कार्यरत जवरी मल पारख
इगनों में कार्यरत प्रोफेसर व प्रसिद्ध आलोचक
मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। मीडिया का काम सरकार के कामों पर नजर रखना, जनता की समस्याओं को, उन के साथ हो रहे अन्याय को सामने लाना और न्याय के पक्ष में खड़े होना है। एक जीवंत मीडिया किसी भी समाज की धमनियों में दौड़ रहे गर्म खून की माफिल होता है। और हाल के वर्षों में मीडिया के कई नये-नये रूप उभर कर सामने आये हैं। इंटरनेट, ब्लाग, सोशल नेटवर्किंग वेव साईट आदि ने मीडिया का स्वरुप ही बदल दिया है। पारंपरिक मीडिया अब किसी संवेदनशील समाचार को छिपाने में सक्षम नहीं रहे हैं। मीडिया के इस विस्तार का समाज पर विशेष कर दक्षिण एशियाई समाज पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ा है और मीडिया की समाज में क्या भूमिका है इससे जुड़े सवालों को ले कर हम ने भारत में नई दिल्ली में इगनों में कार्यरत प्रोफेसर व प्रसिद्ध आलोचक जवरी मल पारख से बात की जो मीडिया पर वर्षों से लेखने करते आ रहे हैं।