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विश्व मेला दादी यामादा टोमियो
2010-06-30 15:45:12

61 वर्षीय यामादा टोमियो हाल में चीन में बहुत प्रसिद्ध हैं, कारण यह है कि उन्होंने खुद 7 लाख से ज्यादा चीनी य्वान का खर्च करके चीन में विश्व मेले का दौरा किया। चीनी लोग उन्हें विश्व मेला दादी कह कर पुकारे लगे हैं। सुश्री यामादा टोमियो ने अनेक बार विश्व मेले में भाग लिया है और विश्व मेले के बारे में उन्हें बहुत जानकारी भी है। 5 तारीख को अपने पति व बड़े बेटे के साथ उन्होंने सी.आर.आई को साक्षात्कार दिया और विश्व मेले का दौरा करने के अपने अनुभव हमें बताए।

सुश्री यामादा टोमियो का जन्म वर्ष 1949 में हुआ था। वे जापान के सुन्दर दर्शनीय स्थल इशिकावा केन की निवासी हैं। बाद में उन्होंने एइछी केन में रहने आ गईं। 2005 में एइछी केन में विश्व मेले का आयोजन किया गया। वहां सुश्री यामादा टोमियो 10 वर्ष तक सरकारी कर्मचारी थीं ,उन के दो बेटे हैं।

विश्व मेले के साथ सुश्री यामादा टोमियो का संबंध वर्ष 1970 के ओसाका विश्व मेले से शुरू हुआ। उस बार के विश्व मेले के दौरान, उन्होंने चार बार विश्व मेले का दौरा किया और इस आश्चर्यजनक स्थल से प्रेम करना शुरू किया। उन के अनुसार,

जब मेरा जन्म हुआ, उस समय जापान में सामग्री का बड़ा अभाव था। लोग यह नहीं जानते थे कि भविष्य में जापान किस तरह का होगा। विश्व मेले ने लोगों को सपना दिया। उस समय जापानी लोगों को विश्व मेले से यह महसूस हुआ है कि लोगों को महनत से काम करके जापान के अर्थतंत्र का विकास करने की कोशिश करनी चाहिए। मैंने चार बार ओकासा विश्व मेले का दौरा किया है। उस समय मेरा विवाह नहीं हुआ था । विश्व मेले को देखने के बाद भविष्य के प्रति उन की आशा बढ़ी।

सुश्री यामादा टोमियो ने कहा कि वे खुद पढ़ाई पसंद करती हैं। स्कूल का गंभीर शिक्षा का तरीका हालांकि उन्हें पसंद नहीं आता था। जापान ने दो समग्र विश्व मेलों का सफल आयोजन किया है। सुश्री यामादा टोमियो को इन दोनों में भाग लेने का मौका मिला। इस के अलावा, उन्होंने कुछ विशेष मेलों में भी भाग लिया था, जिन से दुनिया के प्रति उन की जानकारी बढ़ी और पाठ्य पुस्तकों में न होने वाले ज्ञान को जानने का भी अवसर मिला। सामान्य दर्शकों की तरह, उन्हें विश्व मेले के उद्यान में घूमना पसंद है और विदेशों से आयीं रहस्यमय सामग्री को देखना पसंद है। उन्होंने स्वयं सेवक का काम करने की कोशिश भी की , लोगों की गाईड भी बनीं और दूसरों के बच्चों की देखभाल भी की। सुश्री यामादा टोमियो की नजर में विश्व मेले ने भविष्य के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाया है। सुश्री यामादा टोमियो के अनुसार,

जापान में हुए एइछी विश्व मेले ने हम जापानियों को यह बताया है कि हमें संजीदगी एवं खुशी से जीवन बिताना चाहिए। यदि हमारे पास एक जीवन लक्ष्य है, और हम इस लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करते हैं, तो हमारा जीवन बहुत सुन्दर होगा। मुसीबतों को भी दूर किया जा सकेगा।

सुश्री यामादा टोमियो को विश्व मेलों का खास अनुभव है। इस से पहले, उन का शरीर अच्छा नहीं था, और वे अक्सर घर व अस्पताल के बीच आती-जाती रहती थीं। वर्ष 2005 के एइछी विश्व मेले में उन्होंने एक रिकॉर्ड तोड़ा। 185 दिनों के विश्व मेले के दौरान, वे रोज़ विश्व मेले में जाती थीं और कुल मिलाकर 243 बार हॉलों का दौरा किया था। उस समय उन का अभी-अभी कई ऑपरेशन हुआ था। विश्व मेले का दौरा करना उन के घूमने का अच्छी तरीका है। परिणाम यह है कि उन्हें ज्ञान मिला व स्वास्थ्य लाभ भी।

सुश्री यामादा टोमियो एक सफल स्त्री हैं। उन के पति व बच्चों का हमेशा उन्हें समर्थन मिला है। वर्तमान शांगहाई विश्व मेले का दौरा करने के लिए सुश्री यामादा टोमियो ने अपने परिवार को शांगहाई में स्थानांतरित किया। उन के पति इस वर्ष 18 बार जापान व चीन के बीच आते जाते रहे। इस वर्ष के मार्च में रिटायर होने के बाद, पति यामादा कानेटोसी भी शांगहाई आकर पत्नि के साथ विश्व मेले में घूमते रहे। श्री यामादा कानेटोसी ने हमें बताया,

हमारा लक्ष्य व रूचि एक जैसी है। इस बार भी 5 वर्ष पहले के एइछी विश्व मेले के बाद हम शांगहाई विश्व मेला देखना चाहते हैं। निर्णय लेने के बाद हम एक साथ यहां आये हैं।

शांगहाई विश्व मेले का दौरा करने के लिए यामादा टोमियो के परिवार ने बहुत खर्च किया। शांगहाई में रहने की फीस, टिकट, उड़ान टिकट एवं यादगार उपहार खरीदने के लिए कुल मिलाकर 7 लाख से ज्यादा चीनी य्वान का खर्चा हुआ। उन के निवास स्थान पर हमारे संवाददाता ने रंग बिरंगे शांगहाई विश्व मेले के शुभंकर हाईबाओ तथा विविधतापूर्ण यादगार उपहार देखे । 2005 के अंत से सुश्री यामादा टोमियो ने शांगहाई विश्व मेले का दौरा करना शुरू किया। उन्होंने हजारों फोटों में विश्व मेलों में हुए परिवर्तन कैद किए हैं । उन के अनुसार,

एइछी विश्व मेले की समाप्ति के बाद मैं शांगहाई आयी। कारण यह है कि एइछी विश्व मेले ने मेरी बीमार का उपचार किया है। इसलिए, मैं विश्व मेले के बारे में और ज्यादा जानकारी लेना चाहती हूं। चीन के शांगहाई में मैं ने चीनी हॉल की स्थापना की पूरी प्रक्रिया देखी। मुझे लगता है कि शांगहाई के नागरिक विश्व मेले का पूरा समर्थन करते हैं।अब चीनी हॉल पूर्व का प्रतीक बन चुका है। जो मैंने देखा उस के मैंने फोटो खींचें । अनेक संवाददाताओं ने मुझ से पूछा कि क्या मैं अगले इटली विश्व मेले का दौरा भी करूंगी। तो मैंने कहा कि यदि इटली विश्व मेला शांगहाई विश्व मेले से अच्छा होगा, तो मैं जाऊंगी।

सुश्री यामादा टोमियो ने हमें बताया कि विश्व मेले के अनेक हॉलों में उन्हें चीनी हॉल, जापानी हॉल, सऊदी अरब हॉल एवं इटली हॉल सब से पसंद आए। वे हर एक हॉल की विशेषता बता सकती हैं। उन के अनुसार, चीनी हॉल में सब से आकर्षित छींगमींग शांगह नामक एक मशहूर चित्र है, जिस में पानी व पेड़ के प्रति चीनी लोगों का प्रेम एवं जीवन के प्रति लोगों का सक्रिय रूख प्रतिबिंबित किया गया है। जापानी हॉल में लोग जापान व चीन के बीच परम्परागत आवाजाही की विरासत देख सकते हैं। सुश्री यामादा टोमियो ने हमें बताया कि वे जानना चाहती हैं कि शांगहाई विश्व मेला अगले विश्व मेले के मेजबान देश इटली को क्या विरासत देगा और दोनों पक्ष किस तरह और क्या एक दूसरे से सबक लेंगे।

सुश्री यामादा टोमियो के विचार में शांगहाई विश्व मेला अभी-अभी शुरू हुआ है, मानो वह एक बच्चे की तरह बढ़ रहा है। अभी हम इसे पूरी तरह माप नहीं सकते हैं। लेकिन, विज्ञान, तकनीक एवं पर्यावरण संरक्षण आदि क्षेत्रों में शांगहाई विश्व मेले ने मजबूत शक्ति प्रतिबिंबित की है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने आशा जताई की कि लोग यहां आकर दौरा करेंगे।

प्रथम बार आप यहां आएं, तो हॉलों का बाहरी आकार दिखाई पड़ेगा। दूसरी बार आप यहां आएं, तो अपने पसंदीदा हॉलों का दौरा कर सकेंगे। यदि आप तीसरी बार यहां आएं, तो पसंदीदा देशों के रेस्तरांओं में खाना खा सकेंगे। इस तरह विश्व मेले का दौरा करते हुए आप पूरा मज़ा उठा सकते हैं। मैं रोज़ यहां आती हूं और रोज़ नया दृश्य देखती हूं।

सुश्री यामादा टोमियो के बच्चे भी शांगहाई विश्व मेले से प्रेम करते हैं। उन के बड़े भाई यामादा काजुहिटो स्कूल में अध्यापक हैं। चूंकि वे अक्सर बच्चों को विश्व मेले की जानकारी देते हैं, इसलिए, उन्हें विश्व मेले का अध्यापक माना जाता है। शांगहाई आने के लिए उन्होंने अध्यापक की नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया। उन के अनुसार,

अपनी मां से प्रभावित होकर हमारे परिवार के सभी लोग शांगहाई विश्व मेले को पसंद करते हैं। मां ने जो-जो देखा हम भी जानना चाहते हैं। हम अक्सर अपने अनुभवों का आदान प्रदान करते हैं। सुश्री यामादा टोमियो की एक योजना है, यानि कि शांगहाई से एइछी वापस लौटने के बाद वे पुस्तक लिखेंगी, प्रोग्राम में भाग लेंगी और अपने पोता पोती को अपने अनुभव भी बताएंगी। उन्होंने कहा कि केवल शांगहाई विश्व मेले के घटनास्थल पर पहुंचते ही लोग यह जान सकेंगे कि विश्व मेला क्या है। विश्व मेले के प्रति लोगों का संदेह मिट जाएगा। यह भी शांगहाई विश्व मेले द्वारा चीन के लिए छोड़ी गयी सब से मूल्यवान विरासत होगी।

अब मैंने सुना है कि कुछ लोगों ने कहा कि इतनी ज्यादा पूंजी खर्च कर इस छोटे से समय में इन परियोजनाओं को पूरा करने का क्या अर्थ है। लेकिन, मुझे विश्वास है कि विश्व मेले की समाप्ति के बाद वे लोग जान सकेंगे कि विश्व मेला लोगों को यह बताता है कि किस तरह लोग बहुत कम भूमि पर और बेहतर जीवन बिता सकेंगे। वर्तमान शांगहाई विश्व मेले में अवश्य ही अनेक मूल्यवान चीज़ें छोड़ी जाएंगी। चीनी लोगों को वर्तमान विश्व मेले के प्रति अवश्य ही गर्व महूसस होगा।

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