प्रोफेसर जवरी मल पारख
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर और जाने माने आलोचक विद्वान
1) 2 स्प्रैक्ट्रन और अन्य स्कैमों में उथलपुथल भारतीय राजनीति में विऱोधी दलों द्वारा जारी विरोध के बाद भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि प्रशासन में कुछ ढील रही है लेकिन वह अपनी जिम्मेवारी निभाते रहेंगे।साथ ही कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार ने विरोधी दलों की संयुक्त संसदीय समिति की मांग अंततः स्वीकार कर ली।
2) पाकिस्तान में अमरीकी दूतावास के कर्मचारी रेमंड डेविस के द्वारा पाकिस्तान के पूर्वी शहर लाहौर में 27 जनवरी को मोटर साईकल पर सवार दो पाक नागरिकों की गोली मार कर हत्या की जाने के बाद अमरीका और पाकिस्तान में राजनयिक तनाव अभी भी बना हुआ है। पाकिस्तान के कई शहरों में इस घटना को लेकर प्रदर्शनों के बाद पाकिस्तान सरकार अमरीका और देश की जनता दोनों तरफ से दबाव में है,उधर अमरीका की कांग्रेस के कुछ सांसदों ने चेतावनी दी है कि यदि रेमिंड डेविस को तुरंत रिहा नहीं किया जाता तो अमरीका पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद रद्द कर सकता है। इस घटना पर कड़ा रुख अपनाने के कारण पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरेशी को अपनी कुरसी खोनी पड़ी है
3) श्री लंका में इतिहास में पहली बार भारत की सहायता से श्री लंका के दक्षिणी रेलवे सैक्टर में सुधारी गई रेलवे पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से रेल सेवा शुरु हुई। अब तक श्री लंका में रेल की गति महज 40 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
4) लंबे अरसे तक विचार विमर्श के बाद अंततः नेपाल ने अपने प्रधानमंत्री का चुनाव कर लिया,उम्मीद है कि अब नेपाल में राजनीतिक स्थिरता आएगी और सामाजिक आर्थिक विकास की गति तेजी पकड़ेगी।
5) 18 तारीख की शाम बंगलादेश की राजधानी के बंगबंधु नेशनल स्टेडियम में पूरे धूमधाम से विश्व क्रिकेट कप का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ।14 देशों की टीमें छह सात हफ्तों तक चलने वाले इस क्रिकेट कुंभ में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करेंगी।
आज फोकस में हैं दक्षिण एशिया के मशहूर कवि फैज एहमद फैज
उर्दू के मशहूर पाकिस्तानी कवि,जिन की शौहरत दक्षिण एशिया और उस से भी दूर तक दुनिया में फैली है। वे अंजुमन तरक्की पसंद मुस्सनफिन अ हिंद यानि कि ऑल इंडिय़ा प्रोग्रेसिव राईटरस एशोसियन के सदस्य थे और सन 1962 में उन्हें सोवियत युनियन के लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
1911 में जन्में फैज अहमद की इस साल जन्म शताब्दी मनाई जा रही है।
अविभाजित हिंदुस्तान में सियालकोट में जन्में फैज को उर्दू,इंग्लिश और अरबी भाषाओं में महारत हासिल थी,उन के एक अध्यापक शमशैउलमा सईद मीर हसन ने दक्षिण एशिया के जाने माने दर्शनशास्त्री,कवि और राजनीतिज्ञ मुह्म्मद इकबाल को भी पढ़ाया था। फैज ने पंजाब में 1936 में प्रगतिशील लेखक आंदोलन की एक शाखा खोली जिस के वह सदस्य और सचिव भी थे। फैज अमृतसर में 1935 में एम ए ओ कालिज में अंग्रेजी के अध्यापक बने और फिर हेली कालिज ऑफ कॉमर्स लाहौर में पढ़ाया। कुछ समय उन्होंने ब्रिटिश इंडियन ऑर्मी भी ज्वायन की और वे 1944 में लेफ्टिनैंट कर्नल के पद तक पहुंचे।1947 में उन्होंने ऑर्मी छोड़ दी और लाहौर चले गए जहां वह पाकिस्तान टाईम्स के पहले चीफ एडिटर बने।1959 में वे पाकिस्तानी कला परिषद के सचिव नियुक्त हुए और 1962 तक उस पद पर बने रहे।
फैज एक रोमांटिक और क्रांतिकारी कवि के रुप में जाने जाते हैं। उन की नज्मों,और गज़लों में मजलूम,उस आम आदमी की दास्तान ब्यान हुई है जो सत्ता और रुआबदारों के जुल्मोंसितम झेलता आया है। फैज का नजरिया प्रगतिशील और मानववादी था और मार्क्सवाद में उन की आस्था थी।तरक्की पसंद.प्रगतिशीलता और साफगोई के कारण उन्हें जेल में कैद रह कर इस की कीमत भी चुकानी पड़ी।
आज जबकि फैज की जन्म शताब्दी सारे दक्षिण एशिया में मनाई जा रही है.हम ने उन के बारे में भारत में नई दिल्ली के इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर और जाने माने आलोचक विद्वान जवरी मल पारख से बातचीत की।