Web  hindi.cri.cn
11-01-20
2011-01-20 09:08:35

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। दोस्तों, हम अपने कार्यक्रम में आपको चीन के बारे में जानकारी देते रहते हैं, महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों के बारे में आपको बताते रहते हैं, सेहत-सौंदर्य से जुड़ी समस्याओं पर आपको घरेलू टिप्स बताते हैं, मन में दबे-छुपे रहस्यों को उजागर करने की समय-समय पर कोशिश करते रहते हैं। जिससे आप कभी सहमत होंगे तो कभी असहमत। आपसे जुड़ने के, आपके करीब आने के हमारे इस प्रयास को आपके प्रोत्साहन की हर कदम-कदम पर ज़रुरत पड़ेगी। तो हमारा हाथ थामे रखिए ताकि ये सफर हम सब के लिए यादगार बन जाए। चलिए, इसी इमोशनल नोट से हम अपना आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं।

कल मेरी मुलाकात एक भारतीय से हुई जो यहाँ बीजींग में नए-नए आकर रहने लगे हैं। चेहरे पर घबराहट, कन्फ्युशन, खोए-खोए से भाव लिए, एक रेस्तरां में खाना खा रहे थे। हमें देख उनके चेहरे पर एक अलग-सा भाव उभरने लगा, था तो वो भी कन्फ्युशन ही क्या वे हमसे बात करें, क्या हमें खाना खाते समय डिस्टरब करें वगैरह-वगैरह। खैर, शायद बहुत सारे कन्फ्युशन के साथ वे हमारे टेबल पर आ कर पूछने लगे क्या मैं आपको डिस्टरब कर सकता हूँ। कहते–कहते वे हमारे पास वाली कुर्सी पर बैठ गए। बिना हमारे कुछ भी कहे, वे इतने परेशान लग रहे थे कि यदि उन्हें अपने प्रश्नों का जवाब न मिला तो पता नहीं वे क्या कर बैठेंगे। हमने उनसे पूछा- जी कहें। तो उनकी बात सुन हम हँसे बिना नहीं रह सके। हालांकि, इसे शिष्टाचार की लिस्ट में डाले तो बैड मैनर्स ही कहलाएगा। पर हम खुद को रोक न पाए। उन्होंने एक ही सांस में हम से यह सब कहा- भई, मैं तो यहाँ आकर फँस गया हूँ, क्या करुँ, कहाँ जाऊँ, क्या बोलूँ, किससे बोलूँ कुछ समझ नहीं आ रहा, कोई मेरी बात नहीं समझ रहा। क्या खाऊँ, क्या न खाऊँ। आप यहाँ कैसे रहते हैं। हमममममममममम.....आप भी मुस्कुरा रहे हैं। उनकी परेशानी सुन हम अपने अतीत में चले गए जो एक साल से ज्यादा पुराना नहीं है पर है ऐसी ही समस्याओं से खुद को उबार कर हमें खुद को एक विजेता की भांति एहसास दिलाता हुआ थोड़ा रोमांचक, थोड़ा भयानक इतिहास। भाषा के कारण यहाँ विदेशियों के लिए ऐसी समस्या हो सकती है। लेकिन-लेकिन, अब यह समस्या उतनी बड़ी नहीं रही जो शायद कुछ साल पहले रही हो, अब यहाँ बड़ी मात्रा में लोग अंग्रेजी बोलते और समझते हैं। यहाँ हर रेस्तरां में, होटल में आपकी जानकारी के लिए अंग्रेजी पत्रिकाएं जैसे सीटी विकेंड, द बीजींगर, टाइम आउट, अजेन्डा आपके पढ़ने तथा घर ले जाने के लिए मुफ्त उपलब्ध होती हैं और इनका प्रकाशन साप्ताहिक, द्विमासिक, त्रैमासिक, मासिक रुप से किया जाता है। ये पत्रिकाएं किसी भी विदेशी के लिए यहाँ लाइफ-लाइन की तरह साबित होती हैं क्योंकि इनमें आपके काम की सारी जानकारी उपलब्ध होती है। आवास से लेकर, मांसाहारी-शाकाहारी भोजन कहाँ मिलता है, कहाँ से आप सस्ते दामों में घर का, अपना, बच्चों का सामान, कपड़े-खिलौने आदि खरीद सकते हैं। चीनी- अंग्रेजी भाषा में वहाँ का पता भी लिखा रहता है,जिससे वहाँ तक जाने में भी कोई तकलीफ नहीं। कब-कहाँ-कौन-सी गतिविधियों का आयोजन हो रहा है, पूरे शहर का नक्शा, मेट्रो ट्रेन का नक्शा और साथ ही चीनी भाषा के कुछ अति महत्वपूर्ण शब्द जिसका ज्ञान यदि आपको है तो जीवन आसान है। तो ये सब आपकी मदद कर सकता है,यह बताते हुए हमने रेस्तरां का बिल चुकाया और अपने भारी-भारी जैकेटस पहनते हुए उन साहब से कहा आइए हम आपकी घर पहुँचने में मदद कर देते हैं। रेस्तरां से बाहर आते समय मैंने कुछ पत्रिकाएं उन्हें थमा दीं और उन्होंने टैक्सी में बैठते समय कहा- आपसे मुलाकात करने के बाद मैं सुकून महसूस कर रहा हूँ। हम ने भी उनसे कहा- ऑल द बेस्ट। और हमें भी टैक्सी में बैठकर एहसास हुआ कि कितने कम समय में हम भी तो यहाँ कितनी आसानी से एडजस्ट हो गए और आज किसी को सलाह देने लगे कि यहाँ रहना इतना कठिन नहीं जितना लगता है। और अनजाने ही आप इस शहर को पसंद करने लगते हैं।

दोस्तों, हमारा चेहरा चाहे जितना सुन्दर हो, आँखें काली हो, बड़ी हो। पर यह सारी खूबसूरती फीकी पड़ जाती है अगर हमारी आँखों के नीचे काले घेरे बन गए हों यानि डार्क सरक्ल्स। आजकल यह बहुत आम समस्या बन गई है केवल बड़ों में ही नहीं बल्कि बच्चों और युवाओं में भी। पढ़ाई के बढ़ते बोझ के कारण, ज्यादा से ज्यादा समय कम्प्यूटर और टी.वी के आगे बिताने के कारण। क्या करें यदि हम इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। तो, आज हम आपको, कैसे करें अपनी आँखों की देखभाल, इस के बारे में कुछ ज़रुरी टिप्स देंगे। इन का उपयोग करें और हमें ज़रुर बताएँ कि इससे आपको कितना फायदा हुआ।

1. आलू या ककड़ी के कटे पतली स्लाइस लें। लेट जाएँ और पन्द्रह मिनट के लिए अपनी आंखों पर इन स्लाइस को रख दीजिए। नियमित रूप से इनका इस्तेमाल करने पर आँखों में होने वाली किसी भी असुविधा से राहत मिलती है और कुछ दिनों के भीतर काले घेरों को भी दूर करने में मदद करता है यह उपाय।

2. इस्तमाल की गई टी बैगस, जी हाँ, ये प्रयोग की गई टी बैगस सीधे कूड़ेदान में फेंकने के बजाए इनका इस्तमाल होना चाहिए, वास्तव में ये हमारी बहुत मदद कर सकती हैं। इन्हें ठंडे पानी में रखें, जब तक वे वास्तव में ठंडे न हो जाएँ। लेट जाएँ और पन्द्रह मिनट के लिए अपनी आंखों पर रखें। इनका भी नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर काले घेरे पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं।

3. दो कपास यानि कॉटन बाल्स को गुलाब जल में कुछ देर भीगाने के लिए रख दें। फिर कॉटन बाल्स को बाहर निकालकर अतिरिक्त पानी निचोड़ लें और अपनी आँखों पर इन बाल्स को रखें। पंद्रह मिनट के लिए रखें और फिर इसे दोहराए। ऐसा करने से भी अच्छे परिणाम मिलते हैं।

अब हम आपको बताते हैं- डार्क सरक्ल्स के लिए कैसे बनाएँ मास्क अपने घर में।

आप इस आसान से मास्क का सप्ताह में दो बार उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए आपको चाहिए।

2 चम्मच कटा हुआ ताजा आलू

आधा चम्मच शहद

कटे हुए आलू को बर्फ वाले ठंडे पानी में पांच मिनट के लिए रखें। पानी ज्यादा न हो। अब शहद को मिलाकर एक तरह का मिश्रण तैयार करें और इस मिश्रण को अपनी आंखों के रखें। आराम से लेट जाएँ शरीर को रिलेक्स करें और बीस मिनट के लिए प्रतीक्षा करें। अब बर्फ वाले पानी से इस को हटा दें और ऐसा सप्ताह में दो बार दोहराएँ।

ककड़ी(खीरा) और आलू के रस का एक मिश्रण बना कर ठंडा करें और उसमें कपास को भिगा दें। इसे 15 से 20 मिनट के लिए अपनी पलकों पर रखें और धीरे-धीरे से इसे धो कर निकाल दें। उसके बाद बेबी आयल या कोई अच्छी क्रीम आँखों के नीचे लगाएँ।.

अपनी पलकों को खूबसूरत बनाने के लिए, हर रात अरंडी के तेल की एक पतला लेयर अपनी पलकों पर लगाएँ। यह पलकों को मजबूत बनाता है और आँखों को ठंडक पहुँचाता है। अपनी आंखों के चारों ओर नारियल के तेल की कुछ बूंदों से हल्के हाथ से मसाज करने से भी काले घेरों से छुटकारा मिलता है।

यदि आँखों के नीचे सूजन रहती है तो एक कपड़े में कदूकस किए एक आलू को बांधकर लगभग 15 मिनट के लिए अपनी आंखों पर रखें।

बराबर मात्रा में टमाटर और नींबू के रस का मिश्रण लें और आँखों के चारों ओर लगाएँ। 30 मिनट के बाद इसे पहले ठंडे और फिर हल्के गर्म पानी से धो दें।

चंदन और जायफल का एक पेस्ट बना कर आंखों के आसपास इस पेस्ट को सोने से पहले लगा लें और सुबह धो लें। थोड़ा कठिन उपाय है लेकिन फायदेमंद है।

ककड़ी(खीरा)का रस और गुलाब जल को मिलाकर अपनी आँखों के चारों ओर लगा लें और इसे 30 मिनट के बाद धो लें।

सबसे आसान उपाय है, कपास यानि कॉटन बाल्स को ठंडे दूध में भिगा कर आंखों पर रखें काले घेरे दूर करने के लिए।

यह कुछ सरल टिप्स का इस्तमाल करके देखे। कैमिकल रहित और घर पर ही उपलब्ध सामान से आसानी से तैयार होने वाले। लेकिन यदि समस्या किसी बीमारी के कारण या किसी और वजह से है तो डॉक्टर की सलाह ज़रुर लिजिए।

श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह बयालीसवा क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें,या फोन पर बताएँ ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। जो मनुष्य तौल कर बातें नहीं करता उसे कठोर बातें सुननी पड़ती हैं। इसी विचार के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओं, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।

तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार

संदर्भ आलेख
आप की राय लिखें
सूचनापट्ट
• वेबसाइट का नया संस्करण आएगा
• ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा
• दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन
विस्तृत>>
श्रोता क्लब
• विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग)
विस्तृत>>
मत सर्वेक्षण
निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है?
कत्थक
मणिपुरी
भरत नाट्यम
ओड़िसी
लोक नृत्य
बॉलिवूड डांस


  
Stop Play
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040