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चीनी मिट्टी के बर्तनों की राजधानी चिंग तेह चन का दौरा
2011-01-06 16:41:38

अब सी आर आई और चीन के च्यांगशी प्रांत के पर्यटन ब्यूरो द्वारा आयोजित सुंदर च्यांगशी नामक पर्यटन ज्ञान प्रतियोगिता का विशेष कार्यक्रम शुरु होता है । जैसा कि आप को मालूम है, दक्षिण पूर्वी चीन स्थित च्यांगशी प्रांत में पर्यटन संसाधनों की भरमार होती है , पहले हम ने आप के साथ इसी कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध दर्शनीय लू शान पर्वत का दौरा किया है , आज के इस कार्यक्रम में हम आप को चीनी मिट्टी बर्वतों की राजधानी के नाम से नामी चिंग त्ह चन के दौरे पर ले चलते हैं ।

यह दौरा शुरु होने से पहले हम आप से निम्न दो प्रश्न पूछ रहे हैं , पहला हैः चीनी मिट्टी बर्तनों के लिये चाइना का उच्चारण कैसे आया है ?दूसरा है चीनी मिट्टी बर्तनों से बजायी गयी प्रथम धुन का नाम क्या है ?

सर्वविदित है कि सारी दुनिया में चीनी मिट्टी के बर्तनों के लिये अंग्रेजी भाषा में चाइना यानी चीन शब्द का ही प्रयोग किया जाता है , पर चाइना शब्द का चिंग त्ह चन से क्या रिश्ता है ?चिंग त्ह चन शहर के पर्यटन ब्यूरो के प्रधान याओ निंग शंग ने इस का परिचय देते हुए कहा

इतिहास पर चिंग त्ह चन शिन फिंग चन के नाम से जाना जाता था , फिर थांग राजवंश काल में उस का नाम बदलकर छांग नान चन पड़ा । क्योंकि सुंग राजवंश काल में यहां पर निर्मित चीनी मिट्टी बर्तन विशेष तौर पर राजमहल भेजे जाते थे , इसलिये तत्कालीन राजा चन चुंग ने चिंग त्ह वर्ष का नाम छांग नान को भेंट किया । इस तरह इस शहर का नाम छांग नान चन को चिंग त्ह चन बदल गया ।

तो चाइना यानी चीन का उच्चारण कैसे आया?बात यह है कि तत्काल में पश्चिमी लोगों ने इस क्षेत्र में निर्मित चीनी मिट्टी बर्तनों को देखकर बहुत पसंद किया और यह पूछा कि ये बर्तन कहां के हैं ?जवाब में कुछ लोगों ने कहा कि ये बर्तन छांगनान में उत्पादित हुए हैं , इसी तरह ये बर्तन चाइना के नाम विख्यात होने लगे ।

चिंग त्ह चन में चीनी मिट्टी बर्तन बनाने की कला समूचे चीन में उच्च कोटि की है । यह परम्परा हान राजवंश काल में शुरु होकर आज तक बरकरार रही है । छिंग राजवंश काल से पहले चिंग त्ह चन में उत्पादित अधिकतर चीनी मिट्टी बर्तन समूचे चीन और सारी दुनिया में बेचे जाते थे । उस समय भिन्न किस्मों वाले चीनी मिट्टी बर्तन पैकिंग कर छांग नान से पो यांग झील व छांग च्यांग नदी होकर समुद्र पार कर विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में भेजे जाते थे , धीरे धीरे समुद्रीय चीनी मिट्टी बर्तन मार्ग प्रकाश में आया । यह मार्ग स्थलीय रेश्मी मार्ग के साथ साथ पूर्वी व पश्चिमी संस्कृतियों का आदान प्रदान करने का अहम माध्यम बन गया ।

पिछले कई सौ सालों से पहले पश्चिमी लोगों ने चीनी मिट्टी बर्तनों की सुंदर कला के जरिये चीन को पहचान लिया । चीनी मिट्टी बर्तनों पर अंकित चीनी स्टाइल निवास स्थान , मानवों की आकृतियां और कहानियां बराबर पश्चिमी लोगों का आकर्षण का केंद्र रही हैं । पश्चिमी कुलीन परिवारों को अपना उच्च स्थान व पर्याप्त धन दौलत दिखाने के लिये चीनी मिट्टी के कई बर्तन रखना पसंद हैं ।

हजारों वर्षों में चिंग त्ह चन के शिल्पियों द्वारा निर्मित दर्लभ सूक्ष्म चीनी मिट्टी बर्तन आजतक भी सुरक्षित हुए हैं और बराबर लोगों को आकर्षित कर लेते हैं । नवम्बर 2010 में लंदन के उपनगर में हुए एक नीलामी में छिंग राजवंश के च्येन लुंग काल की सरकारी भट्टी में उत्पादित एक फूलदान पांच करोड़ 16 लाख बांड यानी 55 करोड़ चीनी य्वान में बिका , जो एक नया रिकार्ड है ।

चिंग त्ह चन के प्राचीन भट्टी प्रदर्शनी क्षेत्र में हाथों से चीनी मिट्टी बर्तन बनाने की मूल प्रक्रियाएं हू ब हू बनाये रखे हुई हैं , जिन में विश्व में सब से महंगे चीनी मिट्टी बर्तन बनाने की प्रक्रियाएं भी शामिल हैं । शिल्पकला प्रदर्शित क्षेत्र में दसेक बुजुर्ग शिल्पियां पुराने तरीकों से चीनी मिट्टी बर्तन बनाते हुए दिखाई देते हैं । आज यह पुरानी दर्लभ शिल्पकला राष्ट्रीय स्तरीय अभौतिक सांस्कृतिक विरासत में घोषित की गयी है , जबकि ये बुजुर्ग शिल्पकार अभौतिक सांस्कृतिक विरासत के उत्तराधिकारी के रुप में अपनी अपनी अनौखी सूक्ष्म शिल्प नये लोगों को सीखाते हैं ।

पुराने अवशेष संग्राहक और पेइचिंग क्वान फू म्युजियम के प्रधान मा व्ई तू चीनी मिट्टी बर्तन बनाने की कला सीखने के लिये चिंग त्ह चन आये , वे चीनी मिट्टी बर्तन बनाने की सभी प्रक्रियाओं से बेहद परिचित हैं । उन्हों ने कहा

चीनी मिट्टी बर्तन बनाने की प्रथम क्रिया नमूना तैयार करने की है , इस प्रक्रिया को बिजली के बजाये उस्ताद अपनी शक्ति से पूरा करते हैं । यह प्रकिया देखने में बहुत आसान है , पर वास्तव में यह एक बहुत कठिन काम है , विशेषकर चीनी मिट्टी से बहुत पतले कटोरे जैसे बर्तन निर्मित करने की कला आसानी से सीखना भी मुश्किल है। आम तौर पर चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रक्रिया के दो प्रमुख भाग होते हैं। सब से पहले उस्ताद मिट्टी के बर्तनों के सुंदर नमूने बनाते हैं और फिर इन नमूनों को भट्टी में पकाने का अनुभव रखने वाले उस्ताद समुचित आंच पर बेहद सावधानी से पकाते हैं। यह एक बेहद जटिल प्रक्रिया है। भट्टी का भिन्न तापमान अलग-अलग क्वालिटी के बर्तनों को जन्म देता है। कहा जाता है इसका सही अनुभव पाने में दस साल से अधिक का समय लगता है।

प्राचीन भट्टी प्रदर्शनी क्षेत्र में एक बहुत बड़ा लकड़ी भट्टी भी देखने को मिलती है । उस की स्थापना दो सौ साल पहले छिंग राजवंश के च्येन लुंग काल में हुई थी । चिंग त्ह चन के राष्ट्रीय सांस्कृतिक म्युजियम अनुसंधानकर्ता चओ रुंग लिन ने इस का परिचय देते हुए कहा

इसी प्रकार की भट्टी चिंग त्ह चन के शिल्पकारों ने बनायी है , वह चिंग त्ह चन की विशेष पहचान है । तत्काल में इस भट्टी की निर्माण कला सब से उच्च स्तर की है । 2009 में वह गिनिस विश्व रिकोर्ड की सूची में घोषित हुई , उस का आयतन कोई 260 घनमीटर विशाल है । आज की दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षित उच्च कोटि वाले बर्तनों में से कुछ बर्तन इसी भट्टी में पकाये गये हैं । यह भट्टी की अनौखी निर्माण कला और बर्तन पकाने की कला से अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय अभौतिक सांस्कृतिक विरासत जानी जाती है ।

चिंग त्ह चन में परम्परागत सरकारी भट्टियों को छोड़कर आधुनिक व फैशनेबुल सांस्कृतिक माहौल भी व्याप्त है । सान पाओ गांव भी उन में से एक है । यह गांव दक्षिम पूर्व चिंग त्ह चन से दस किलोमीटर के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है । इस पुरानी ग्रामीण वास्तु शैली में निर्मित आगन में चीनी मिट्टी बर्तन वर्कशाप देखने को मिलता है , एक छोटी सरिका भी इस आगन से होकर आगे बह जाती है ।

बुजुर्ग ली च्येन शन इस सान पाओ अंतर्राष्ट्रीय चीनी मिट्टी बर्तन कला गांव के संस्थापक हैं । वे विदेश में काफी ज्यादा सालों तक रहे , फिर अपने बुढापे में जन्मभूमि चिंग त्ह चन वापस लौट आये । अब इस गांव में हर रोज़ शिल्पकार सब से आदिम तौर तरीकों से चीनी मिट्टी बर्तन बनाते हुए दिखाते हैं , जिस से अधिकाधिक विदेशी दोस्तों को आर्कषित किया जाता है । 2000 में यह अंतर्राष्ट्रीय चीनी मिट्टी कला गांव विधिवत रुप से खुल गया है । विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के चीनी मिट्टी बर्तन कलाकार स्थिर रुप से रहने यहां आये हैं ।

पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत का चमेली फूल नामक लोगगीत चीन में बहुत लोकप्रिय है , इस गीत की धुन बहुत ज्यादा संगीत वाद्य यंत्रों से बजायी गयी है । वह चीनी मिट्टी बर्तनों से बजने वाली प्रथम धुन ही है । यह धुन चीनी संगीतकारों ने माथो तंतुवाद्य , चीनी मिट्टी श्रृंखलाबद्ध घंटों , चीनी मिट्टी ढोल और चीनी मिट्टी बांसुरी से बजायी है ।

इस लेख में पूछने वाले दो प्रश्न इस प्रकार है कि चीनी मिट्टी बर्तनों के लिये अंग्रेजी भाषा में चाइना का उच्चारण कैसे आया है , दूसरा है चीनी मिट्टी बर्तनों से बजायी गयी प्रथम धुन का नाम क्या है ।

हमें आशा है कि आप पहले की ही तरह इस ज्ञान प्रतियोगिता में बढ चढ़ कर भाग लेंगे ।

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