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10-07-29
2010-07-29 16:50:56

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, हर सप्ताह की तरह आज भी न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। श्रोताओं, पूरी उम्मीद करती हूँ, कि आपको न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम पसंद आ रहा होगा। हम न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में महिलाओं से जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं के बारे में ढेर सारी बातें करते हैं। जिनसे हम सब कहीं-न-कहीं जुडे़ हुए हैं। यहाँ चीन में क्या-क्या होता है, इन सब की जानकारी हम आपको देते रहते हैं। जिससे आपको यहाँ के जीवन के बारे में और अधिक जानने को मिले।

श्रोताओ, आज हम बिजिंग में आवासीय इमारतों के बारे में बात करते हैं। गगनचुंबी इमारतें जिनमें बिजिंग वासी तथा विदेशी अपना आशियाना बनाते हैं। आमतौर पर इमारतें 20 या अधिक मंजिलों की होती हैं। यहाँ लोग ऊपरी मंजिल पर रहना अधिक पसंद करते हैं इसलिए उनकी कीमतें तथा किराए भी निचली मंजिल से ज़्यादा हैं। जैसा कि हम ने आपको पहले भी बताया था कि चीनी लोग अपने घर के ऊपर बहुत खर्च करते हैं। उसे सजाने-सवांरने पर, इनके लिए अपना घर होना बहुत महत्वपूर्ण है। घर के रख-रखाव पर, साफ-सफाई पर समय के साथ-साथ बहुत व्यय भी किया जाता है इसलिए पुराने घर भी नए लगते हैं। यहाँ केवल आर्थिक तौर पर संपन्न लोग आलिशान घरों में नहीं रहते बल्कि मध्यम वर्ग के लोगों के भी घर शानदार होते हैं। इसी के कारण यहाँ घरों के किराए आसमान को छूते हैं। हर इमारत में लिफ्ट होती है जिसमें कैमरा लगे होते हैं और हर घर में,चाहे वह छोटा हो या बड़ा ए.सी लगा होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप यहाँ किसी भी इमारत में अपनी इच्छानुसार प्रवेश नहीं कर सकते। हर आवासीय इमारत के प्रवेश-द्वार पर सुरक्षा कर्मी खड़े रहते हैं, जो पूरी जाँच-पड़ताल के बाद ही आपको प्रवेश करने देते हैं। यहाँ तक की आप जिस इमारत में रहते हैं वहाँ भी गेट पर आपको अपना इलेक्ट्रोनिक कार्ड छू कर अपनी पहचान देनी पड़ती है,तब गेट खुलता है और आप प्रवेश कर सकते हैं। ऐसा हर इमारत में होता है, उन इमारतों में भी जहाँ सुरक्षा कर्मी नहीं होते। कोई भी आपके घर के बाहर आपकी इज़ाज़त के बिना नहीं आ सकता। है न एकदम सुरक्षित माहौल जहाँ भय, शंका का नामोनिशान तक नहीं। जीवन आसान लगने लगता है जब सुरक्षा की गारंटी मिल जाती है। घर पर वृद्ध माता-पिता या बच्चों को यदि अकेले रहना पड़ जाए तो किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं सताती। बिजली-पानी की सुविधा 24 घंटे-सातों दिन है। नल में 24 घंटे ठंडा और गर्म पानी आता है। यहाँ बिजली, पानी और गैस का बिल नहीं आता। सब प्रिपेड होता है यानि बिजली, पानी और गैस के कार्ड में पैसे डलवा कर उनका प्रयोग किया जाता है। गर्मी के दिनों में ए.सी का प्रयोग किया जाता है और सर्दियों में सरकार द्वारा 6 महीने पूरे शहर में घरों को गर्म करने के लिए हिटिंग शुरु की जाती है जिससे घर के अन्दर पता ही नहीं चलता की बाहर का तापमान 0 डिग्री है या उससे भी कम। यहाँ जब लोग किराए पर मकान लेते हैं तो घर में ज़रुरत का सारा सामान पहले से ही मौजूद होता है, उदाहरण के लिए बैठक में सोफा, टी.वी, डाइनिंग टेबल, रसोई में फ्रिज, अवन, माइक्रोवेव आदि, कमरों में बिस्तर, अलमारियाँ और अन्य ज़रुरत का सारा सामान होता है।यहाँ तक कि इलेक्ट्रानिक सामान जैसे टी.वी, डी.वी.डी प्लेयर, सी.डी प्लेयर आदि भी मिलता है। केवल अपने कपड़े लेकर घर में प्रवेश करने की आवश्यकता है बाकि सब कुछ पहले से ही मौजूद है। जब इतनी सुविधाएँ एक साथ मिल जाएँ तो जीवन आसान हो जाता है। आप अपने काम और परिवार के साथ पूरा जस्टिस(न्याय) कर पाते हैं।उन्हें पूरा समय देकर।

श्रोताओ, कैसी लग रही है चीन के बारे में जानकारी, आपका मन भी कर रहा है न यहाँ आने का?

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स्ट्रेस या तनाव आधुनिक समाज में एक बहुप्रचलित मानसिक रोग की श्रेणी में आता है। संभवतः समय के साथ बढ़ते घरेलू विवाद, आपसी मतभेद, कार्य की व्यस्तता, दूसरों से आगे निकलने की होड़, अपने मनोनुकूल कार्य का न होना, दफ्तर में अपने से ऊपर बैठे अधिकारी द्वारा तिरस्कृत किया जाना, बढ़ते तनाव व गलत संगत की वजह से किसी नशे का आदी हो जाना, बदलते समय के अनुरूप अपनी सोच में बदलाव न लाना, लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित रहना तथा सबसे महत्वपूर्ण कारण अपने अंदर की प्रतिभा तथा क्षमता को नजरअंदाज कर अपने आपको दूसरों से हीन समझना स्ट्रेस के मुख्य कारणों में से है। बड़े तो बड़े, बच्चे तथा युवा भी तेजी से इस रोग का शिकार हो रहे हैं। पढ़ाई का अत्यधिक बोझ, घर पर होमवर्क का टेंशन, माता-पिता द्वारा बच्चे को स्कूल में कम अंक मिलने पर डाँटना, बच्चों को अपनी रुचि के अनुरूप कार्य करने से रोकना आदि मुख्य कारण हैं। अंततः कारण अनेक पर बीमारी एक यानी स्ट्रेस-तनाव । इससे ग्रसित व्यक्ति में ऊर्जा तथा उत्साह की कमी, कार्य के प्रति विमुखता, भूख तथा नींद में कमी, जीवन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण, किसी भी नए कार्य या जिम्मेदारी का निर्वाह करने में डर महसूस करना, शरीर-भार में कमी होना, शरीर में थकान व कहीं भी दर्द का होना, एकाग्रता की कमी होना तथा कभी-कभी मन में आत्महत्या की भावना पनपना आदि इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। कई बार शारीरिक लक्षण, मानसिक लक्षणों की अपेक्षा ज्यादा प्रबल होते हैं।

आधुनिक शास्त्र तनाव का कारण मस्तिष्क में सिरोटोनीन, नार-एड्रीनलीन तथा डोपामिन आदि न्यूरो ट्रांसमीटर की कमी मानता है अतः इन्हीं न्यूरो ट्रांसमीटर की सामान्य मात्रा को बनाए रखने वाली औषधियाँ मुख्य रूप से दी जाती हैं। इनके अपने फायदे व नुकसान हैं।

इनके साथ ही साथ आप अपने श्वास पर ध्यान देकर तनाव से मुक्त हो सकते हैं। कैसे.....तो चलिए जानते हैं कुछ श्वास संबंधी व्यायाम।

1. सबसे पहले किसी आरामदायक जगह पर सीधे बैठे।

2. आँखें बंद कर लें और अपने माइंड को बलैन्क कर लें यानि कुछ भी न सोचें, आपके आस-पास क्या हो रहा है उससे अपने आप को दूर ले जाएँ।

3. आँखें बंद किए हुए केवल अपनी साँसों पर ध्यान दें। धीरे-धीरे नाक से साँस लें और धीरे-धीरे मुँह से साँस छोड़ें। ऐसा करते समय आपका ध्यान केवल अपनी साँसों पर होना चाहिए और कहीं नहीं।

4. ऐसा 3 से 5 मिनट तक करें।

5. आप चाहें तो इसका अभ्यास धीरे-धीरे बढ़ा कर आप 15 से 20 मिनट तक कर सकती हैं।

6. इसके नियमित अभ्यास से आप अपने आप को, अपने शरीर को तनाव भरी स्थिति से आसानी से बाहर लाने में सफल रहेंगी।

यह आपको न केवल तनाव बल्कि डर लगना, घबराहट, चिंता जैसी स्थिति में भी कारगर सिद्ध होगा। श्वासों पर ध्यान से गुस्से को भी काबू में रखा जा सकता है। तो प्रयास कीजिए नियमित अभ्यास करने का।

साथ ही साथ आप निम्न बातों का भी पालन करें।

1. खाली रहने की स्थिति में फालतू नहीं बैठें, अपितु उस समय में अपनी रुचि का कोई कार्य या किसी पत्रिका, पुस्तक आदि का वाचन करें अथवा अपने मित्रों के साथ किसी बौद्धिक विषय पर वार्तालाप करें।

2. सामने वाले व्यक्ति की जो बात अच्छी न लगे, उसे नजरअंदाज कर दें।

3. अपनी गलतियों पर दुख करने की बजाए आगे से वे न हों, इसके लिए कटिबद्ध रहें।

4. यह मानकर चलें कि विषम परिस्थितियाँ जीवन का अभिन्न अंग हैं।

5. रोज प्रातःकाल अनुलोम-विलोम, प्राणायाम तथा ईश्वर का ध्यान करें।

तो तनाव को भगाइए, हँसिए, हँसाइए और खुश रहिए।

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श्रोताओ, एक लेख जिसे मैंने पढ़ा और आपके साथ बाँटना चाहती हूँ। वह है -- अच्छी नींद लेने से आप की स्मरण शक्ति बेहतर होती है।

जो लोग प्रसंस्करण और स्मृति भंडारण के बाद सोते हैं वे अपने इरादों में, अपने लक्ष्यों में या अपनी योजना पर बेहतर तरीके से अमल कर सकते हैं उन लोगों की तुलना में जो ऐसा करने से पहले सोते हैं।

वाशिंगटन विश्वविद्यालय -संत लुईस (WUSL) के शोधकर्ता माइकल सक्लिन और उनके सलाहकार मार्क मेक्डेनियल ने दिखाया है कि अच्छी नींद किसी भी चीज़ को याद करने की क्षमता को बढ़ाती है, इस कौशल को संभावित स्मृति के रूप में जाना जाता है।

भावी स्मृति या संभावित स्मृति में जो बातें शामिल हैं वे कुछ इस प्रकार हैं जैसे कि दवा लेना, किसी के लिए उपहार या कार्ड खरीदना या जन्मदिन की पार्टी के लिए घर आइसक्रीम लाना आदि।

जबकि मनोविज्ञान में विशाल बहुमत नींद के साहित्य में पूर्वव्यापी स्मृति को समर्पित है (यानि वे चीजें जो अतीत में हुई थीं), इस अध्ययन द्वारा नींद और भावी स्मृति के बीच जो रिश्ता है उसे समझने में पहली सफलता मिली है, ऐसी स्मृति जिसे हर दिन काम में लाया जाता है।

शोधकर्ताओं के निष्कर्षों के आधार पर, अनुभूति के साथ-साथ स्मृति में नींद का कितना योगदान है यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है। ये स्मृति और नींद के बीच संबंधों के अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष हैं जिन्हें प्रकाशित मनोवैज्ञानिक विज्ञान में ऑनलाइन प्रकाशित किए गए थे।

तो पूरी नींद लिजिए और अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाइए।

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श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह सत्रहवा क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। एल्बर्ट क्मुस ने कहा है- जब तक हम खोजते रहेंगे कि खुशी क्या है तब तक हम खुश नहीं रह सकते और अगर हम जीवन का अर्थ ही खोजते रहे तो कभी जी नहीं पाएँगे। इसी संदेश के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।

तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार

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