हू नान प्रांत का योंगचो एक पुराना व रहस्यमय स्थल है। चीन के श्वेई राजवंश से पहले यहां का नाम लींग लींग था। ईसवीं 589 में श्वेई के सम्राट ने यहां योंगचो प्रिफेक्चर की स्थापना की। इसके बाद यहां योंगचो एवं लींगलींग दो नाम हैं। चुंकि श्याओ व श्यांग दो नदियां योंगचो शहर को जोड़ती हैं, इसलिए, पुराने समय से योंगचो का और एक सुन्दर नाम है श्याओ श्यांग।
चीन के अनेक कविताओं व लेखकों ने योंगचो की भारी प्रशंसा की थी और इसके बारे में कई मशहूर कविताएं भी लिखी गयी थीं। भूतपूर्व हूनान प्रांत की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कमेटी के उप महासचिव वन श्वैनदेई इसी तरह योंगचो का व्याख्यान किया। उनके विचार में योंगचो एक पुस्तक है। उन्होंने विस्तृत रूप से हमें बताया, संस्कृति एक शहर की आत्मा है और सच्चा आकर्षण भी है। योंगचो का समृद्ध इतिहास व संस्कृति है।
योंगचो का पुराना इतिहास है। लगभग 12 हज़ार से ज़्यादा वर्षों से पहले यहां लोग रहते थे। इतना ही नहीं, योंगचो चीन में सबसे पुराना कृषि क्षेत्र था और विश्व के चावल की उत्पत्ति भी हुई थी। चीनी राष्ट्र के संस्थापक श्वन दी का देहांत योंगचो के च्योईशैन में हुआ, इसलिए, च्योईशैन भी चीनी लोगों द्वारा श्वन दी को श्रद्धांजलि अर्पित करने का पवित्र स्थल भी बन गया।
योंगचो की रंगीन संस्कृति भी है। पूर्व छिन राजवंश से अब तक योंगचो हमेशा ही साहित्यकारों का इकट्ठा स्थल रहा है। मशहूर साहित्यकार ल्यों ज़ुंगव्यैन, ह्वैई सू एवं ह श्याओची आदि साहित्यकारों यहां रहते थे और उन्होंने कई मशहूर लेख या कविताएं लिखी थीं।
योंगचो याओ जाति का निवास स्थान भी है। यहां चीन में सबसे ज्यादा आबादी होने वाली याओ जाति स्वायत प्रिफेक्चर है। याओ जाति की रंग बिरंगी संस्कृति चीनी राष्ट्र की संस्कृति के भंडार में अनोखी चीज़ हैं। इसके अलावा, योंगचो में कई अद्भुत सांस्कृतिक स्थिति भी है। च्यांग योंग लिपि तो इन में से एक है। यह भाषा केवल महिलाएं पढ़ती हैं, जो दुनिया में अब तक जीवित महिलाओं की लिपि भाषा है।
योंगचो में प्रचुर दर्शनीय स्थल भी हैं। यहां च्योईशैन, यांगमींगशैन एवं श्वनह्वांगशैन आदि प्राकृतिक दृश्य हैं। इसके साथ साथ, नींगव्येनवन मंदिर, च्यांगयोंग शांगगैनथांग गांव, तुंगएन क्वांगली पुल आदि 27 सांस्कृतिक दृश्य भी हैं। जब लोग योंगचो में प्रवेश करते हैं, तो अवश्य ही योंगचो के प्राकृतिक दृश्य से आकर्षित होते हैं। आपको गहन रूप से महसूस होगा कि योंगचो वास्तव में एक पुस्तक है, जिसे लोग हमेशा के लिए पढ़ सकते हैं।
नये चीन की स्थापना के बाद, खास तौर पर चीन में रुपांतरण व खुलेपन की नीति लागू होने के बाद हू नान के योंगचो ने तेज़ आर्थिक व सामाजिक विकास करना शुरू किया। पुराने योंगचो को बरकरार रखने के साथ साथ नये योंगचो का निर्माण भी किया गया। अब योंगचो की सरकार एवं जनता देश विदेश के पर्यटकों के योंगचो की यात्रा करने, छुट्टी लेने और पूंजी निवेश डालने का स्वागत कर रही है। योंगचो अवश्य ही आपका सबसे अच्छा विकल्प होगा।