्कूली बच्चों की स्कूल दाखिला दर दो प्रतिशत से कम थी। युवाओं की निरक्षरता दर 95 प्रतिशत थी।

तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद तिब्बत के शिक्षा कार्य के विकास के दौरान चीन की केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, तिब्बत के शिक्षा में भारी धनराशि लगाने के साथ अनेक उदार नीतियां लागू की हैं । मिसाल के लिए"तीन मुफ्त"वाली नीति और ग्रामीण व पशुपालन इलाकों में बोर्डिंग स्कूल व्यवस्था लागू करने के साथ तिब्बती छात्रों को प्राइमरी स्कूल से युनिवर्सिटी तक के शिक्षा दौर का पूरा खर्चा सरकार पूरी तरह उठाती है। इसके अलावा, चीन सरकार ने तिब्बत में शिक्षा के आधारभूत संस्थापनों के निर्माण में धनराशि प्रदत्त करने की शक्ति को भी प्रबल किया है, इनमें प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के पुरानी इमारतों की मरम्मत करना, तिब्बत युनिवर्सिटी के नए कैम्पस की निर्माण योजना लागू करना तथा प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में आधुनिक दूर शिक्षा परियोजनाओं को बखूबी अंजाम देना आदि परियोजनाएं शामिल हैं। इन कारगर व सार्थक कार्वाहियों ने तिब्बत की शिक्षा स्थिति व गुणवत्ता को उल्लेखनीय रूप से उन्नत किया है।

गौरतलब है कि तिब्बत में प्रत्यक्ष पूंजी लगाने के अलावा चीन सरकार ने तिब्बत के शिक्षा कार्य में सहायता देने की नीति अपनायी, विकसित प्रांतों व शहरों से श्रेष्ठ अध्यापक चुनकर तिब्बत में भेजे जाते हैं, भीतरी इलाके के विकसित प्रांतों व शहरों में तिब्बती कक्षा खोली जाती है और साथ ही तिब्बती विद्यार्थियों के जीवन व पढ़ाई के लिए विशेष उदार नीतियां भी अपनायी जातीं हैं।

चीनी शिक्षा मंत्रालय ने"तिब्बती प्राइमरी व मिडिल स्कूल के शिक्षकों की प्रशिक्षण परियोजना"लागू की, जिस के तहत वर्ष 2007 से ही हर वर्ष तिब्बत के तिब्बती प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के लिए एक हज़ार से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है। युनिवर्सिटी में श्रेष्ठ अध्यापकों को भेजकर वहां के वैज्ञानिक निर्माण, वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजनाओं के विकास, प्रयोगशालाओं के निर्माण तथा प्रशासनिक प्रबंधन की सहायता दी जाती है।तिब्बत में इन्टरव्यू लेते समय हमारे संवाददाता ने पता लगाया कि तिब्बत के शिक्षा विभाग तिब्बती भाषा की पढ़ाई पर जोर देता है और स्वायत्त प्रदेश में"दो भाषाएं"वाली पढ़ाई व्यवस्था लागू करता है, यानी स्कूलों में तिब्बती भाषा व चीनी हान भाषा दोनों भाषाएं पढ़ाई जाती हैं, जिससे तिब्बत की जातीय संस्कृति का और अच्छी तरह प्रसार व विकास किया जाता है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के तिब्बती भाषा कार्य समिति कार्यालय के उप प्रधान लोसांग थूमेइ ने जानकारी देते हुए कहा:

"लोकतांत्रिक सुधार किए जाने के बाद चीन की केंद्र सरकार ने तिब्बत में प्राइमरी स्कूल से युनिवर्सिटी तक के विभिन्न स्तरों वाले स्कूलों की स्थापना की है, जिन में तिब्बती भाषा कक्षा खोली जाती है। अब तिब्बती भाषा समृद्ध विकास वाले काल में प्रवेश हो गया है। तिब्बती भाषा के विकास व प्रयोग को बढ़ाने के लिए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने संबंधित नियम जारी किए, जिस से कानूनी गारंटी प्राप्त हुई।"

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