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10-05-06
2010-05-13 11:00:19

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। हमें पूरा विश्वास है कि इस कार्यक्रम ने आपके दिल में अपनी जगह बना ली होगी और जैसा कि हर सप्ताह मैं आपसे मिलने का इंतज़ार करती हूँ वैसे ही आप भी मुझसे मिलने का इंतज़ार करते होंगे। करते हैं न........। जिन श्रोताओं ने हमें अभी-अभी सुनना शुरू किया है, हम उन्हें एक बार फिर से बता दें कि इस कार्यक्रम में हम आपको महिलाओं से जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देंगे। चीन की जीवन शैली से लेकर, सेहत-सौंदर्य की चर्चा से, शापिंग, सैर-सपाटा, सजावट, पाक-कला इत्यादि के साथ-साथ हम आपको मौका मिलने पर एक महिला अतिथि के साथ हुआ हमारा वार्तालाप भी आपको सुनाएँगे जिससे आपको यहाँ के जीवन के बारे में और अधिक जानने को मिले।

म्यूजिक.......................

मम्मी श्रोताओ, आप तो जानती हैं कि मदर्स डे आने वाला है। आप के बच्चे तो खूब ज़ोरो-शोरों से तैयारी में लगे हुए होंगे। वे सोच रहें होंगे कि किस तरह से आपका साथ दिया जाए और अगर आपने अभी तक कोई तैयारी नहीं की है तो जल्दी कीजिए ज्यादा समय नहीं है आपके पास। तो आज के कार्यक्रम में हम माँ के बारे में बात करेंगे। आज का कार्यक्रम माँ के नाम।

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सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने एक विशेष निर्माण किया—माँ। जिसे जीवन देने की अनूठी शक्ति उपहार में प्रदान की। कोई भी माँ का कर्ज चुका नहीं सकता। लेकिन हम निश्चित रूप से हमारी माताओं का सम्मान कर सकते हैं। मातृ दिवस यानि मदर्स डे मना करके उनके चेहरे पर मुस्कान अवश्य ला सकते हैं। संसार भर की माताओं को यह दिन समर्पित है। और इसलिए यह सही समय है जब हम अपनी माताओं के प्रति हमें बेइंतहा प्यार देने और हमारी देखभाल करने के लिए आभार प्रकट कर सकते है, उनके दोस्ताने व्यवहार और जादू की झपियों के लिए जो उन्होंने हम पर बरसाई हैं। दुनिया भर में मातृ दिवस मम्मियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। हालांकि, मातृ दिवस मनाने की तारीख हर देश में अलग-अलग हैं फिर भी हर एक के लिए यह अवसर समान महत्व रखता है। भारत और चीन में यह मई के महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस वर्ष मदर्स डे 9 मई को पड़ता है। और श्रोताओ, अब बात करते हैं कि मातृ दिवस –मदर्स डे की शुरूआत कैसे हुई तो.....

मातृ दिवस की शुरूआत कुछ इस प्रकार हुई.....कि

प्राचीन ग्रीस में, हर साल वसंत के मौसम में रिया, जिसे लोग ईश्वरीय माँ का रूप मानते थे, को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती थी। उसके कुछ समय बाद इतिहास में यह भी उल्लेख किया गया है कि इंग्लैंड में माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए महीने के चौथे रविवार को जो ईस्टर से पहले आता था "मदरिंग संडे" के नाम से इस दिन को मनाया जाता था। वर्ष 1872 में जुलिया वॉर्ड हौवे ने मातृ दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा परन्तु फिलाडेल्फिया की मिस एना जार्विस ने कुछ प्रभावशाली लोगों को पत्र लिखने का अभियान शुरू किया कि मातृ दिवस को एक राष्ट्रीय अवकाश दिवस के रूप में मनाया जाए। जार्विस को मातृ दिवस इतना महत्वपूर्ण लगता था क्योंकि वे अपनी माँ एना रीसी जार्विस के बहुत करीब थी। एना की माँ की मृत्यु 1905 में मई के महीने में हुई थी जब एना 41 साल की थी और उनकी शादी भी नहीं हुई थी। माँ की मृत्यु के बाद वे बिल्कुल अकेली रह गईं और उन्हें अपनी अंधी बहन एलसिनौर की देखभाल अकेले ही करनी पड़ती थी। एना अपनी माँ को बेहद याद करती थी तथा उन्हें इस बात का भी एहसास हुआ कि बच्चों को अपनी माँ को बहुत प्यार और सम्मान देना चाहिए, उन्हें सराहना चाहिए। एना को पूरा विश्वास था कि मातृ दिवस के कारण परिवार में एक-दूसरे के लिए प्यार, सम्मान बढ़ेगा तथा रिश्ते भी मज़बूत होंगे। वर्ष 1907 में एना की माँ जिस चर्च में जाती थी, उन्होंने मई के महीने के दूसरे रविवार को जिस दिन उनकी दूसरी बरसी थी मातृ दिवस मनाया। और अगले साल 1908 में फिलाडेल्फिया शहर ने भी ठीक उस दिन मातृ दिवस मनाया। तो कुछ इस प्रकार मातृ दिवस यानि मदर्स डे की शुरूआत हुई थी।

आप इस दिन अपनी मम्मी के लिए कुछ अलग और अनूठा कर सकते हैं जिससे उन के चेहरे पर प्यारी-सी मुस्कान सज जाए।हमममममम.....सोच में पड़ गए ना। अजी फिक्र नॉट, न्यूशिंग स्पेशल पर हमारे पास इसके भी कई आइडिया हैं। आप चुन सकते हैं कि आप अपनी मम्मी द ग्रेट के लिए क्या करना चाहेंगे।

1. आप उनके लिए कुछ अच्छा-सा खाना पका सकते हैं। नाश्ते में उनकी मनपसंद चीज़ बना सकते हैं।(मम्मियों को यह सबसे ज्यादा पसंद आता है।

2. आप घर का काम करने में उनकी मदद कर सकते हैं। पर ध्यान रखिएगा कहीं आपकी मदद उनका काम कम करने की बजाय न बढाएं।

3. या फिर आप जिन कामों के लिए अपनी मम्मी पर निर्भर हैं, वे आप खुद करें।

4. अपनी मम्मी के लिए कोई प्यारा-सा संदेश या कविता लिखकर उनके बिस्तर पर या कमरे में रख सकते हैं।

5. उन्हें कहीं बाहर खाना खिलाने ले जा सकते हैं।

6. उनके लिए कोई उपहार खरीद सकते हैं।

7. उन्हें ढेर सारा प्यार दें और कोई भी ऐसी बात न कहें जिससे उनका दिल दुखे।

8. ये आइडिया हमारे नन्हे श्रोताओं के लिए है, वे अपने भाई-बहनों के साथ झगड़ा न करें।

9. अगर आप मेरी तरह अपनी मम्मी के पास नहीं, दूर रहते हैं, तो उन्हें फोन करें और उनसे ढेर सारी बातें करें।

10.और अगर आज तक आपने अपनी मम्मी को कभी नहीं बताया कि आप उनसे बहुत प्यार करते हैं तो अब यह मौका न जाने दें और उन्हें बता दें कि वे आपके लिए क्या मायने रखती हैं।

आप जो भी करेंगे आपकी मम्मी को ज़रूर अच्छा लगेगा क्योंकि उसमें आप का प्यार छुपा है और माँ से बेहतर प्यार को कौन समझ सकता है। श्रोताओ, वह माँ ही है जो हमें बिना किसी स्वार्थ के केवल देना ही जानती है। मैंने यह कविता कहीं पढ़ी थी जिसे मैं आपको सुनाना चाहती हूँ।

श्रोताओं,जैसा कि आप को हमने बताया था, इस महीने हम आपके द्वारा आपकी मम्मी के लिए भेजी कविताएं और संदेश पढ़ेगे तो देर मत कीजिए अपने प्यार का इज़हार करने में। और एक बार फिर से हमारी मम्मी श्रोताओं को हैप्पी मदर्स डे।

म्यूजिक.......................

श्रोताओ, हम आज आपको घर की साज-सज्जा तथा सजावट के बारे में कुछ बताएँगे। घर चाहे बड़ा हो या छोटा हम सब अपने घर को अपने-अपने तरीके से सजाकर रखते हैं और यह बात तो हम जानते ही है कि आपका घर आपके व्यक्तितव का आइना होता है। चीनी लोग अपने घरों को बेहद सुन्दर तरीके से सजाते हैं। सजावट के साथ-साथ वे घर की साफ-सफाई का भी पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं। घर की बैठक में फर्नीचर के रंग, दीवार के रंग, उसके साथ-साथ दीवार पर लगे चित्रों, सजावट की वस्तुओं के रंगों व आकार का चयन कैसे किया जाए तथा उन्हें कहाँ रखा जाए इन छोटी-छोटी बातों का केवल बैठक में ही नहीं, पूरे घर में भी ध्यान रखा जाता है। घरों को फंग शुई के हिसाब से भी सजाया जाता है ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा आए। तभी तो किसी भी घर में प्रवेश करके आपके मुँह से यही निकलता है ---वाह क्या बात है। जाड़े के दिनों में पेइचिंग में बहुत ठंड पड़ती है इसलिए यहाँ के घरों में लकड़ी के फर्श होते हैं या पूरे घर में गलीचे बिछे होते हैं ताकि सर्दियों में घर गर्म रहें। सभी घरों में भरपूर रोशनी होती है तथा वे हवादार होते हैं। रसोई में तरह-तरह के घरेलू बिजली-उपकरण लगे होते हैं। जैसे – अवन, माइक्रोवेव, पानी को गर्म करने की मशीन आदि।, जिससे भोजन पकाने का काम आसान हो जाता है। इसी के साथ श्रोताओ आज हम भी आपको घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए कुछ सरल तरीके बताएँगे जिन्हें आप में से कुछ लोग पहले से ही जानते होंगे। लेकिन फिर से एक बार..............

1. सबसे पहले तो आप के घर में जितनी भी अनावश्यक वस्तुएँ हों या वे वस्तुएँ जिनका प्रयोग आपने लंबे समय से नहीं किया और आप को लगता है कि कभी यह चीज़ें काम आएगी तो ऐसा होता नहीं है अक्सर वे कचरे के सी फालतू होती हैं और घर में जगह घेरे रहती हैं इसलिए उन्हें अपने घर में न रहने दें।

2. घर में पोसीटीव एनर्जी यानि सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए आप अपने घर की बैठक में या घर के हर कमरे में एक बर्तन में नमक डाल कर रख सकते हैं।

3. हमेशा अपने काम करने के स्थान को साफ-सुथरा रखना चाहिए। फिर चाहे वह रसोईघर हो या दफ्तर में आपकी मेज़। यहाँ अनावश्यक चीज़ों को न रहने दें।

4. इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके घर के मुख्य द्वार पर किसी भी तरह की कोई रूकावट नहीं होनी चाहिए।

5. सुबह उठकर सबसे पहले ईश्वर का धन्यवाद करें कि उन्होंने आपको घर दिया, परिवार दिया, आपको संपन्न बनाया। ऐसा करने से भी आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

देखा आपने कि कितनी छोटी-छोटी बातें हैं पर कितनी महत्वपूर्ण। अक्सर छोटी-छोटी बातों से ही हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है और हम उन्हें ही अनदेखा कर देते हैं।

हम आशा करते हैं कि इन छोटी-छोटी बातों को अपनाकर आपको अवश्य लाभ होगा। इन्हें प्रयोग में लाकर आपका अनुभव कैसा रहा, क्या फर्क महसूस किया, हमें अवश्य बताएँ। अगर ऐसे ही बातों का खजाना आपके पास भी हो तो हमें अवश्य बताएँ। हम आपके द्वारा भेजे गए पत्रों को अपने कार्यक्रम में अवश्य शामिल करेंगे और दूसरे श्रोताओं को उनके बारे में बताएँगे।

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म्यूजिक.......................

बातें तो बहुत करनी हैं आपसे पर घड़ी की सुइयाँ कह रही हैं, अब समय पूरा हुआ। कोई बात नहीं इंतज़ार का भी अपना मज़ा होता है। हम वह भी कर लेंगे। तो.....

श्रोताओ, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह पाँचवा क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग

स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। किसी ने कहा है-------जीवन की हर परिस्थिति में हमारे पास हमेशा दो रास्ते होते हैं – भाग लो या भाग लो। इसी सुविचार के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।

तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार

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