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11-02-10
2011-02-11 14:13:50

 

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। श्रोताओ, यहाँ चीन में नववर्ष के दौरान सब त्योहार के मूड में हैं, बहुत से लोग अपने-अपने परिवारवालों से मिलने घर वापस गए हैं। दफ्तर, कार्यालयों में भी लोग कम हैं, कुछ छोटी-बड़ी दुकानें आजकल बंद हैं। हर रोज़ की भाग-दौड़ की रफ्तार थोड़ी धीमी है। कुल मिलाकर कहें तो फेस्टिव सीजन में लोग छुट्टियों का मज़ा ले रहे हैं। तो चलिए, चीनी नववर्ष के पहले कार्यक्रम की शुरूआत करते हैं।

दोस्तो, यहाँ बीजींग में अभी भी बहुत ठंड है, इतनी लंबी सर्दियां होती हैं यहां पर की सच में बोरीयत होने लगती है। कहीं भी बाहर आने-जाने में सुस्ती होती है क्योंकि बाहर जाने से पहले ढेर सारे गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं, टोपी, दस्ताने, नाक और मुँह को बर्फीली हवाओं से बचाने के लिए मास्क। कम-से-कम दस मिनट का समय तो केवल कपड़ों की लेयर्स चढ़ाने में ही लग जाता है। तो बाहर जाने में सुस्ती तो होगी ही।फिर घर वापस आकर इन कपड़ों का ढेर संभालने में समय लग जाता है। तैयार होने के बाद एक बार तो ऊपर से नीचे खुद को देखकर यह सोचना पड़ता है कि कहीं कुछ रह तो नहीं गया और किसी अंतरिक्ष यात्री की तरह तैयार होकर निकलते हैं बीजींग की ठंड का सामना करने जैसे किसी से जंग लड़ने जा रहे हो। हमममममममममम............यह सुनकर तो अब तो आप भी सहमत होंगे मुझसे। बचाओ, कोई तो हमें इस ठंड से बचाओ। शरीर को तो हम मोटे-मोटे कपड़ों से ढक लेते हैं, इन दिनों ठंडी हवाओं से त्वचा फट जाती है या शुष्क हो जाती है। लेकिन बेचारे हमारे चेहरे को इस ठंड से सामना करना पड़ता है और नतीजा सूखी-खीची त्वचा। बेजान-सी रहती है इस मौसम में चाहे जितनी मरजी क्रीम लगा लें। बेचारी प्यासी ही रहती है हमारे चेहरे की त्वचा। लेकिन त्वचा की नमी बनाए रखना मुश्किल नहीं है। आप मौसम के अनुसार फेशियल करके इसे मौसम के कुप्रभावों से बचा सकती हैं। त्वचा के बारे में दिलचस्प तथ्य यह है कि इसका विकास अंदर से बाहर की ओर होता है। यही कारण है कि मौसम की ठंडक त्वचा पर विपरीत असर पहुँचाती है जिससे त्वचा खुरदुरी, भद्दी और साँवली होती जाती है। अतः ठंड के दिनों में त्वचा की सुंदरता को बरकरार रखने के लिए कुछ उपाय फायदेमंद साबित होंगे।

त्वचा की सफाई सबसे पहले चेहरे व गर्दन की त्वचा को कच्चे दूध से भीगी रुई के फाहे से अच्छी तरह साफ कर लें। दूध प्राकृतिक क्लिंजर की तरह काम करता है। जो रोमकूपों में समाकर त्वचा पर जमी हुई ना दिखाई देने वाली धूल-मिट्टी को पूरी तरह से साफ कर देता है। चेहरा साफ कर लेने के पश्चात साफ पानी से चेहरा धो लेना चाहिए। अब बराबर मात्रा में ग्लिसरीन और गुलाब जल मिलाकर उससे चेहरे की हल्की मालिश करें। गर्दन की मालिश पर हाथ थोड़े सख्ती से ऊपर की तरफ चलाएँ।ठोड़ी की मालिश हाथों को बाहर ले जाते हुए करें।

गालों पर गोलाई से मालिश करते हुए हाथ नीचे से ऊपर की ओर ले जाएँ। इस प्रक्रिया से रक्त संचार बढ़ेगा और गालों का गुलाबीपन बना रहेगा। माथे पर मालिश करते समय बाएँ से दाएँ की तरफ हाथों को थोड़ा टेढ़ा करके चलाएँ।

आँखों का ध्यान रखते हुए उँगलियों को गोलाई से इस तरह घुमाएँ कि ग्लिसरीन आँखों में न जाने पाए, क्योंकि आँखों में यह जलन पैदा कर सकती है।

ग्लिसरीन की मालिश होंठों के लिए सर्दियों में जरूरी है। इससे सूखी त्वचा नम हो जाती है और फटे होंठों को राहत मिलती है। होंठों की मालिश एक बार बाईं और फिर एक बार दाईं ओर से करें। नाक के लिए भी यह बेहतरीन मसाज है। इससे नाक की कठोर त्वचा भी मुलायम होकर चमकने लगेगी।

सर्दियों में केवल यह मसाज ही दिन में समय मिलने पर दो-तीन बार आपने कर ली तो आपकी त्वचा की चमक देखने लायक होगी और इसका असर त्वचा पर स्थायी होगा।

इन दिनों लगने वाले फेस पैक भी थोड़े अलग होते हैं। सबसे अच्छा पैक लाल चंदन के पाउडर का माना जाता है। इसमें ताजी मलाई इतनी मात्रा में मिलाएँ कि गाढ़ा पेस्ट बन जाए। इस पेस्ट को नीचे से ऊपर की ओर गोलाई में हाथ चलाते हुए गर्दन और पूरे चेहरे पर लगाएँ। पंद्रह-बीस मिनट बाद हल्के गरम पानी से धो लें। इससे त्वचा का रूखापन दूर हो जाएगा।

शुष्क त्वचा होने पर बादाम के तेल में नींबू के रस की दो-तीन बूँद डालें और चंदन का पाउडर मिक्स करें। इसे चेहरे पर लगाएँ। पाँच-सात मिनट बाद हल्के हाथों से रगड़ते हुए उतार लें और हल्के गरम पानी से चेहरा धो लें। बादाम का तेल न हो तो मलाईयुक्त दूध भी काम में ले सकते हैं। इससे त्वचा की कोमलता बढ़ेगी और साथ ही साँवलापन भी खत्म होगा।

त्वचा के तैलीय होने पर शहद में बेसन मिलाकर हल्के हाथों से चेहरे पर मलें और बाद में धो लें। बेसन अतिरिक्त तेल को खत्म करेगा और शहद त्वचा के ढीलेपन को खत्म करके कसाव लाएगा।त्वचा की चमक भी शहद बनाए रखेगा।

आप अधिक देर धूप में रहते हैं तो रंगत पर असर होता ही है। ऐसी त्वचा पर कच्चा दूध और नींबू का रस रुई में लेकर धीरे-धीरे मलें। इससे त्वचा अपने असली रंग में आ जाएगी। फिर पैक इस्तेमाल करें।

समय न होने पर बादाम, जैतून, तिल या सरसों के तेल से मालिश करके हल्के गरम पानी में भिगोए निचुड़े तौलिए से त्वचा को थपथपाएँ। इससे त्वचा पर शुष्क हवाओं का असर नहीं होगा और वह चिकनी व मुलायम बनी रहेगी।

तो इन उपायों को अपना कर देंखे और पाए कि सर्दियों की ठंडी हवाओं के बावजूद आपकी त्वचा अपनी नमी नहीं खो रही और आप सर्दियों में भी खिली-खिली रहेंगी।

दोस्तो, फैशन की दुनिया में आज नज़र डालते हैं- नाखूनों पर।

गए वो जमाने जब नाखूनों को बढ़ाकर, केवल शेप बनाकर उन पर मनपसंद नेल पेंट लगाया जाता था। आजकल नाखूनों पर भी कमाल की कारीगरी की जाने लगी है। जिसे नेल आर्ट कहा जाता है। आजकल खूबसूरत दिखने के लिए सिर्फ चेहरे पर ही ध्यान देना काफी नहीं है बल्कि चेहरे के साथ-साथ हाथ और पाँव के नाखूनों पर भी बराबर ध्यान दिया जाना चाहिए।हर महिला और युवती यही चाहती है कि वह खूबसूरती के मामले में किसी से भी कम न रहे।

इसी को लेकर आज बाजार में भी अनेक ऐसे उत्पाद और एसेसरीज उतार दी गई हैं जिन्हें महिलाएँ पार्टी या अन्य किसी भी समारोह में पहनकर सबसे अलग दिख सकती हैं। इन एसेसरीज में गहनों,कपड़ों के अलावा अब नाखून एक्सटेंशन भी इसमें शामिल हो गए हैं।

विशेष प्रकार की जेल से नाखूनों को चिपकाया जाता है जो कि कई-कई दिनों तक चल जाते हैं। इसे नेल एक्सटेंशन कहा जाता है। इस तरह के नाखूनों पर केवल एक ही तरह का रंग ही नहीं लगाया जाता। उन पर मोती, सरवोस्की, के साथ-साथ कई रंगों के साथ मिलकर एक आर्ट पीस तैयार किया जाता है। जो नेल आर्ट के नाम से जाना जाता है। अपने नाखूनों पर अलग-अलग डिजाइन बनवाकर महिलाएँ खूबसूरती में एक कदम और आगे बढ़ रही हैं। आजकल महिलाओं और युवतियों को यह आर्ट बहुत अच्छी लग रही है।

पहले जहाँ वे नेल्स को खूबसूरत दिखाने के लिए सिर्फ नेल पॉलिश के सहारे थीं अब इस नेल आर्ट ने उनके लिए नए विकल्प खोल दिए हैं। जिस तरह से नेल्स पर डिजाइन बनाए जा रहे हैं उससे उन्हें यह फायदा है कि ये नेल कई-कई दिनों तक ऐसे ही रहते हैं। पानी में भीगने के बाद भी इन पर कोई असर नहीं पड़ता और न ही इनका रंग फीका पड़ता है। लेकिन ध्यान रहे नेल एक्सटेंशन कराते समय प्रोडक्ट की क्वालिटी को ध्यान में रखना चाहिए। जिन्हें नेल आर्ट और एक्सटेंशन की पूरी जानकारी हो उसी से ही यह काम करवाएँ वरना नेल एक्सटेंशन करवाना नुकसानदायक हो सकता है।

श्रोताओ, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह पैंतालीसवा क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें,या फोन पर बताएँ ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। कोशिश करें 70 साल और 6 साल से कम उम्र वालों के साथ अधिक समय बिताने का। आप को जो खुशी हासिल होगी वह अद्भुत अनुभव होगा और ऐसा कर आप खुद की प्रशंसा स्वयं करेंगे। इसी विचार के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।

तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार

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