यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, हर सप्ताह की तरह आज भी न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। जिन श्रोताओं ने हमें अभी-अभी सुनना शुरू किया है, हम उन्हें बता दें कि इस कार्यक्रम में हम आपको महिलाओं से जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देंगे। चीन की जीवन शैली से लेकर, सेहत-सौंदर्य की चर्चा से, शापिंग, सैर-सपाटा, सजावट, पाक-कला इत्यादि के साथ-साथ हम मौका मिलने पर आपको एक महिला अतिथि के साथ हुआ हमारा वार्तालाप भी आपको सुनाएँगे जिससे आपको यहाँ के जीवन के बारे में और अधिक जानने को मिले।
मुझे वजन कम करना चाहिए, मुझे व्यायाम करना चाहिए, मुझे यह किताब पढ़नी चाहिए, मुझे लगता है कि पत्र लिखना चाहिए, मुझे लगता है कि फोन करना चाहिए, मुझे अपने बाल कटवाने चाहिए...
आप सोच रहे होंगे कि अचानक क्या हो गया है........जी।
कितनी अजीब बात है, ये इतने 'किए जाने चाहिये' का बोझ आप अपने कंधों पर न जाने कितने दिनों, महीनों या सालों से उठाते चले आ रहे हैं और आपके कंधे इस बोझ के कारण झुक भी गए हैं। आपने इस के बारे में क्या किया है?कुछ भी नहीं। श्रोताओ, हम आज ऐसे ही मन पर रखे भार के बारे में बात करेंगे।
ये सब हमें एक बिन्दु तक ले आती हैं जहाँ हमें निराशा होती है, हम परेशान हो जाते हैं, हम अपने आप में इतना सिमट जाते हैं, अपने आप में खो कर रह जाते हैं कि हमारे प्रियजन हमारे इस रवैये के कारण हम से दूर होते जाते हैं।जिन लोगों की शब्दावली में 'किए जाने चाहिये' अधिक होते हैं कभी-कभी उनके व्यवहार में भी नकारात्मक सोच नज़र आती है।
पर जैसा कहा गया है- जब जागो तब सवेरा। इसलिए अभी भी देर नहीं हुई है। इन 'किए जाने चाहिये' वाले कामों की एक सूची बनाइए। खुद के साथ ईमानदार होकर, सोचिए कि यह बोझ आप अपने मन पर कितने लंबे अरसे से उठा कर चल रहे हैं। संभावना है कि वे वहाँ शायद हमेशा से ही थे!
अब सवाल उठता है कि 'किए जाने चाहिये' 'ज़रूर करेंगे' में कैसे परिवर्तित हो? हम कैसे अंतर करें उन 'ज़रूर करेंगे' कामों में और वह काम जिनका हमारे जीवन में अब कोई महत्व ही नहीं रहा?
यदि इन 'किए जाने चाहिये' कामों में आपका स्वास्थ्य भी जुड़ा हुआ है तो उनका फिर से आविष्कार कीजिए, सोचिए क्या करना है। अगर कई सालों से इस सूची में वजन कम करना भी था तो आज से अपने खाने-पीने के तरीकों में बदलाव कीजिए, योगा कीजिए, चाहें तो कोई
जिम में चलें जाएँ। दूसरा तरीका है, वजन कम करने वाले लक्ष्य को फिलहाल भूल जाइए,फिर कभी सोचेंगे इस के बारे में।
'किए जाने चाहिये' आपको, आपकी भावनाओं को हमेशा परेशान करेंगे, आपको दोषी महसूस कराते हैं। इनकी पकड़ को मज़बूत न होने दें वरना यह आपके वर्तमान और भविष्य दोनों को बर्बाद कर देगा। पूरे विश्वास के साथ कदम उठाइए और वह कीजिए जो आपको दोषी महसूस न करवाए।
याद रखें आपका जीवन वैसा ही होगा जैसा हम उसे बनाएँगे। हमें अपने आप को उन सब चीज़ों से मुक्त करना होगा जिनसे हम अनचाहे मन से खुद को जबरदस्ती बाँधे रखते हैं, जो हमारा समय तथा ऊर्जा दोनों को बर्बाद करते हैं। आपको वो नहीं रहने देते जो आप वास्तव में हैं।
और आप फिर से वही बन सकते हैं जो आप हैं अगर आप 'मैं चाहती हूँ' की जगह 'मैं करूँगी' की सूची बनाए। सूची भले ही छोटी हो मगर उसमें वे काम होंगे जिन्हें करने के लिए आप ने दृढ़ निश्चय कर लिया है। वह काम सबसे पहले कीजिए जिसे करने की लंबे समय से तमन्ना थी और उसे अपना 100% दीजिए।
अपने लक्ष्यों को छोटा, आसान और यथार्थवादी रखें। आप पाएँगे कि किस तरह समझदारी से आपने अपने लक्ष्य को पूरा किया और यह आपको प्रेरित भी करेगा कि आप अपने लक्ष्यों को कैसे प्राप्त कर सकते हैं।
जीवन बहुत छोटा है। 'मुझे करना चाहिए' के बारे में सोचते-सोचते इसे व्यर्थ नहीं गवांना चाहिए। हम सब को यह जानना चाहिए कि हर बंद दरवाज़ा एक नई शुरूआत की तरफ इशारा करता है।
अब आप तय करें कि—क्या आप 'मुझे यह करना चाहिए था' की तरह सोचते रह जाएँगे या..........................
चलिए, इतनी सिरियस बातें करने के बाद कुछ हल्की-फुल्की बातें करते हैं। श्रोताओ, यहाँ चीन में पिछले सप्ताह यानि 16 जून को एक त्योहार था, जिसके लिए हमें एक दिन की छुट्टी भी मिली थी। त्योहार का नाम थाः ड्रैगन बोट फेस्टिवल। अब मैं आपको इसके बारे में न बताऊँ ऐसा तो हो नहीं सकता।तो......
एक पौराणिक कथा: ड्रैगन बोट फेस्टिवल के बारे में
कथा कुछ इस प्रकार है...........
चु युआन, दक्षिणी राज्य में स्थित चियु के एक प्राचीन चीनी राजनेता थे। जो की पूर्व शाही राज्यों में (475-221 ईसा पूर्व) की अवधि में थे। वे त्रुटिहीन वफादार और ईमानदार राजनेता थे। उस राज्य के राजा ने अन्य भ्रष्ट, बुराई से भरे मंत्रियों की दुर्भावना से प्रभावित हो कर, चु को अपने राज्य से निर्वासित कर दिया था। निर्वासन में, चु ने चीनी साहित्य में जो आज भी सबसे बड़ी कविता है, के माध्यम से अपने राज्य के लिए अपने प्यार को और उसके भविष्य के लिए अपनी चिंता को व्यक्त किया।
जब उसे पता चला कि पड़ोसी राज्य द्वारा उसके राज्य पर आक्रमण किया गया तब सैन्य उथलपुथल के खिलाफ विरोध करते हुए उसने अपने आप को चट्टान से बांध कर चू मिलयो नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली।
जब चियु राज्य के आम लोगों को चु की शहादत के बारे में पता चला तो वे शीघ्र ही अपनी मछली पकड़ने की नावों में बैठकर चु की खोज में नदी में उतर गए। उन्होंने उसे ढूंढने में एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया। निराश होकर वे ज़ोर-ज़ोर से अपने ढोल बजाने लगे और पतवार को पानी में तेज़-तेज़ चलाने लगे ताकि मछलियाँ और बुरी आत्माएँ चु के शरीर से दूर रहें। वे नदी में चावल की पकौडियाँ भी छिड़कने लगे ताकि मछलियाँ कवि के शरीर को न खाएँ।
उसके बाद साल दर साल, पीड़ी दर पीड़ी चीन में लोग चु युआन, के स्मरणोत्सव के रूप में उनकी मृत्यु के दिन पर सालाना नाव दौड़ का आयोजन करते हैं। ड्रैगन बोट फेस्टिवल चीनी कैलेंडर के अनुसार पांचवें महीने के पांचवें दिन पर मनाया जाता है। इस दिन को चीनी भाषा में दुआनवू समारोह कहा जाता है। परंपरागत रूप से नावें बहुत लंबी और संकीर्ण होती हैं। डोंगी शैली जैसी वाहिकाएँ, ड्रेगन सिर और पूंछ की नक्काशीदार सजावट की जाती है नावों पर, जो नदियों और समुद्रों के शासक माने जाते हैं और स्वर्ग में बादलों और बारिश के शासक हैं। रिवाज के अनुसार यह त्योहार आपदा से बचने और वर्षा लाने के लिए भी मनाया जाता है, ताकि अच्छी फसल हो। इस दिन नाव दौड़ के आयोजन के साथ-साथ लोग डम्पलिंग्स भी खाते हैं। यानि बांस के पत्ते में चिपके चावलों को खजूर के साथ पकाया जाता है। इसे चीनी भाषा में जोंग जी कहते हैं। नाव दौड़ से याद आया कि ऐसा ही एक त्योहार भारत में केरल में भी तो मनाया जाता है। इस तरह कई समानताएँ हैं, हमारी संस्कृतियों और सभ्यताओं में।
एक उपयोगी रिपोर्ट, जिससे हम भी लाभ उठा सकते हैं।
100 प्रतिशत फलों का रस पीने से बच्चों के आहार की गुणवत्ता में सुधार वाशिंगटन में, एक नए अध्ययन के अनुसार जो बच्चे और किशोर 100 प्रतिशत फलों का रस पीते हैं वे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को ग्रहण करते हैं, उनकी अपेक्षा जो फलों का रस नहीं पीते हैं।
लुइसियाना राज्य विश्वविद्यालय के कृषि केंद्र और बेलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के दो नए अध्ययनों ने 100 प्रतिशत फलों का रस पीने के लाभ पर प्रकाश डाला।
निष्कर्षों के अनुसार, 2 से 5 साल के बच्चे जो फलों के रस का सेवन करते हैं, उनमें विटामिन-सी, पोटाशियम और मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा होने के साथ-साथ शक्कर का सेवन भी कम पाया गया। उन उपभोक्ताओं की तुलना में जो गैर फलों के रस का सेवन करते हैं। इसके अलावा, फलों के रस के सेवन का सीधा सहसंबद्ध है, कि उनमें पूरे फलों और साबुत अनाज की खपत बढ़ी हुई पाई गई।
6 से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों के बीच भी समान सकारात्मक सहयोग देखा गया जो 100 प्रतिशत फलों के रस का सेवन करते हैं और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के उच्च ग्रहण के साथ-साथ आहार में फाइबर का सेवन भी करते हैं।
कुल मिलाकर आहार की गुणवत्ता, स्वस्थ भोजन सूचकांक के मूल्यांकन के अनुसार सभी फलों के रस के उपभोक्ताओं में उच्च था।
शोधकर्ताओं ने बताया कि 2 से 18 साल की उम्र के गैर फलों के रस का सेवन करने वाले उपभोक्ताओं में 100 प्रतिशत फलों के रस का सेवन करने वालों की तुलना में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के लिए अनुशंसित स्तरों को पूरा करने करने के साथ-साथ विटामिन ए और सी और फोलेट की मात्रा में विफल पाए गए।
रस न पीने वाले समूह की तुलना में, फलों के रस का सेवन करने वाले समूह में पर्याप्त कैल्शियम की मात्रा प्रवेश स्तर के पार हो गई।
डॉ. कैरोल ओ नील के अनुसार "एक सौ प्रतिशत फलों का रस बच्चों और किशोरों के आहार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उनके विकास की महत्वपूर्ण अवधि के दौरान महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए।
"समग्र संतुलित आहार के लिए 100 प्रतिशत रस पीने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।"
श्रोताओ, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह बारहवा क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। चीनी कहावत है कि-- हजारों मील का लंबा सफर एक कदम से शुरू होता है। इसी सुविचार के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार