श्रोता दोस्तों, आज हम शांगहाई विश्व मेला कार्यक्रम शुरू करेंगे। पवन आप लोगों का स्वागत करता है। अच्छा, अब हम विश्व मेले के बारे में एक खबर सुनें ।
20 रोबोटों द्वारा प्रस्तुत सामूहिक नृत्य 21 जून को शांगहाई विश्व मेले के फ़्रांसीसी भवन दिवस में दिखाया गया।
18 जून को आयोजित न्यूज़ ब्रीफिंग में फ़्रांसीसी भवन के जनरल प्रतिनिधि जोस फ़्रेचेस ने परिचय देते हुए कहा कि रोबोटों का सामूहिक नृत्य तीन भागों में बांटा गया है। उन में फ़्रांसीसी संगीतकार रावेल का प्रसिद्ध संगीत बोलेरो भी शामिल है। नृत्य सॉफ्टवेयर के नियंत्रण में 20 रोबोट तालमेल करके संगीत के साथ नाचेंगे। फ़्रेचेस ने कहा कि रोबोटों का नृत्य तकनीक व संगीत का अच्छा जोड़ है, जो फ़्रांसीसी भवन दिवस के आकर्षण में चार चांद लगाएगा।
शांगहाई विश्व मेले में विभिन्न देशों ने कुछ वास्तविक सामाजिक समस्याओं को दूर करने के उपाय प्रदर्शित किए। मौजूदा समाज में पुराने लोगों के जीवन की समस्या विभिन्न देशों के सामने एक चुनौती है। इस समस्या को दूर करने के लिए विभिन्न देशों ने शांगहाई विश्व मेले में नए तकनीकी उपायों का प्रदर्शन किया, जिन में अद्यतन उपाय भी शामिल हैं। अब लीजिए, सुनिए, हम आप लागों के साथ शांगहाई विश्व मेले में जापान और जर्मनी के संग्रहालयों में जाकर उन के पुराने लोगों की समस्या दूर करने के उपायों को देखेंगे।
आप सुन रहे हैं जापान के संग्रहालय में प्रस्तुत किए गए एक रोबोट द्वारा बजाया जा रहा वाएलन गीत। यह रोबोट अपने आप चल सकता है, लोगों के साथ बातचीत कर सकता है और वाएलन बजा सकता है। शांगहाई विश्व मेले में जापान के संग्रहालय के प्रधान नोरियोशी एहारा ने कहा कि भविष्य में यह रोबोट विकलांग लोग व पुराने लोगों के जीवन में मदद दे सकेगा। वह मकान में सफाई कर सकेगा, खाना बनाएगा और पुराने लोगों के चलते समय उन की मदद कर सकेगा।
अब जापान में रोबोट का विस्तार किया जा रहा है। पुराने लोगों की देखभाल करने के अलावा, रोबोट हमारे जीवन में सब लोगों को मदद दे सकेगा। इस से जीवन स्थिति में सुधार होगा। लेकिन जीवन की सुविधाएं हासिल करने से क्या सब लोग प्रसन्न हो सकेंगे ? यह एक नयी समस्या है। मैं सोच रहा हूं कि लोगों के बीच संबंध भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। अब जापान और चीन में लोगों के बीच अलगाव की भावना पैदा हो रही है। यह भी एक नयी सामाजिक समस्या है।
श्री नोरियोशी एहारा ने यह भी कहा कि पुराने लोगों की समस्या अब विभिन्न देशों के सामने एक मुख्य चुनौती है। इस क्षेत्र में कुछ उच्च तकनीकी उपायों के साथ-साथ हमें बूढ़ों की मानवीय चिंता भी करनी चाहिए। रोबोट के विकास से हमारी मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सकेगा। इसलिए जापान संग्रहालय ने व्यक्तियों के लिंक को अपना विषय निश्चित किया है।
तकनीक और मानव दोनों बहुत महत्वपूर्ण हैं। लेकिन हमारा मन ज्यादा महत्वपूर्ण है। रोबोट लोगों के जीवन को सुधार सकता है और बूढ़ों की मदद कर सकता है। लेकिन पुराने लोगों के बीच आदान-प्रदान की जरूरत भी है।
शांगहाई विश्व मेले में जर्मनी संग्रहालय भी सामाजिक समस्याओं पर ध्यान दे रहा है। अब जर्मनी में पुराने लोगों की संख्या बढ़ रही है। सन् 2005 में जर्मनी में 1 करोड़ 60 लाख 65 वर्षीय बूढे थे। सन् 2050 तक यह संख्या 2 करोड़ 30 लाख होगी। इस सामाजिक समस्या को दूर करने के लिए जर्मनी में पुराने लोगों के जीवन की चिंता करने और लोगों के बीच आदान-प्रदान मजबूत करने के लिए एक पीढ़ी गांव नामक योजना बनायी गयी है।
पीढ़ी गांव का मतलब है एक सामाजिक क्षेत्र में विभिन्न परिवार एक साथ जीवन बिताते हैं। इस क्षेत्र में पुराने लोग नौजवानों के साथ खेलते हैं और आराम करते हैं। शांगहाई विश्व मेले के जर्मनी संग्रहालय की नेता सुश्री मारिओन कोनरेडी ने कहा
यह शहर के निर्माण करने की कुछ योजना है। एक क्षेत्र में विभिन्न पीढ़ियों के लोग एक साथ जीवन बिताएंगे। बच्चे और बूढ़े एक साथ रहेंगे । अब विभिन्न कुछ बड़े शहरों में पुराने लोगों की संख्या बढ़ रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए हम एक बड़ा सामुदायिक हॉल व कॉफी के कमरे स्थापित कर सकेंगे। बच्चे और बूढे इस क्षेत्र में बातचीत कर सकेंगे। सब लोग यहां एक दूसरे की मदद कर सकेंगे।
अब जर्मनी के कुछ शहरों में इस योजना का परीक्षण किया जा रहा है। सरकार ने पीढ़ी गांव स्थापित करने के लिए पूंजी समर्थन दिया है। क्षेत्रीय स्वयंसेवक भी पीढ़ी गांव के कार्यों में मदद देते हैं। यहां लोग बूढों की देखभाल करते हैं। पुराने लोग भी एक दूसरे की मदद करते हैं। पीढ़ी गांव में बच्चे बूढ़ों के साथ पढ़ते हैं। पुराने लोग भी बच्चों की देखभाल करते हैं। सुश्री मारिओन कोनरेडी ने यह भी कहा
यह एक अच्छी योजना है। विभिन्न देशों की तरह जर्मनी लोगों के जीवन में भी विभिन्न समस्याएं हैं। शांगहाई विश्व मेला इन समस्याओं को दूर करने के उपायों का प्रदर्शन करने का एक सब से अच्छा मंच है। अब जर्मनी के कुछ शहरों में इन समस्याओं को दूर करने की कोशिश की जा रही है।
सन् 2006 में जर्मनी में पहला पीढ़ी गांव स्थापित किया गया। अब पीढी गांवों की संख्या 500 से अधिक है। कुछ क्षेत्रों में चिकित्सा घर भी स्थापित किए गए हैं। लोग पीढ़ी गांव में ज्यादा सुविधाएं सेवा प्राप्त कर सकते हैं।
अच्छा श्रोता दोस्तो, आज का शांगहाई विश्व मेला कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। अब पवन को आज्ञा दें, नमस्कार । (पवन)