विश्व कप क्रिकेट की शुरूआत वर्ष 1975 में इंग्लैंड में इंग्लैंड द्वारा ही की गयी। उस समय इस कप का नाम प्रूडेंसियल कप था क्योंकि इसे एक ब्रिटिश कंपनी ने स्पोंसर किया था जिसका नाम प्रूडेंसियल था। पहले विश्व कप में आठ टीमों ने हिस्सा लिया था। फाइनल मैच में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 17 रनों से हराकर पहले विश्व कप पर कब्जा किया।
जबकि 1979 में दूसरे विश्व कप का आयोजन भी इंग्लैंड में हुआ। इसमें श्रीलंका व कना़डा क्वालीफाई करने में कामयाब रहे। इस विश्व कप में भी वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 92 रनों से हराकर लगातार दूसरी बार कप पर अपनी बादशाहत कायम रखी।
वर्ष 1983 में तीसरे विश्व कप के आयोजन का जिम्मा भी इंग्लैंड ने ही उठाया। इसमें एक और टीम जिम्बाब्वे ने क्वालीफाई किया। यह विश्व कप भारत के लिए एक सपने सरीखा रहा। उसने कई बड़ी टीमों को हराकर फाइनल में जगह बनायी। इसमें जिम्बाब्वे के खिलाफ कप्तान कपिल देव की 175 रनों की शानदारी पारी को भुलाया नहीं जा सकता है। इतना ही नहीं फाइनल में भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर इंग्लैंड में अपना झंडा गाड़ते हुए विश्व कप क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम हमेशा के लिए जोड़ दिया।
वर्ष 1987 में पहली बार विश्व कप का आयोजन इंग्लैंड से बाहर भारत में हुआ। इसकी मेजबानी भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने मिलकर की। यहीं से एक दिवसीय मैच 60 ओवरों के बजाय 50 ओवर के होने लगे। इस बार के विश्व कप के फाइनल मुकाबले में आस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को सात रनों से हराकर कप अपने नाम किया।
वर्ष 1992 में विश्व कप क्रिकेट की मेजबानी का मौका आस्ट्रेलिया को मिला। यह पहला मौका था जब खिलाड़ियों को रंगीन कपड़ों में देखा गया। वहीं इसी विश्व कप में पहली बार सफेद गेंद का इस्तेमाल भी हुआ। और पहली बार दक्षिण अफ्रिका को भी विश्व कप खेलने का मौका मिला। फाइनल मैच में इमरान खान के नेतृत्व वाले पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 22 रनों से हराकर विश्व कप अपनी झोली में डाला।
1996 में विश्व कप के आयोजन की जिम्मेदारी फिर से एशियन देशों को मिली जिसमें श्रीलंका को भी शामिल किया गया। फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने आस्ट्रेलिया को 7 विकेट से रौंद कर विश्व कप पर अपना कब्जा जमाया।
1999 का विश्व कप फिर से इंग्लैंड में आयोजित हुआ। यह विश्व कप अपने फाइनल के लिए कम और सेमीफाइनल मैच के लिए ज्यादा याद किया जाता है। सेमीफाइनल में भिड़ंत हुयी ऑस्ट्रेलिया व दक्षिण अफ्रीका के बीच। आस्ट्रेलिया को फाइनल में पहुंचने के लिए मैच को या तो टाई करना या जीतना था। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के पास यह मैच जीतने के अलावा कोई चारा नहीं था। लेकिन दुर्भाग्यवश दक्षिण अफ्रीका ने यह मौका आस्ट्रेलिया के हाथों मे दे दिया। फाइनल में आस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर कप पर अपनी दावेदारी फिर से जमा ली।
वर्ष 2003 में विश्व कप के मेजबानी का मौका दक्षिण अफ्रीका समेत जिम्बावे और केन्या को भी मिला। इस विश्व कप में भाग लेने वाली टीमों की संख्या 14 हो गई। फाइनल में आस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रनों से हराकर कप पर अपना हक़ जमाए रखा। वहीं 2007 विश्व कप वेस्टइंडीज में हुआ, इसमें भारत को पहले ही दौर में बाहर होना पड़ा, जिसमें बांग्लादेश के खिलाफ हुई शर्मनाक हार भी शामिल है। हालांकि इसके फाइनल में पहुंची ऑस्ट्रेलिया व श्रीलंका के बीच हुआ, लेकिन कप पर कंगारूओं ने लगातार तीसरी बार कब्जा जमाए रखने में सफलता हासिल की।
अब विश्व कप 2011 शुरू हो चुका है और इस बार एशिया महाद्वीप में हो रहा है, जिसमें पहली बार बांग्लादेश को भी मेजबानी करने का मौका मिला है। वैसे इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की ताकत पहले जैसी नहीं है और भारत व श्रीलंका को खिताब का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। अब कप किसके नाम होता है यह तो 2 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में होने वाले फाइनल मुकाबले के बाद ही पता चलेगा।
कब हुई शुरुआत- 1975
कहां- इंग्लैंड
वर्ष -- विजेता
1975 -- वेस्टइंडीज
1979 -- वेस्टइंडीज
1983 -- भारत
1987 -- ऑस्ट्रेलिया
1992 -- पाकिस्तान
1996 -- श्रीलंका
1999 -- ऑस्ट्रेलिया
2003 -- ऑस्ट्रेलिया
2007 -- ऑस्ट्रेलिया
2011 -- मुकाबले जारी
(प्रस्तुति- अनिल व विकास)