यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। हम आपको एक बार फिर से बता दें कि चीनी भाषा में न्यूशिंग का अर्थ होता है—नारी, महिला और हर महिला अपने आप में खास होती है, स्पेशल होती है। इसलिए हमारे कार्यक्रम का नाम न्यूशिंग स्पेशल है। श्रोताओं, आजकल यहाँ बिजिंग में भी दिल्ली की तरह बहुत गरमी पड़ रही है। आशा करती हूँ कि आप सब इस गरमी में अपना ध्यान रख रहें होंगे। इस गरमी से निपटने के लिए खूब पानी पीजिए, लस्सी, छाछ, आम पन्ना, नींबू पानी का सेवन अधिक मात्रा में कीजिए। तरबूज़ खाइए, इस मौसम में यह बहुत लाभदायक सिद्ध होगा आपकी सेहत के लिए। वैसे भी तरबूज़ और गरमी का आपस में क्लासिक कोम्बिनेशन है। यह केवल शरीर को ठंडक ही नहीं पहुँचाता इसमें विटामिन ए और सी के साथ-साथ लाइपोसीन भरपूर मात्रा में होता है, और कोलेस्ट्रोल फ्री होता है, जो हमारे ह्रदय को स्वस्थ रखता है और कैंसर के खतरे को कम करता है। इसके साथ-साथ यह फल फैट्स फ्री होता है यानि इसमें वसा नहीं होता। तो ठंडे-ठंडे, मीठे-मीठे तरबूज़ के साथ हम भी मीठी शुरुआत करते हैं।
मीठा-मीठा तरबूज़ तो वैसे ही खाने में मज़ा आता है, लेकिन अगर इस फल का कुछ बनाया जाए तो कैसा रहेगा। आज हम बनाना सीखते हैं, वाटरमेलन ग्रनिटा(एक तरह का तरबूज़ का शरबत जिसे आइसक्रीम की तरह जमाया गया है)
इसके लिए आपको चाहिएः
- करीब 1/2 तरबूज़ जिसे छोटा-छोटा काट लीजिए और बीज निकाल दीजिए।
- 1/4 कप चीनी
- 1/4 कप नींबू का रस
अब सीखते हैं इसे बनाने की विधिः
1. तरबूज़, नींबू का रस और चीनी एक साथ डालकर मिक्सर में अच्छी तरह मिला लें ताकि चीनी पूरी तरह घुल जाए। अगर आपको चीनी या नींबू का रस कम लगे तो और भी डाल सकते हैं।
2. एक बर्तन में डाल कर फ्रिज में 2 1/2 घंटे तक जमाने के लिए रख दें और 1-1 घंटे में चम्मच से घुमाते रहें ताकि यह बर्फ की तरह न जमे।
3. इसे परोसने से पहले, 10 मिनट तक बाहर निकाल कर रखें और फिर चम्मच की सहायता से खुरचते हुए निकालकर गिलास में डालें और ठंडे-ठंडे वाटरमेलन ग्रनिटा का मज़ा लें।
हममममम.....इन चिलचिलाती गरमियों में ठंडी-ठंडी चीज़ें कितनी राहत पहुँचाती हैं।
पैर हमारे शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारे शरीर का सारा भार हमारे पैर उठाते हैं। इसलिए पैरों की देखभाल करना ज़रूरी है। पैरों की ठीक प्रकार से देखभाल ना करने से बहुत-सी परेशानियाँ हो जाती हैं, जैसे फटी एड़ियाँ, उंगलियों के बीच में इन्फेक्शन हो जाना आदि।
1. हफ्ते में एक बार गुनगुने पानी में शैंपू,नींबू का रस और ग्लिसरिन डाल कर पंद्रह मिनट तक पैरों को डुबोएँ।
2. किसी अच्छी क्रीम से पैरों की मसाज करें ।
3. फटी एड़ियों के लिए सोने से पहले पैरों को धो कर ग्लिसरिन लगा कर सोएं।
4. पैरों की एड़ियों पर स्क्रैपर से सफाई करें और प्यूमिक स्टोन से पैर के ऊपर व नीचे अच्छे से सफाई करें।
5. यदि पैरों में सूजन है, तो गुनगुने पानी में एक चम्मच सरसों का तेल डाल कर पैरों को पंद्रह मिनट कर डुबोएँ।
6. नाखूनों के बीच व आसपास का मैल साफ करें।
7. यदि उंगलियों में इन्फेक्शन है, तो खुले जूते पहनें। बंद जूते या जुराब पहनने से पहले पैरों को अच्छे से सुखाएँ और टैलकम पाउडर डाल कर जुराबें पहनें।
8. पैरों के नाखूनों को शेप दें या काटें और नाखूनों की सफाई नेल ब्रश से करें।
9. आप अपने पैरों के नाखूनों पर अपनी पसंद की नेल पालिश भी लगा सकती हैं, उससे आपके पैर और भी सुंदर लगेंगे।
हम आशा करते हैं कि आपको हमारे बताए उपाय पसंद आए होंगे। इन्हें आजमाकर आपको अवश्य फायदा हुआ होगा।
श्रोता दोस्तो, अब बात करते हैं क्या करें, जब सताए पैरों का दर्द।
आमतौर पर बुजुर्गों को सताने वाला पैर दर्द आजकल युवाओं को भी परेशान कर रहा है। यह एक सामान्य समस्या है। अक्सर यह दर्द थकान की वजह से होता है, लेकिन इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं।
पैर दर्द के कई कारण होते हैं। जैसे हाई हिल्स, मांसपेशियों में सिकुड़न, मसल्स की थकान, ज्यादा पैदल चलना, एक्सरसाइज, तनाव, खून के जमने की वजह से बनी गाँठ, घुटनों, हिप्स और पैरों में रक्त का समुचित संचार न होना। पानी की कमी, सही डाइट न लेना, खाने में कैल्शियम व पोटेशियम जैसे मिनरल्स और विटामिन्स की कमी आदि से भी पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है। केमिकल युक्त दवाएँ ज्यादा लेना, चोट, कोलेस्ट्रोल लेवल कम होना, शरीर व मांसपेशियों का कमजोर पड़ना, आर्थराइटिस, डायबिटीज, कमजोरी, मोटापा, हार्मोनल समस्याओं आदि से भी पैरों में दर्द हो सकता है।
कैसे बचें
दिन में कम से कम 2 से 4 लीटर पानी पिएँ। यह मांसपेशियों की सिकुड़न और पैरों के दर्द को कम करता है। जिम या घूमने जाने या किसी प्रकार की एक्सरसाइज करने के पहले सही मात्रा में पानी पिएँ। यह शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है।
दूध और उससे बनी चीज़ें अपने भोजन में जरूर शामिल करें। चीज(पनीर), सोयाबीन, सलाद और सब्जियों से विटामिन्स और मिनरल्स की पूर्ति होगी। इनसे कैल्शियम और पोटेशियम भी मिलेगा।
फलों का जूस भी प्रतिदिन पिएँ।
नियमित व्यायाम, योग और ध्यान शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रखता है।
अपने वजन को नियंत्रित रखें। ज्यादा फास्ट फूड और तला हुआ खाना न खाएँ।
उफ, ये छाले मुँह के, श्रोताओ, हम सब ने कभी-न-कभी इस परेशानी को ज़रूर झेला है। यह कितनी दुखदायी हो सकती है, इसे झेलने वाला ही जानता है। आज हम आपको इनसे निपटने के कुछ घरेलू उपाय बताते हैं।
1. यदि छाले सामान्य हैं तो विटामिन 'बी' कॉम्प्लेक्स तथा फोलिक एसिड की गोलियाँ दो तीन दिन तक लेने से ठीक हो जाते हैं।
2.छालों पर लगने वाले दर्द निवारक लोशन भी बाजार में मिलते हैं। इनके प्रयोग से तुरंत राहत मिलती है।
3.इसके अलावा बोरो ग्लिसरीन भी लगाई जा सकती है या पोटेशियम परमेग्नेट के घोल से कुल्ले करना चाहिए। यदि कब्ज की वजह से छाले हो, तो पहले कब्ज का इलाज करना चाहिए।
4. छाले होने पर गर्म चाय-कॉफी तथा मिर्च-मसालों का सेवन न करें, क्योंकि इससे तकलीफ बढ़ सकती है।
5.अधिक कठोर टूथब्रश के इस्तेमाल से भी मसूड़े छिल जाते हैं या उनमें घाव हो जाते हैं, इसलिए हमेशा सॉफ्ट ब्रश का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
6. छालों पर दिन में तीन से चार बार शहद लगानी चाहिए।
7. ठंडे दूध का सेवन करना चाहिए, चाहे तो ठंडे दूध के कुल्ले भी कर सकते हैं।
8. यदि मुँह में छाले हो गए हो तो पान, सुपारी, पान-मसाला,कत्था, सिगरेट-बीड़ी आदि का प्रयोग न करें। इससे समस्या बढ़ सकती हैं। कभी-कभी इनका अधिक प्रयोग करने से भी छाले हो सकते हैं।
9.याद रखिए, यदि कोई भी छाला सप्ताह भर में ठीक न हो, तो उसे गंभीरता से लीजिए तथा डॉक्टर को बताइए।
श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह चौदहवा क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। हम बिल्कुल उस चाय की पत्ती की तरह हैं, जिसकी ताकत का पता खौलते हुए पानी में जाने के बाद पता चलती है, इसलिए जीवन में जब भी परेशानियों से घिर जाएँ तो यह सोचे कि आप ईश्वर की पसंदीदा चाय हैं। इसी संदेश के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार