यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। हमें पूरा विश्वास है कि इस कार्यक्रम में बताएँ गए घरेलू उपाय,टिप्स या रेसिपिस आपको पसंद आ रहे होंगे तथा स्वादिष्ट पकवान बनाकर और सौंदर्य टिप्स अपनाकर आप को ज़रूर फायदा हो रहा होगा। चलिए, आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं।
यह तो आप सब जानते ही हैं कि चीनी महिलाएँ,युवतियाँ बहुत खूबसूरत होती हैं, वे अपने स्वास्थ्य और सौंदर्य का बहुत ध्यान रखती हैं। किसी भी चीनी महिला को देखकर आप उनकी उम्र का अंदाजा हमेशा गलत लगाते हैं क्योंकि आप जितना भी कम अंदाजा लगाए उनकी उम्र उससे ज़्यादा होती है। पर देखने में वे लगती नहीं हैं कि उनकी उम्र वास्तव में उतनी होगी। उदाहरण के तौर पर 40 वर्षिय महिला 30-31 वर्ष से ज़्यादा की नहीं लगती। कितनी बार चीनी महिलाओं को देखने पर ऐसा लगता है कि वे युवती है पर बाद में पता चलता है कि वे तो एक किशोर बालक या बालिका की माँ हैं। बहुत हैरानी होती है देखकर। अधिकांश चीनी महिलाएँ ऐसी हैं। उसका सबसे बड़ा कारण है कि एक तो वे शारीरिक श्रम अधिक करती है, चाहे वह काम के कारण हो या व्यायाम के रूप में। वे बहुत फुर्तीली होती हैं, इस कारण शरीर लचीला और सुडौल बना रहता है। इसी के साथ-साथ वे अपने खाने-पीने का भी अच्छी तरह ध्यान रखती हैं। क्या खाना चाहिए, कितना खाना चाहिए जिससे स्वास्थ्य और सौंदर्य बना रहे इसका हर वक्त ध्यान रखती हैं। वे अपने स्वास्थ्य और सौंदर्य को लेकर बहुत जागरूक और हर समय सचेत रहती हैं। ऐसा नहीं है कि चीनी भोजन में तेल, मसालों का प्रयोग नहीं किया जाता या उनमें चिकनाहट नहीं होती या फिर महिलाएँ, युवतियाँ फैशन के कारण ऐसा खाना नहीं खाती। ऐसा कुछ नहीं है, ये भी स्वादिष्ट भोजन की शौकिन हैं। परंतु संतुलित मात्रा में खाना और यदि अधिक खा भी लिया तो शारीरिक श्रम या व्यायाम वजन बढ़ने ही नहीं देता। देखा आपने कितनी सचेत हैं ये अपने स्वास्थ्य के बारे में।
यहाँ केवल दृढ़ संकल्प, एकाग्रता और ड्राइव की आवश्यकता होती है और कुछ नहीं। सब निर्भर करता है कि आप अपने आप से कितना प्यार करती है, खुद को कितना चाहती हैं। फिर समय न मिलने की शिकायत, परिवार की जिम्मेदारियों के बीच खुद को भूल जाने जैसी कोई शिकायत मायने ही नहीं रखेगी आपके लिए।
चलिए जब बात हो रही है महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में तो मैं आपको एक बहुत ज़रूरी बात बताती हूँ। कुछ दिन पहले मैंने समाचार पत्र में एक लेख पढ़ा था --
नींद पूरी न हुई तो बढ़ सकता है वजन
आजकल अपने पसंदीदा टी.वी कार्यक्रम देखते हुए आप देर रात तक जगाते रहते हैं तो सावधान हो जाइए, देर तक जागना आपको कितना महंगा पड़ सकता है और नींद की कमी से आंखों के नीचे काले घेरों के साथ ही आपकी छरहरी काया मोटी और बेडौल हो सकती है।
अमेरिका के केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी में हाल ही में 68,000 महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन के नतीजों में पाया गया कि जो महिलाएं पांच घंटे से कम नींद लेती हैं उनका वजन सामान्य से कहीं ज्यादा होता है। सात घंटे की नींद लेने वाली महिलाओं की तुलना में पांच घंटे की नींद लेने वाली महिलाओं का वजन बहुत ज्यादा होता है।
डॉ.बताते हैं कि नींद का असर उन हार्मोन पर पड़ता है जो भूख लगने और संतुष्टि से जुड़े होते हैं। ये हार्मोन क्रमश: लेप्टिन और ग्रेलिन हैं।
वह कहते हैं कि सामान्य अवस्था में वसा कोशिकाएं लेप्टिन हार्मोन का उत्पादन करती हैं जो रक्त वाहिनियों में जाता है। यह हार्मोन पर्याप्त वसा संग्रह का संकेत होता है और प्राकृतिक तरीके से भूख को दबाता है।
डॉ. कहते हैं कि ग्रेलिन हार्मोन का उत्पादन बड़ी आंत की कोशिकाएं करती हैं। यह हार्मोन मस्तिष्क को यह संकेत देता है कि अब कुछ खाना चाहिए।
नींद पूरी न होने पर लेप्टिन का स्तर कम हो जाता है और भूख लगने लगती है। इसी स्थिति में भूख लगने के लिए जिम्मेदार ग्रेलिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और मस्तिष्क को भूख लगने का संकेत मिल जाता है। व्यक्ति को कुछ खाने की इच्छा होने लगती है। इसका नतीजा मोटापे के रूप में सामने आता है।
हालात ऐसे हो गए हैं कि बड़े तो बड़े, बच्चों को भी कई बार देर रात तक जागना पड़ता है। उन पर पढ़ाई का दबाव होता है। लेकिन इसके गहरे दुष्परिणाम भी होते हैं। अगले दिन भूख का अहसास खत्म नहीं होता। लगातार खाने के कारण मोटापा बढ़ता है। फिर मोटापे से छुटकारा पाने के लिए डाइटिंग और कई उपाय किए जाते हैं लेकिन अपर्याप्त नींद की ओर अक्सर लोगों का ध्यान नहीं जाता। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। लेकिन कुछ ऐसे स्लीप डिस्ऑर्डर हैं जिनका सीधा संबंध मोटापे से होता है। इनमें से एक है पिकवीकियन सिन्ड्रोम जिससे अक्सर मोटे लोग प्रभावित होते हैं। डॉक्टरों का कहना हैं लोग नहीं जानते कि नींद कम होने पर शरीर अधिक कैलोरी खत्म नहीं कर पाता। इसकी वजह से अतिरिक्त कैलोरी वसा बन कर जमने लगती है और वजन घटाने की सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है।
तो मोटापे के एक कारण को आप जान गए हैं। आपको याद होगा हमने अपने कार्यक्रम में आपको बताया था भरपूर नींद लेने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। आज आपने जाना भरपूर नींद लेने से मोटापा नहीं बढ़ता।
अब जब मोटापे की बात चल रही है तो क्यों न कुछ हेल्थी और स्वादिष्ट पकाया जाए। जो शरीर के लिए भी हल्का-फुल्का हो और साथ-साथ पौष्टिक भी। तो चलिए आज बनाते हैं – टमाटर दाल का सूप
सामग्रीः
टमाटर – 8
गाजर – 2
प्याज – 2
मसूर की दाल – 4 बड़े चम्मच
अदरक – एक छोटा टुकड़ा
नमक व कालीमिर्च पाउडर – स्वादानुसार
विधिः
टमाटर, गाजर व प्याज काट लें।
नमक व कालीमिर्च पाउडर के अलावा सभी सामग्री को थोड़ा पानी डाल कर उबाल लें।
मिक्सी में पीस कर छान लें।
इस सूप को थोड़ा पकाएँ।
गाढ़ा हो तो थोड़ा पानी डाल दें।
अब नमक व कालीमिर्च पाउडर डाल दें।
चाहे तो ऊपर से थोड़ा शहद और क्रीम भी डाल दें और गरम-गरम परोसें।
देखा कैसे तैयार हो गया स्वादिष्ट और पौष्टिक सूप। तो मज़ा लिजिए इस सूप का और हमें भी लिख भेजिए अपनी राय। यदि आपके पास भी ऐसे स्वादिष्ट भोजन बनाने की रेस्पिस हो तो हमें इंतजार है आपके पत्रों का। आपके द्वारा भेजी रेस्पिस को हम अपने कार्यक्रम में शामिल करेंगे और अपने श्रोताओं को उनके बारे में बताएँगे।
श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह अठारहवा क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। धूप बर्फ पिघला देती है, ठीक उसी तरह जब क्रोध आता है तो बुद्धि चली जाती है। इसी संदेश के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओं, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार