चीन और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण आवाजाही और आदान प्रदान का दो हजार साल लम्बा पुराना इतिहास रहा है। दोनों देशों के बीच सदियों से लम्बी मैत्रीपूर्ण आवाजाही और आदान प्रदान को प्रगाढ़ और विकसित करने केलिए इतिहास में अनेकों चीनी और विदेशी लोगों ने योगदान किया था, जिन में प्रसिद्ध व्यक्तियों में चीन के महान बौद्ध यात्री ह्वेनसान और भारत के बौद्ध भिक्षु कुमार जीव शामिल थे। आधुनिक काल में चीन और भारत दोनों ने अपनी स्वतंत्रता और मुक्ति के लिए अथक संघर्ष किए और दोनों देशों की जनता ने एक दूसरे का निस्वार्थ समर्थन किया । इस क्षेत्र में भारत के सुपुत्र द्वारकानाथ कोटनिस का नाम चीन में सब से मशहूर है।
पिछले साल के दिसम्बर में में सी आर आई वेबसाइट पर गत सौ साल में चीन से रिश्ता. दस सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय मित्र चयन कार्यक्रम आयोजित हुआ। लाखों चीनी नेटेज़नों ने इस मतदान में भाग लिया। प्राप्त मतों के आधार पर सौ साल में चीन के दस सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय मित्र चुने गए। भारतीय डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनिस उनमें से एक हैं। हमारे रेडियो के निमंत्रण पर डॉक्टर कोटनिस की दो बहनों व भतीजी और भतीजी के पति ने चीन की यात्रा की थी ।
चीन से रिश्ता. दस सर्वश्रेष्ठ अन्तरराष्ट्रीय मित्र चुनने के कार्यक्रम में पिछले सौ वर्षों में चीन को सबसे अधिक सहायता देने वाले या चीन के साथ सबसे गहरे संबंध रखने वाले विदेशी दोस्तों का चुनाव किया जाता है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य अधिक से अधिक चीनी लोगों को इन विदेशी मित्रों के बारे में जानकारी देना है। ताकि चीनी जनता उन्हें सदा याद रखेंगे ,जिन्होंने चीन के क्रांतिकारी कार्य और आधुनिक निर्माण में हाथ बंटाया और चीन के साथ मैत्री बढ़ाने में अभूतपूर्व योगदान किया था। इसकी चर्चा करते हुए चाइना रेडियो इन्टरनेशनल के महा प्रबंधक वांग कंग न्येन ने कहा कि चीन एक मेहमानवाज राष्ट्र है, हम आभार चुकाने को अपना धर्म समझते हैं और इस भावना के चलते विभिन्न देशों की जनता के साथ मित्रता कायम रखकर हमेशा विश्व शान्ति व जनता के खुशहाल जीवन के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि हमारा वर्तमान जीवन खुशहाली के दौर में है, फिर भी मुश्किल समय में चीनी जनता के लिए योगदान देने वाले अन्तर्राष्ट्रीय मित्रों को आज हम खास तौर से याद करते हैं।
यह कार्यक्रम चीनी जन वैदेशिक मैत्री संघ, चीनी राजकीय विदेशी विशेषज्ञ मामला ब्यूरो और चाइना रेडियो इंटरनेशनल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न वर्गों के लोगों ने व्यापक तौर पर भाग लिया। चीन लोक गणराज्य की स्थापना के बाद यह इस तरह का पहला कार्यक्रम है। इस चयन कार्यक्रम का समाज में व्यापक प्रभाव पडा़ है। चाइना रेडियो इंटरनेशनल के अलावा, चीनी केंद्रीय टी वी स्टेशन, जन दैनिक एवं जन वेबसाइट, शिनह्वा वेबसाइट व शिनलांग वेबसाइट आदि ने संबंधित खबरें दी हैं। इसके साथ साथ, इन कार्यक्रमों का इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों ने भी काफी स्वागत किया है। कुल 5 करोड़ 60 लाख से अधिक लोगों ने वेबसाइट पर वोट किए। 12 अक्टूबर को इस कार्यक्रम के जरिये चीन के दस सबसे मशहूर अंतरराष्ट्रीय मित्र औपचारिक रूप से चुने गए, जिनमें भारत के डाक्टर द्वारकानाथ कोटनिस भी शामिल हैं।
चीनी लोगों के लिए डॉक्टर कोटनिस का नाम कोई नया नहीं है। उन्होंने जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध के दौरान चीन आकर अपने यौवान जीवन को चीनी जनता को फासिस्ट विरोधी संघर्ष के लिए न्यौछावर कर दिया था। डॉक्टर कोटनिस की कहानी वर्षों से चीनी जनता को प्रेरित करती रही है।
द्वारकानाथ कोटनिस 1910 में भारत शोलापुर में जन्मे थे और युवावस्था में ब्रिटेन में मेडिकल शिक्षा ली और एक कुशल डाक्टर बने। 1938 में चीन में जापान के आक्रमण का विरोध करने के युद्ध में चीनी जनता को मेडिकल सहायता देने के लिए भारत से चीन आए और चीन के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध में हिस्सा लिया। उन्हों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले जापानी आक्रमण विरोधी आधार क्षेत्र में रहते हुए वर्षों से चीनी आठवीं राह सेना के घायलों और मरीजों तथा आधार क्षेत्र के बीमार चीनी निवासियों का निस्वार्थ इलाज किया। अपनी असाधारण कार्य दक्षता और सेवा भावना के कारण वे वहां बैथ्युन शांति अस्पताल के प्रभारी नियुक्त किए गए। कठोर जीवन स्थिति और कड़ी मेहनत व लगन ने कोटनिस के स्वास्थ्य को खराब कर दिया और अन्त में उन्हों ने अपनी जान को चीन को अर्पित कर दिया। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अध्य़क्ष माओ त्से तुंग ने कोटनिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन की महान अन्तरराष्ट्रवादी भावना की प्रशंसा करते हुए आलेख लिखा और कहा कि महान अन्तरराष्ट्रवादी यौद्धा कोटनिस कड़ी मेहनत और बीमारी से संसार से चल बसे, उन की अतूल्य महान भावना हमेशा चीनी जनता के दिल में याद रखी जाएगी।
चीन से रिश्ता. दस सर्वश्रेष्ठ अन्तरराष्ट्रीय मित्र में चुने जाने से यह साबित हुआ है कि चीनी लोग डाक्टर कोटनिस को कभी नहीं भूल सकेंगे। गत दिसम्बर में अन्तरराष्ट्रीय मित्र चुने जाने के बाद डाक्टर कोटनिस की दो छोटी बहनों और भतीजी को चीन की यात्रा पर आमंत्रित किया। इस के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों में कोटनिस की बहनों ने उन की याद करते हुए अपना अनुभव बताया। उनकी तीसरी बहन मनोरमा एस. कोटनिस ने हमें बताया कि मुझे बड़ी खुशी हुई है कि चीनी जनता ने मेरे भैया डाक्टर कोटनिस को दस सर्वश्रेष्ठ अन्तरराष्ट्रीय मित्र चुने। इस पर हमें असाधारण गर्व लगा है। भैया कोटनिस जब घर से चले, उसी समय मैं सिर्फ 15 साल की थी, हालांकि मुझे मालूम नहीं था कि वे क्यों इतनी दूर चले गए, लेकिन मुझे बताया गया था कि वे चीन गए और वहां के लोगों को जापानी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए मदद देते हैं। सच कहूं, हमें उन के जीवन पर बहुत चिंता थी। छोटी बहन की याद में डाक्टर कोटनिस एक स्नेह भरा प्यारा भाई है । उन की पांचवीं छोटी बहन वत्सना ने याद करते हुए कहाः भैया के चले जाने के वक्त मैं सिर्फ दस साल की थी। वे हमेशा हमारी ख्याल रखते थे । वे मुझे पढ़ने और लिखने में मदद देते थे और उन के साथ मुझे हमेशा खुशी और आनंद महसूस रहती थी।
8 दिसंबर को चीन से रिश्ता दस सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय मित्रों को पुरस्कार से सम्मानित करने का समारोह पेइचिंग के जन वृहद भवन में भव्य रुप से आयोजित हुआ। पुरस्कार वितरण समारोह में निर्वाचित दस अंतर्राष्ट्रीय मित्रों व उनके परिवारों के प्रतिनिधियों को प्रमाण पत्र व स्मृति मेडल प्रदान किया गया। रस्म समारोह से पहले चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के अध्यक्ष च्या छिंग लिंग ने निर्वाचित दस अन्तर्राष्ट्रीय मित्रों या उन के रिश्तेदारों से भेंट की, उन्होंने चीन सरकार व चीनी जनता की ओर से चीन को सहायता देने वाले सभी अन्तर्राष्ट्रीय मित्रों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा,
इस साल चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 60 वीं वर्षगांठ है। चीनी जनता ने इस खुशी का भरपूर आनंद उठाया, इस मौके पर हम नए चीन की स्थापना व उसके निर्माण में अपना योगदान देने वाले और सहायता देने वाले अन्तर्राष्ट्रीय मित्रों को कभी नहीं भूलते हैं। चीन से रिश्ता दस अन्तर्राष्ट्रीय मित्र चयन एक बहुत ही महत्व रखने वाला कार्यक्रम है। इस चयन में 5 करोड़ से अधिक नेटीजनों ने भाग लिया, इतने नेटीजनों के सक्रियता से इस गतिविधि में भाग लेनेसे जाहिर है कि चीनी जनता के दिल में सच्चे मित्रों के एहसान की समृति तथा उनके प्रति गहरा सम्मान प्रदर्शित होता है, और अपने मित्रों को कभी न भूलने वाली बेहतरीन परम्परा भी प्रदर्शित होती है।
डॉक्टर कोटनिस के प्रति चीनी जनता के प्रेम व स्नेह से कोटनिस के परिवार जनों पर गहरा प्रभाव पडा है। कोटनिस की तीसरी बहन मनोरमा ने बड़ी खुशी व्यक्त करती हुई कहा कि मैं ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि कोटनिस के निधन हुए इतने साल हो गए हैं, फिर भी चीनी जनता उन्हें नहीं भूले और पहले की ही तरह उन की समृति करते रहते हैं और उन के कारनामों की प्रशंसा करते हैं। चीनी जनता की इस तरह के प्यार और स्नेह से हमें बेहद प्रसन्नता हुआ और बड़ी प्रेरणा मिली है। हम तमाम भारतीय मित्रों को यहां हुई सभी बातों को बताएंगे। डाक्टर कोटनिस चीन भारत मित्रता का साक्षी है मुझे उम्मीद है कि चीन और भारत दोनों के मैत्रीपूर्ण संबंध दिनोंदिन गहरा और घनिष्ठ होते जाएंगे और अधिक प्रगाढ होंगे।
अच्छा दोस्तो, अभी आप ने चीन भारत राजनयिक संबंध की 60वीं जयंति पर ज्ञान प्रतियोगिता के लिए परिचयात्मक आलेख यानी जनता की मैत्री--- डाक्टर कोटनिस की कहानी सुनी है। अब आप इस आलेख के लिए रखा गया सवाल ध्यान से सुनिए, डाक्टर कोटनिस चीनी नटीजनों द्वारा किस प्रकार के मित्र के रूप में चुने गए?
श्रोता दोस्तो, चीन भारत राजनयिक संबंध की 60वीं जयंति के बारे में ज्ञान प्रतियोगिता के साथ साथ सी आर आई हिन्दी सेवा चीन से रिश्ता शीर्षक लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन कर रही है, जिस में आप लेख, कविता लिखकर चीन के प्रति अपना अनुभव या चीन से आप के किस प्रकार के रिश्ते के बारे में लिख सकते हैं। आप अपने लेख या कविता जैसी रचनाओं को ई-मेल या डाक द्वारा हमें भेज सकते हैं। हम उन में से श्रेष्ठ वाला चुन कर इनाम देते हैं। आशा है कि आप इस में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे। हम आप की रचनाओं का इंतजार कर रहे हैं। अच्छा, दोस्तो अब आप से आज्ञा चाहते हैं, नमस्ते।