रात के दस बजे थे और मुझे सुनसान सड़क पर टैक्सी नहीं मिल रही थी। घबराहट होने लगी कि घर कैसे पहुँचूँगी। इसी उधेड़-बुन में थी कि, एक टैक्सी मेरे पास आकर रुकी तो मैंने लपक कर दरवाज़ा खोला और अंदर बैठ गई। टैक्सी-चालक पर नज़र पड़ी तो सारी घबराहट मानो रफूचक्कर हो गई हो। कारण था कि टैक्सी-चालक एक महिला थी। सकुशल घर पहुँचने की मानो जैसे गारंटी मिल गई हो। झिलमिलाती सड़क पर टैक्सी सरपट दौड़ रही थी कि टैक्सी-चालक ने मुझसे चीनी भाषा में कुछ पूछा, शायद कौन से रास्ते से जाना है यह पूछ रही थी। मैंने कहा सीधा चलो। जवाब देते ही उसकी टैक्सी हवा से बातें करने लगी और मैं सोचने पर मज़बूर हो गई कि मैं अकेले घर जाने से डर रही थी और यह अकेली महिला रात के समय शहर की सड़कों पर बिना झिझक के टैक्सी चला रही थी। यह था चीन में मेरा पहला अनुभव। उसके बाद जब चीन में दिन बीतने लगे तो पाया कि यहाँ काम के क्षेत्र में लिंग असमानता है ही नहीं। दुकानों, दफ्तरों, विद्यालयों के अलावा महिलाएँ बस चालक, टैक्सी-चालक,यहाँ तक कि रिक्शा चालक भी हैं, और हाँ, यहाँ के रिक्शे भारत से भिन्न हैं, बैटरी से चलने वाले, बाहर से टीन के कनस्तर जैसे बने होते हैं जिसमें चालक के अलावा एक वयस्क तथा एक छोटा बच्चा बैठ सकता है। ऐसा है चीन जहाँ वृद्ध हों, जवान हों या बच्चे सब बहुत मेहनती होते हैं। अपना काम पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी से करते हैं। काम के प्रति कभी कोई समझौता नहीं करता। यहाँ तक की बात जब तक समझ में आई तो अब हमें चीन में अपने लिए आवास खोजना था और एक दिन होटल के कमरे में फोन की घंटी बजी और दूसरी ओर से एक महिला ने मुझसे कहा कि अगले दिन कुछ घर दिखाने के लिए वे मुझे सुबह 10 बजे लेने आएगी। एक और रहस्य से परदा उठा कि यहाँ तो घर के एजेंट भी महिलाएँ हैं। सहसा मुँह से निकला --वाह रे, ईश्वर तेरी लीला अपरंपार है। परन्तु इन सब से यह बात एकदम स्पष्ट हो जाती है कि लिंग समानता के साथ-साथ यह स्थान महिलाओं के लिए सुरक्षित है, जहाँ एक महिला को रात के समय कहीं भी अकेले जाने में संकोच न हो। केवल कहीं अकेले जाने के लिए ही नहीं बल्कि कोई भी काम हो या कोई भी व्यवसाय हो, एक पल के लिए भी यह विचार कभी नहीं आता कि मैं एक महिला हूँ और यह काम मैं नहीं कर सकती। इसका कभी सवाल ही नहीं उठता।
श्रोता दोस्तो, हम आज का कार्यक्रम हमारी सेहत से जुड़े बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्ये से आरंभ करते हैं। अक्सर हम शिकायत करते हैं अचानक तबीयत खराब हो गई, पेट में दर्द होने लगा, सिर दर्द होने लगा, उल्टियाँ इत्यादि और आपने घर का बना भोजन ही खाया था फिर भी ऐसा हुआ। इसका कारण यह है कि आपने खाया तो घर का बना भोजन ही परन्तु गलत कॉम्बिनेशन के साथ यानि ऐसे खाद्य पदार्थ जिन्हें साथ में खाने से आपकी सेहत में गड़बड़ हो सकती है। अक्सर खान-पान में लापरवाही के चलते फूड पॉयजनिंग हो जाती है। तो चलिए आज जानते हैं, 'साथ-साथ क्या ना खाएँ।' आपकी कागज़ और कलम तो तैयार होगी।
1. घी-शहद बराबर मात्रा में नहीं लें, यह जहर का काम करेंगे। इसी प्रकार दो चिकने पदार्थ बराबर मात्रा में मिलाकर नहीं लेना चाहिए।
2. केला और गर्म पानी के साथ दही नहीं खाना चाहिए। नसों में अकड़न हो सकती है।
3. छाछ के साथ केला नहीं खाना चाहिए।
4. खीर के साथ गुड़ नहीं खाना चाहिए।
5. गुड़ के साथ मछली नहीं खानी चाहिए।
6. किसी भी ठंडे पेय के साथ चाय-कॉफी न लें।
तो देखा आपने हममें से कई लोगों को यह नहीं पता होता कि कौन-सी चीजें एक साथ में लेने से फूड पॉयजनिंग हो सकती है। अब आप भी भविष्य में इन बातों का ध्यान रखें और फूड पॉयजनिंग से बचे। अगर आप को भी ऐसी बातों की जानकारी हैं तो हमें अवश्य बताएँ। हम आपके द्वारा बताई गई संबद्ध जानकारी को अपने कार्यक्रम में अवश्य शामिल करेंगे और अन्य श्रोताओं को उनके बारे में बताएँगे।
श्रोता दोस्तो, अब समय हो गया है, फैशन की दुनिया पर नज़र डालने का। इन सर्दियों में लान्ग बूट के साथ स्किन फिट जींस, स्किन फिट लैगिंगस के साथ लंबे मैंचिग मफलर और ट्रेंडी बैग का खूब चलन रहा। अब जब सर्दियाँ खत्म हो रही हैं तो इन गर्मियों में जींस, कैपरी, मिनी और शार्ट्स चलन में होंगी। इतनी लंबी सर्दियों के बाद सबको गर्मियों का इंतज़ार है ताकि वे कपड़ों के साथ-साथ रंग-बिरंगी खुले पैरों वाली चप्पलें व फ्लैट्स को पहन सकें।
श्रोताओ, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह दूसरा क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। समाज के तेज़ परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि दुनिया की सारी महिलाएं एकजुट हो जाए। इसी सुविचार के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग,चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 10057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। मैं आपके पत्रों का बेसब्री से इंतज़ार कर रही हूँ। अच्छा,इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार