अनूप सेठी
भारत के मुंबई में जाने माने कवि और लेखक
साहित्य को समाज का दर्पण माना जाता है। समाज की स्थितियों का साहित्य की रचना और रुप और समाज में उस की स्थिति पर भी असर पड़ता है। पिछले कुछ समय में तकनीक में हुई क्रांति ने संचार के अनेक नए उपकरणों ने मनुष्य को आपसी और समाज के साथ रिश्ते में अनेक बदलाव ला दिये हैं। एक दूसरे से संपर्क के अब तत्काल और यहीं और अभी की स्थिति ने एक ओर दुनिया को छोटा बना दिया है, दूसरी ओर साहित्य और पाठक, साहित्य और रचना के सामने भी कई नई चुनौतियां पेश कर दी हैं। सम्पर्क के इन नये तकनीकी उपकरणों का साहित्य पर कैसा और क्या असर पड़ा है और साहित्य की समाज में आज क्या स्थिति है, इस के बारे में हम ने भारत के मुंबई में जाने माने कवि और लेखक अनूप सेठी से बात की।