प्रोफेसर मुरली मनोहर
एक प्रोफेसर,तरक्की पसंद लेखक,कार्यकर्ता और चिंतक
आज फोकस में हैं कि दक्षिण एशिया में विकास की समस्या,दक्षिण एशियाई देशों को ब्रिटिश उपनिवेश शासन से स्वतंत्रता हासिल किए हुए 60 सालों से अधिक का समय बीत चुका है। और एक स्वतंत्र राष्ट्र राज्य के रुप में इन देशों में लोकतंत्र की स्थापना तो हुई है किंतु लोकतंत्र की सफलता के लिये जो जरूरी शर्तें हैं क्या वे ये राज्य पूरी कर पाए हैं,या शासन की इस पद्धति को इन देशों ने जल का तस चस्पां किया है। दुनिया की लगभग 20 प्रतिशत आबादी दक्षिण एशियाई देशों में रहती है, और इन देशों के सामने जो मुख्य समस्याएं हैं। उनमें गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण, कुप्रशासन आदि से ये समाज किस तरह जूझ रहे हैं। इन समस्याओं पर हम ने भारत में प्रोफेसर मुरली मनोहर प्रसाद से बात की, जो एक तरक्की पसंद लेखक,कार्यकर्ता और चिंतक हैं।