जर्मन हॉल की चर्चा करते समय हमें सुश्री उरते फेछतर का परिचय देना है। सुश्री उरते फेछतर एक बहुत गंभीर महिला हैं। जर्मन हॉल का निर्माण करते समय उन्होंने रोज़ 12 घंटों तक काम किया । चीनी दर्शकों को और अच्छी तरह जानने के लिए उन्होंने दो वर्ष पहले ही चीनी भाषा एवं चीनी संस्कृति सीखना शुरू कर दिया था।
वर्तमान विश्व मेले में जर्मन हॉल का मुख्य विषय है सामन्जस्यपूर्ण नगर। इसलिए, जर्मन हॉल में हर जगह सामन्जस्य की सुन्दरता प्रदर्शित की गई है। जर्मन हॉल का क्षेत्रफल 6000 वर्गमीटर है। चार बड़ी इमारतें एक साथ खड़ी हैं, जो एक भारी मूर्ति के रूप में दिखायी देती हैं। सुश्री उरते फेछतर के अनुसार,
जर्मन हॉल का बाहरी आकार खुद अत्यन्त सुन्दर है। देखने में लोगों को बड़ा अच्छा लगेगा। यह एक संतुलित इमारत है। हॉल में अनेक एसी प्रदर्शनियां हैं, जिन्हें देखने के बाद आप सामन्जस्यपूर्ण नगर के विचार को और अच्छी तरह समझ सकेंगे।
जर्मन हॉल का अंग्रेजी नाम है बैलन्सिटी, जो दो अंग्रेजी शब्द बैलन्स एवं सिटी को जोड़ कर बनाया गया एक नया शब्द है। इस नाम से हमें पता लगता है कि यदि एक नगर में नए व पुराने सृजन व परम्परा, शहर व प्रकृति, समूह व निजी और काम व मनोरंजन के बीच संतुलन पाया जा सकता है, तो वहां का जीवन सामन्जस्यपूर्ण हो सकता है।
जर्मन हॉल में कुल मिलाकर 12 हजार वर्गमीटर कवर फिल्म का इस्तेमाल किया गया है, जिस से हॉल की छत एवं चारों ओर का आवरण बना है। जर्मन हॉल के डिजाइनर ने परिचय देते समय बताया कि कवर फिल्म सूर्य की रोशनी को रोक सकती है। विश्व मेले के पूरा होने के बाद उसे छोटा बनाकर विशेष छत्र,शॉपिंग बैग,थाली छायाप्रभाव आदि बनाया जा सकेगा। इतना ही नहीं, शांगहाई विश्व मेले के बाद जर्मन हॉल के निर्माण में इस्तेमाल किये गया 1200 से ज्यादा टन के इस्पात की भी रीसाइक्लिंग की जाएगी। जर्मन ह़ॉल में प्रवेश करने के बाद आप मानो सुन्दर नीली दुनिया में प्रवेश करते हैं । दर्शक पानी की आवाज़ एवं रोशनी वाली नीली दुनिया में लिफ्ट पर सवार हो कर धीरे-धीरे नगर के जीवन में प्रवेश करते हैं। यहां आप लोग जर्मनी के सब से नये आविष्कार देख सकते हैं। आप विज्ञान व तकनीक की मदद से बने सुन्दर जीवन को भी महसूस कर सकते हैं।
जर्मन हॉल में एक प्रदर्शनी देखने योग्य है, यानी कि शक्ति का स्रोत。वास्तव में वह एक रोशनी देने वाला बड़ा धातु बॉल है। इस बॉल के बाहर 4 लाख ए एल डी लगाये गए हैं। बॉल में एक विशेष उपकरण बाहरी आवाज़ पर प्रतिक्रिया देता है। यदि कई सौ दर्शक एक साथ ऊंची आवाज़ में बोलते हैं, तो बॉल घूमने लगता है । बॉल में जर्मनी एवं दुनिया के विभिन्न स्थलों के रंगीन दृश्य दिखाए जाएंगे और शहरी जीवन की अभूतपूर्व जीवंत शक्ति प्रतिबिंबित की जाएगी। सुश्री फेछतर ने कहा कि यह धातु बॉल जर्मनी में बनाने के बाद चीन भेजा गया है। दुनिया में इस तरह का यह केवल एकमात्र बॉल है। उन के अनुसार,
यह हमारे जर्मन हॉल में सब से गौरव का प्रदर्शन है। यह एक बड़ा गोल बॉल है, जो दर्शकों की आवाज़ के अनुसार हिल सकता है और दर्शकों के प्रति प्रतिक्रिया कर सकता है। हम आशा करते हैं कि इस तरह की डिजाइन से हम एक साथ प्रयत्न करने की सूचना दे सकते हैं। हम मिलजुल कर एक साथ और सुन्दर नगर बनाने की कोशिश करेंगे।
इस धातु बॉल का दूसरा अर्थ है शहर का हृदय। चाहे वह हिलता है या घूमता है,उसे संतुलन बनाना चाहिए।इसे हर एक आदमी की सक्रिय भागीदारी एवं योगदान से अलग नहीं किया जा सकता है।
एक बार 600 दर्शक इस धातु बॉल के साथ खेल सकते हैं, जिस में लगभग 7 मिनट लगेंगे। मौके पर चीन व जर्मनी के दो युवक आप लोगों को रोशनी व आवाज़ की दुनिया में शक्ति का स्रोत के रहस्यमय अनुभव देंगे।
वोख्सवेगन गाड़ी ग्रुप के चीनी क्षेत्र के डायरेक्डर डॉक्टर विनफ्रिएद वाहलैंद ने सहकर्मियों के साथ जर्मन हॉल का दौरा किया। उन्होंने अपना अनुभव बताया,
जर्मन हॉ़ल ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है। प्रथम, जर्मन हॉल के बाहरी दृश्य ने मेरा ध्यान खींचा है। इस से पहले, जर्मन हॉल के प्रति मेरा कोई विचार नहीं है। हालांकि मैंने जर्मन हॉल के कुछ फोटो भी देखे थे, लेकिन, अंतर कैसा है मैं नहीं जानता हूं। जर्मन हॉल में आप देख सकते हैं कि जर्मनी लोग कैसा जीवन बिताते हैं। शहरी जीवन कैसा है, जीवन को और सुन्दर बनाने के लिए उन का क्या प्रयास है। इस के अलावा, जर्मन हॉल में जर्मनी की समुन्नत तकनीक व मोटर गाड़ी उद्योग भी प्रदर्शित किया गया है।
चीनी दर्शकों से और अच्छी तरह संपर्क करने और उन्हें और श्रेष्ठ सेवा देने के लिए जर्मनी के कर्मचारी चीनी व जर्मनी दोनों देशों की भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं। जर्मन हॉल की प्रेस प्रवक्ता सुश्री खोंग रैनयैन ने कहा,
जर्मन हॉल के सभी कर्मचारी चीनी व जर्मनी दोनों भाषाओं में पर्यटकों के साथ बातचीत कर सकते हैं। उन में से कुछ चीनी लोग जर्मनी में जीवन बिताते हैं और वहां पढ़ते हैं। चीन व जर्मनी तथा विभिन्न संस्कृति के प्रति उन्हें प्रचुर जानकारी है। इस के साथ-साथ, वे अंग्रेज़ी भी बोल सकते हैं।
जर्मन हॉल में और एक सांस्कृतिक प्रदर्शनी लोगों को आकर्षित करती है। जर्मन हॉल की एक दीवार पर एक बड़ी तस्वीर है, जिस पर दर्शक ज़रूर ध्यान देते हैं। जर्मनी लोगों ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उत्पीड़ित किये गये यहूदियों की तस्वीरों को सड़कों पर बनाया। आशा है कि लोग समय गुजरने के बाद भी उस क्रूर इतिहास को कभी नहीं भूलेंगे।
परिचय के अनुसार, जर्मन हॉल में जर्मनी से आये गायक एवं लोकप्रिय संगीत समूह भी आकर रंगीन प्रोग्राम दिखाएंगे। जर्मन हॉल में यात्री कुछ जर्मनी विशेषता वाले खाद्य पदार्थों का आनंद भी उठा सकते हैं। हम 6000 वर्गमीटर वाली दुनिया में जर्मनी के साथ घनिष्ठ संपर्क करें।(श्याओयांग)