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10-08-19
2010-08-19 16:02:49

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। फूलों का, तारों का सबका कहना है, एक-हज़ारों में मेरी बहना है। भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना। रक्षा बंधन, हमारे भारत देश का एक महत्वपूर्ण त्योहार। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को धागे में हमेशा बाँधे रखता, रक्षा बंधन का पावन त्योहार। जिसे हमारे देश के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत और उत्तर-पश्चिम में राखी पूर्णिमा, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटका में नारियल पूर्णिमा के नाम से, दक्षिण भारत में अवनि अविटम या उपकरमम्, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड में श्रावणी या कजरी पूर्णिमा के नाम से और भी कई नाम है इस त्योहार के। आज जब लोगों ने संपर्क करने के लिए फोन, ई-मेल का प्रयोग करना शुरू कर दिया है तो पत्र लिखकर पत्र-बॉक्स में पत्र डालने का फैशन तो पूरी तरह खत्म हो चुका है,पर हम चाहे कितने आधुनिक हो जाएँ अगर बहन दूर रहती है तो आज भी रक्षा बंधन के त्योहार से पहले बहनों की डाक द्वारा भेजी राखी का इंतज़ार करते हैं।अब डाक कुरइयर के रुप में भी हो सकता है पर है तो मेल ही ना। चलिए, इसी के साथ न्यूशिंग स्पेशल की ओर से सभी भाई-बहनों को रक्षा बंधन के त्योहार की बहुत-बहुत बधाई। यहाँ चीन में बसे भारतीय भी रक्षा बंधन का त्योहार अपने चीनी भाई-बहनों के साथ मिलकर मनाते हैं, चीनी महिलाएं भारतीय परिधान पहनकर बहुत सुंदर लगती हैं और चीनी पुरुष भी कुरता-पजामा पहन हैंडसम दिखते हैं। तो आज का कार्यक्रम शुरु करें।

जैसे भारत में त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है न उसी तरह यहाँ चीन में भी 16 अगस्त को एक परंपरागत त्योहार था जिसे चीनी भाषा में ची शी(सातवीं रात) के नाम से जाना जाता है यानि चीन का वेलन्टाइनस डे, प्रेमियों का दिन। यह त्योहार अपने नाम की तरह चीनी केलंडर के अनुसार सातवें महीने के सातवें दिन पर मनाया जाता है। परंपरा के अनुसार इस दिन युवा लड़कियाँ खासकर तरबूज़ पर नक्काशी करके अपनी घरेलू कला का प्रदर्शन करती है और अपने लिए एक अच्छे पति की कामना करती है।

कहते हैं-गरमियों की रात में आसमान में अलटयर तारा और तारा वेगा एक साथ चमकते हुए दूर से दिखाई देते हैं। यह चीनी प्रेम कथा कुछ इस प्रकार है कि एक युवा गोपालक नियो लैंग (जो अब अलटयर तारा है) ने झील में स्नान करती हुई सात बहनों को देखा जो वास्तव में परियाँ थीं। अपने शरारती बैल द्वारा प्रोत्साहित होकर उसे शरारत सूझी और उसने उन सातों बहनों के कपड़े चुरा लिए और वहीं खड़े होकर इंतजार करने लगा, यह देखने के लिए कि आगे क्या होता है। सभी परियों ने मिलकर अपनी सबसे छोटी और सबसे सुंदर बहन झ़ी न्यू को चुना (जो एक बुनकर और अब वेगा तारा है) कपड़े वापस लाने के लिए। वह ऐसा करती कि उससे पहले नियु लैंग ने उसे नग्न अवस्था में देख लिया और खुद से शादी करने के लिए अनुरोध किया जिससे झ़ी नियू को सहमत होना पड़ा। झ़ी न्यू एक अच्छी पत्नी साबित हुई और नियु लैंग अच्छा पति। दोनों साथ में बेहद खुश थे। लेकिन स्वर्ग की देवी (जो झ़ी न्यू की माँ थीं) को जब पता चला कि उनकी परी बेटी की शादी धरती पर रहने वाले नश्वर इंसान के साथ हुई है तो वे बहुत नाराज़ हुईं। स्वर्ग की देवी ने अपनी बेटी को मजबूर किया कि वह स्वर्ग में वापस आकर रंगीन बादलों की बुनाई का काम फिर से करें क्योंकि वह धरती पर नश्वर इंसान के साथ रहकर ऐसा नहीं कर सकती। गुस्से में आकर स्वर्ग की देवी ने अपने बालों से पिन निकाला और आकाश में खरोंच कर एक गहरी नदी बना दी जिससे दोनों प्रेमियों को सदा के लिए एक-दूसरे से दूर कर दिया। इस तरह अलटयर तारा और तारा वेगा को दूर कर आकाशगंगा का गठन हुआ।

उसके बाद से झ़ी न्यू नदी के पार बैठ कर अपने करघे पर बुनाई करती रहती है और नियु लैंग दूर खड़े उसे निहारता रहता है और अपने दोनों बच्चों की देखभाल करता है।

लेकिन वर्ष में एक बार दुनिया के सभी मेगपाइस यानि भुजंगा पक्षी को उन पर दया आती है और वे स्वर्ग तक उड़ कर जाते हैं ताकि धरती से स्वर्ग तक वे इन प्रेमियों के मिलन के लिए पुल बना सकें। मेगपाइस यानि भुजंगा पक्षी का पुल(चउए चियाओ)कायग्नस नक्षत्र में डेनेब तारे पर बनाते हैं ताकि सातवी चाँदनी रात में एक रात के लिए इन प्रेमियों का मिलन हो सके। तो यह है एक प्यारी लेकिन दुख भरी कथा इस त्योहार के बारे में, जिसे अब चीन में प्रेमी-प्रेमिका उल्लास के साथ मनाते हैं। इस के अलावा पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित होकर चीन में 14 फरवरी को भी वेलन्टाइनस डे मनाया जाता है।

अब जब हम त्योहारों के बारे में बात कर रहे हैं। खुशी, उल्लास के बारे में बात कर रहे हैं तो त्योहारों के मौके पर मीठा न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। तो चलिए आज हम कुछ मीठा बनाना सीखते हैं।

श्रोताओ, आजकल यहाँ बीजिंग में गर्मी बहुत है। गर्मी का मौसम हो और ठंडी-ठंडी आइसक्रीम ना खाए, ऐसा हो ही नहीं सकता। इस मौसम में ठंडी- ठंडी चीज़ें जहाँ स्वादिष्ट लगती हैं, वहीं शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होती हैं। वैसे भी तेज़ धूप और गर्मी में गर्म चीजें खाने का तो किसी का मन होता भी नहीं है। तो खास आपके लिए हम इस बार लाए है लाजवाब आइसक्रीम-कुल्फी बनाने की रेसीपी। मुझे आज भी याद है बचपन में गर्मियों के दिनों में शाम के समय हमारे मुहल्ले में रेड़ी पर कुल्फी बेचने वाला आता था और उसकी रेड़ी पर घंटी लगी होती थी जिसकी आवाज़ सुन सब बच्चे घरों के बाहर दौड़े आते थे और उसकी रेड़ी को घेर कर खड़े हो जाते थे। उसकी मलाई कुल्फी, पिस्ता कुल्फी का कोई जवाब नहीं था, इतनी स्वादिष्ट लगती थी कि सब 2-3 कुल्फी तो आराम से खा जाते थे। कितने अच्छे थे, बचपन के दिन।

साबूदाना कुल्फी

सामग्रीः

एक कप साबूदाना

एक कप मलाई

डेढ़ लीटर दूध

आधा कप चीनी

चार बड़े चम्मच मिक्स फ्रूट जैम

आधा चम्मच पिसी इलायची

दो छोटे चम्मच गुलाबजल

तीन-चीर बूंद गुलाब एसेंस

दस काजू या बादाम

विधिः

1. साबूदाना अच्छी तरह साफ करके धो लें और तीस मिनट के लिए पानी में भिगो दें।

2. दूध को आंच पर गर्म करें और तीन चौथाई कर लें।

3. अब साबूदाने का पानी निकाल कर इसमें डालें व लगातार चलाते हुए गलने तक दूध में पकाएँ।

4. चीनी व इलायची पाउडर डाल कर मिलाएँ।

5. ठंडा होने पर गुलाबजल, गुलाब का एसेंस तथा मलाई डालें।

6. जैम को फेंट कर पतला करें।

7. कुल्फी सांचे में पहले कुल्फी मिश्रण डालें उसके ऊपर आधा जैम डालें।

8. फिर मिश्रण व ऊपर जैम डाल कर फैलाएँ और फ्रिजर में जमने के लिए रखें।

9. यह कुल्फी स्वादिष्ट तो होती ही है, साथ ही साथ पौष्टिक भी होती है।

तो मौका भी है, सीजन भी, इस त्योहार के मौके पर आप भी यह कुल्फी बनाए, खाएँ-खिलाएँ और अपने परिवार के साथ मिलकर मज़ा उठाएँ। लेकिन हमें न भूलें, पत्र लिखकर हमें भी बताएँ कैसी लगी आपको यह रेसिपी।

श्रोताओ, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह बीसवां क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। जीवन में कभी समझौता करना पड़े तो कतराइगा नहीं, क्योंकि झुकता वही है जिसमें जान होती है, अकड़ मुरदों की पहचान होती है। इसी विचार के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी.ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई. —7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।

तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार

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