दोस्तो, शांगहाई विश्व मेले में 19 अगस्त को अफ़गान राष्ट्र भवन का दिवस आयोजित हुआ। अफ़गान वाणिज्य व उद्योग मंत्री अनवर उल हाख अहादी व वर्ष 2010 शांगहाई विश्व मेले की चीन सरकार के उप अखिल प्रतिनिधि च्यांग छुन श्यांग समेत दोनों देशों के सरकारी अधिकारियों ने इस दिवस की गतिविधि में उपस्थित होकर भाषण दिया।
19 अगस्त को अफ़गानिस्तान की स्वतंत्रता की 91वीं वर्षगांठ है। वर्ष 2010 शांगहाई विश्व मेले के चीन सरकार के उप अखिल प्रतिनिधि च्यांग छुन श्यांग ने सब से पहले अफ़गान दोस्तों को दिवस की शुभकामनाएं दीं। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि हाल के कई वर्षों में अफ़गान जनता ने दृढ़ कोशिश से भिन्न-भिन्न मुश्किलों को दूर करके देश के निर्माण में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों से आए पर्यटक विश्व मेले के मौके पर अफ़गानिस्तान के रीति-रिवाज़ों व श्रेष्ठ सभ्यताओं को पहचान सकते हैं। उन्होंने कहा, अफ़गान राष्ट्र भवन का मुद्दा है एशिया का दिल, मौका व संसाधन का स्थान। इसने अफ़गानिस्तान के समृद्ध संसाधन व श्रेष्ठ सभ्यता को प्रतिबिंबित किया है। यहां लोग इमारतों की उच्च तकनीक निर्माण कला, सुन्दर खजाना व कलात्मक कृति आदि देख सकते हैं, और अफ़गानिस्तान की विशेष सुन्दरता तथा अफ़गान जनता की विश्वाल भावना व दृष्टि को महसूस कर सकते हैं।
अफ़गानिस्तान मध्य-पश्चिमी एशिया में स्थित है, जो चीन, पाकिस्तान व ईरान आदि देशों का पड़ोसी देश है। एशिया में उस का केंद्रीय स्थान हमेशा ध्यानाकर्षक है। इस बार के विश्व मेले के उद्यान में ए. ब्लॉक में स्थित नंबर दो एशियाई संयुक्त भवन अफ़गान राष्ट्र भवन यमन व बहरीन आदि पांच भवनों से संगठित है। भवन का मुद्दा है अफ़गान एशिया का दिल, मौका व संसाधन का स्थान । अफ़गान वाणिज्य व उद्योग मंत्री अहादी ने अपने भाषण में अफ़गान सरकार व जनता की ओर से चीन सरकार व शांगहाई विश्व मेले के आयोजकों को हार्दिक धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, यह पहली बार है कि अफ़गानिस्तान ने विश्व मेले में भाग लिया। अभी-अभी संघर्ष से गुज़रने वाले और सुरक्षा, अर्थतंत्र व समाज से जुड़े भिन्न-भिन्न मुसीबतों से पीड़ित एक देश के रूप में अफ़गानिस्तान के प्रति विश्व मेले में अफ़गानिस्तान की हिस्सेदारी एक बड़ी सफलता है। जब अफ़गानी जनता ने यह दृश्य देखा कि अफ़गान राष्ट्रीय झंडा अन्य देशों के 200 से ज्यादा राष्ट्रीय झंडों के साथ विश्व मेले के उद्यान में फहरा रहा है, तो उत्तेजना का ठिकाना न रहा।
अफ़गानिस्तान से आए कलाकारों ने विभिन्न देशों के दर्शकों के सामने अपनी विशेषता वाली परंपरागत नृत्य-गान की प्रस्तुति भी की, जिस का सभी दर्शकों ने हार्दिक स्वागत किया।(चंद्रिमा)