यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। हमें पूरा विश्वास है कि इस कार्यक्रम ने आपके दिल में अपनी जगह बना ली होगी और जैसा कि हर सप्ताह मैं आपसे मिलने का इंतज़ार करती हूँ वैसे ही आप भी मुझसे मिलने का इंतज़ार करते होंगे। करते हैं न........
चलिए मित्रों आज हम पेंइचिंग की एक बहुत ही रोमांचक, रोचक, मनोरंजक एवं विशाल बाज़ार में खरीदारी करने चलते हैं। हमममममम......पड़ गए न आप भी अचंभे में—बाज़ार, वह भी रोचक, मनोरंजक, सस्ता–महंगा, छोटा-बड़ा बाज़ार तो सुना है, देखा है पर यह तो नहीं। चलिए, हम लिए चलते हैं आपको। यह है – याशौ मार्किट।
पेंइचिंग में छाओयांग जिले में स्थित बाज़ार बहुत प्रसिद्ध है। पेंइचिंग में सर्दियों के दिनों में बहुत ठंड पड़ती है इसलिए अधिकतर बाज़ार इमारतों के भीतर होते हैं। यह भी एक ऐसा ही बाज़ार है। जहाँ आपको बच्चों से लेकर बड़े-बुज़ुर्गों के लिए कपड़े, जूते-चप्पलें, पर्स, बैग, घड़ियाँ, खिलौने, फोन, मोबाइल फोन, सौन्दर्य प्रसाधन, मोतियों से बने गहने, चीनी विशेषता वाले आभूषण, चश्मे, बेल्ट, टोपियाँ ,बालों की विग, घर की साज-सज्जा का सामान, चीनी मिट्टी के बर्तन, हस्तशिल्प-वस्तुएं, एंटीक-पुराना सामान आदि के साथ-साथ जब आप खरीदारी करके थक जाए तो आपके हाथों और पैरों को आराम देने के लिए मसाज सेंटर यानि मालिश केन्द्रों का भी पूरा-पूरा प्रबंध है। यहाँ केवल मालिश ही नहीं बल्कि महिलाओं के सौन्दर्य से जुड़े सभी नियमित कार्यक्रमों का अच्छा खासा प्रबंध है। यह बाज़ार सुबह ठीक साढ़े नौ बजे खुलता है और शाम को ठीक नौ बजे बंद होता है। यहाँ खरीदारी करते हुए आप अपना पूरा एक दिन बीता सकते हैं और अंत में आप यह कहने पर मजबूर हो जाएँगे कि अभी तो मैंने कुछ खरीदा ही नहीं। जी हाँ, आपने सही सुना,यहाँ इतनी अच्छी,किफायती,टिकाऊ तथा सस्ती चीज़ें मिलती हैं कि आप सोच में पड़ जाते हैं कि क्या खरीदें, क्या न खरीदें। इस बाज़ार में प्रवेश करते ही पहली मंजिल पर केवल कपड़ों की दुकानें नजर आती हैं। लम्बी कतार में सौ से अधिक दुकानें केवल कपड़ों की हैं। कपड़ों में आप जो चाहे वो मिलेगा, जिसके लिए चाहें उसके लिए मिलेगा। हर मोके, हर उत्सव पर पहनने वाले वस्त्र मिलेंगे। निचले भाग में केवल जूते-चप्पलें, पर्स, बैग तथा अटैचियों की सौ से अधिक दुकानें हैं। यहाँ भी आपकी पसंद को निराशा का मुँह नहीं देखना पड़ेगा। जिस रंग की चप्पलें आपने कभी नहीं पहनी होंगी वह भी पहनने का मन बना लेंगे आप, ऐसा है यह बाज़ार। जूते-चप्पलों के साथ-साथ पर्स और बैग भी पोशाकों से मिलते-जुलते होने चाहिए इसलिए उनका भी पूरा प्रबंध है। हर आकार और रंग के पर्स और बैग यहाँ मिलेंगे। दूसरी मंजिल पर सिले हुए कपड़ों के साथ-साथ कपड़ों के थान भी मिलते हैं जहाँ आप अपनी पसंद के अनुसार मन चाहा कपड़ा खरीदकर सिलवा भी सकते हैं और हाँ, मैं तो बताना ही भूल गई इसी इमारत में कई दर्जी भी उपलब्ध हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के कपड़े सिलवा सकते हैं। यहाँ पर सिल्क के कपड़े तथा पुरुषों एवं महिलाओं के लिए सूट भी मिलते हैं। तीसरी मंजिल पर घड़ियाँ, खिलौने, फोन, मोबाइल फोन के साथ-साथ मोतियों से बने इतने सुंदर आभूषण मिलेंगे कि आप की नज़रें उन पर से हटेंगी ही नहीं। यहाँ भी आप अपनी पसंद के अनुसार किसी भी रंग के मोतियों के आभूषण बनवा सकते हैं। तो अब आप जान गए कि आपको अपनी महिला सहेलियों के लिए उपहार के तौर पर क्या खरीदना है।एक चेतावनी – यदि आप यहाँ अपने बच्चों के साथ आएँ तो तीसरी मंजिल पर न जाएँ और यदि जाएँ तो ध्यान रहें आपके पर्स में इतने पैसे हो कि आप घर वापस जा सकें। जी हाँ, क्योंकि इतने सारे खिलौनों की दुकानें देखकर आपके बच्चे वहाँ से बिना आपकी जेब हल्की किए हटेंगे नहीं। खिलौनों का इतना विशाल संसार भला किस बच्चे का मन नहीं मोह लेगा। घड़ियों की दुकान पर पहुँचकर आप निश्चित ही सोचेंगे कि यह समय पहले क्यों नहीं आया क्योंकि यहाँ हर रंग-रुप, आकार और किस्म की घड़ियाँ उपलब्ध हैं। जैसी आपकी पोशाक वैसी आपकी घड़ी। मोबाइल फोनों के बाज़ार में तो वैसे भी धूम मची हुई है। जहाँ नया मॉडल आया नहीं कि हम बेचैन हो जाते हैं उसे पाने के लिए। चलिए अब चलतें हैं चौथी मंजिल पर, यहाँ पहुँचते ही सुगंधित खुशबू आपका स्वागत करती हैं, सही समझे आप यहाँ सौन्दर्य प्रसाधनों का तांता लगा है, जो चाहें वो मिलेगा। अब अगर खरीदारी करके थकावट महसूस हो रही है तो फ्रिक किस बात की हाथों और पैरों के साथ-साथ सिर को आराम देने के लिए मालिश करवाइए, नाखूनों को रंगवाइए, फैशियल करवाइए। अपने आप को प्रसन्न कीजिए, खुद से लाड-प्यार कीजिए। जब तरो-ताज़ा महसूस करें तो चलिए फिर कमर कस लीजिए और शुरू कीजिए खरीदारी। चीन के विभिन्न प्रातों से लेकर दुनिया के प्रत्येक हिस्से से लाए गए एंटीक यहाँ उपलब्ध हैं। आप अपने घर को सजाने का शौक भी सरलता से पूरा कर सकती हैं। साज-सज्जा की इतनी सुन्दर वस्तुएँ एक साथ एक ही बाज़ार में उपलब्ध हैं कि आप असमंजस में पड़ जाएँगे कि क्या खरीदें और क्या न खरीदें। और भी अन्य वस्तुओं की दुकानें जैसे --- बालों में लगाने वाली पिन्स, हैयरबैंड, रंग-बिरंगे रबरबैंड इत्यादि। आपकी हर ज़रूरत का सामान इस मार्किट में उपलब्ध है। मज़ा आ रहा है न आपको इस मार्किट में, मुझे भी। एक अहम बात—यहाँ भी 95 प्रतिशत दुकानों में महिलाएँ ही काम करती हैं। यहाँ पर सभी दुकानदार काफी अच्छी तरह से अंग्रेज़ी बोल व समझ सकते हैं केवल अंग्रेज़ी ही नहीं, बल्कि कुछ तो बहुत अच्छी रूसी, स्पेनिश व हिन्दी भी बोल व समझ सकते हैं। इसलिए ज़रा सावधानी से बात कीजिएगा। यह सब इतने बेहतरीन सेल्स पर्सन है कि आप सामान लिए बिना वहाँ से जाएँगे नहीं, इतने प्यार से आपसे बात करेंगे कि आपको महसूस होने लगेगा कि इस सामान की वाकई आपको ज़रूरत है। आप इस बाज़ार में मोल-भाव कर सकते हैं। परन्तु एक वस्तु का दाम पूरे बाज़ार में एक ही होगा। यह आपके ऊपर है कि आप कितना मोल-भाव कर सकते हैं, यदि उन्हें आपको सामान बेच कर कोई लाभ नहीं मिल रहा तो वे आपका समय नष्ट नहीं करेंगे। यहाँ सभी दुकानदार एक जैसी वर्दी पहनते हैं। जब शाम को दुकान बंद करने का समय होता है तब अपनी दुकान के आगे एक लंबा परदा डाल देते हैं और हो गई दुकान बंद। किसी तरह का कोई भय नहीं होता। यहाँ सुबह से शाम तक सप्ताह के सातों दिन खरीदारों की भीड़ लगी रहती है। पेंइचिंग घूमने आए पर्यटकों को इस बाज़ार के सैर-सपाटे के लिए अवश्य लाया जाता है, यहाँ सुबह-सुबह बसें भर कर पर्यटकों को खरीदारी करने के लिए लाया जाता है। कहा जाता है कि इस बाज़ार को देखे बिना आपकी पेंइचिंग यात्रा अधूरी है। अब तो आप भी मेरी बात से सहमत होंगे। इसलिए इन छुट्टियों में आप भी अपने परिवार के साथ पेंइचिंग यात्रा का कार्यक्रम बनाए और याशौ मार्किट में खरीदारी करने अवश्य जाएँ। यकीनन, घर बैठे परिवारजन आपको याशौ मार्किट से अपने सामान की एक लंबी सूची देंगे जो आप उनके लिए यहाँ से खरीद कर जाएँगे। देखा आपने है न—मज़ेदार बाज़ार- याशौ बाज़ार।
श्रोताओ, कुछ दिन पहले मैंने अखबार में एक बहुत ही मजेदार लेख पढ़ा, जिसे मैं आपके साथ बाँटना चाहती हूँ।
लड़कियां करती हैं ज्यादा गॉसिप?
पिछले दिनों आए एक अध्ययन के मुताबिक पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा गॉसिपिंग करती हैं। हालांकि तमाम लोग इस
अध्ययन से इत्तेफाक नहीं रखते। आइए जानते हैं, इस अध्ययन के बारे में लोग क्या सोचते हैं:
गॉसिपिंग यानि गप्पे मारना, फुरसत के पल में की जाने वाली बातचीत को लेकर सबकी अपनी अपनी राय होती है। कोई इसमें खूब रूचि लेता और इसमें कोई बुराई नहीं देखता, तो तमाम लोग ऐसे भी हैं, जो इसे तमाम बुराइयों की जड़ मानते हैं। जो गॉसिपिंग के दीवाने हैं, उनका मानना है कि इससे दबाव तो दूर होता ही है और दिनचर्या में थोड़ा मनोरंजन भी हो जाता है। पिछले दिनों आए एक सर्वे के मुताबिक महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी खूब गॉसिपिंग करते हैं।
एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कहना है, 'मैं अपने ऑफिस में कॉलीग्स के साथ जमकर गॉसिप करती हूं। जाहिर है कि वे आपकी बातें तभी सुनेंगे, जब उन्हें उनमें रुचि होगी। वे न सिर्फ हमारे गॉसिप सुनते हैं, बल्कि उनमें अपनी भी बातें जोड़कर उन्हें और ज्यादा मसालेदार भी बना देते हैं। ऐसे में यह समझने की भूल मत कीजिए कि पुरुष गॉसिपिंग के मामले में कम होते हैं।'
दूसरी ओर, पुरुषों का यह मानना होता है कि महिलाएं इस मामले में कुछ ज्यादा ही क्रेजी होती है। एक पुरुष कहते हैं, 'मेरे ख्याल से महिलाएं गॉसिप्स को लेकर बहुत ज्यादा क्रेजी होती हैं। मैं मानता हूँ कि पुरुष भी गॉसिपिंग करते हैं, लेकिन ऐसे पुरुषों की संख्या बेहद कम है। मेरे खयाल से हरेक इंसान गॉसिप करता है, लेकिन उसका अंदाज अलग होता है।'
एक एग्जेक्यूटिव कहते हैं, 'हम सब के लिए गॉसिप ऑफिस में मूड को हल्का करने का साधन होता है। यह सच है कि लड़के भी गॉसिप करते हैं और इसमें काफी मजा आता है।' एक मैगजीन में बतौर असिस्टेंट मैनेजर काम करने वाले कहते हैं, 'मेरे पिछले ऑफिस में महिलाएं अक्सर किसी ना किसी के बारे में चर्चाएं करती रहती थीं और पुरुष भी उसमें बढ़ चढ़ के भाग लेते थे।
बहुत से लोगों का मानना है कि गॉसिपिंग सेहत के लिए अच्छी होती है और गॉसिप करने वाले लोग खुश रहते हैं।एक एग्जेक्यूटिव कहते हैं, 'मेरे ख्याल से गॉसिप करने के अपने फायदे होते हैं। ऑफिस में गॉसिपिंग सेफ्टी वॉल्व की तरह होती है, जिससे आप अपने दिल की बात बाहर निकाल सकते हैं। वैसे भी सोचने वाली बात यह है कि अगर गॉसिपिंग अच्छी ना होती, तो लोग भला इसे इंजॉय क्यों कर रहे हैं?'
हमममममम...... देखा आपने.......
बातें तो बहुत करनी हैं आपसे घड़ी की सुइयाँ कह रही हैं, अब समय पूरा हुआ। कोई बात नहीं इंतज़ार का भी अपना मज़ा होता है। हम वह भी कर लेंगे। तो.....
श्रोताओ, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह सातवा क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग
स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। किसी ने कहा है------- जीवन में आने वाली कठिनाइयों से परेशान न हों क्योंकि समस्याओं से कभी कोई बच नहीं पाया चाहे वह साधू हो या संत। इसलिए "डोंट वरी बी हैप्पी" इसी सुविचार के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार