अनिलः आपकी पसंद सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार। दोस्तो हम फिर आ गए हैं आपकी फरमाईश के गीत लेकर। हमें उम्मीद है आपको कार्यक्रम में पेश होने वाले गीत पसंद आ रहे होंगे।
ललिताः श्रोताओं को ललिता का भी नमस्कार।
अनिलः हां तो दोस्तो, आजकल भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मुहिम में दो नाम काफी चर्चित हो रहे हैं। एक हैं समाज सेवी अन्ना हज़ारे, दूसरे योग के जरिए लोगों को जगाने वाले बाबा रामदेव। वहीं अब बॉलिवुड निदेशक मणि शंकर ने भी बाबा रामदेव पर फिल्म बनाने का एलान किया है। इस फिल्म में शनिवार रात को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई पुलिसिया कार्रवाई की घटना को भी शामिल किया जाएगा। दोस्तो, इस बारे में चर्चा आगे भी जारी रहेगी, पहले सुनते हैं यह गीत। बोल हैं ये दुनिया ये महफिल तेरे काम की नहीं, फिल्म का नाम है हीर रांझा, जिसे गाया मो. रफी ने। इस गीत को सुनने के ख्वाहिशमंद हैं कोआथ रोहतास बिहार से अब्दुल मोहिब खां, मोशारिब खां, मोना खां, ताबिश खां, फैसल खां, रेहान खां व जीशान खां आदि श्रोता।
अनिलः हां तो हम बात कर रहे थे बाबा रामदेव पर बनने वाली फिल्म की। मणि शंकर बाबा रामदेव के काफी करीबी माने जाते हैं और खबर है कि बाबा के आमरण अनशन पर बैठने के एलान से वह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन पर फिल्म बनाने का फैसला कर लिया। मणि आजकल बाबा के आंदोलन पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं, ताकि उन्हें पूरी घटना की प्रत्यक्ष जानकारी मिल सके। इससे पहले वे विदेशी खातों में धन रखने और उसे वापस लाने की मुहिम पर ' नॉक आउट ' नाम की फिल्म भी बना चुके हैं। फिल्म में शंकर के फेवरिट ऐक्टर संजय दत्त भी होंगे। अब यह तो तय नहीं है कि वह बाबा की भूमिका करेंगे या नहीं, लेकिन शंकर के मुताबिक संजू निश्चित तौर पर इस फिल्म का हिस्सा होंगे।
ललिताः दोस्तो, कहते हैं खेलोगे, कूदोगे, होंगे खराब, पढ़ोगे, लिखोगे तो बनोंगे नवाब। भारत सरकार इस अवधारणा को बदलते हुए पंचायत स्तर पर स्कूलों में खेलों को बढ़ावा देने जा रही है। इसके तहत दसवीं तक ही स्कूल में खेल का एक पीरियड अनिवार्य रूप से होगा। उससे ऊपर की क्लास हर वीक पीरियड होगा और प्रखंड व पंचायत स्तर पर हर स्कूल में खेल का मैदान होगा। वाकई एक अच्छा कदम है। वैसे हमारी बातचीत आगे भी जारी रहेगी। पहले पेश है ये गीत, जिसके बोल हैं तू मेरा जानू है, फिल्म का नाम है हीरो। इसे सुनने की फरमाईश की है मुबारकपुर ऊंची तकिया से वकार हैदर, दिलशाद हुसैन, फातमा सोगरा, हसीना दिलशाद व वसीम फातमा आदि श्रोताओं ने।
अनिलः दोस्तो मां-बाप न जाने कितने जतन करके बच्चों के लिए यूनीक नाम रखते हैं, लेकिन कई बार बच्चों को वह पसंद नहीं आता। ऐसे में आई फोन ने अब नई ऐप ' किक टु पिक ' पेश की है, जिसकी मदद से गर्भ में ही बच्चा अपना नाम सिलेक्ट कर सकता है। हां वाकई घर में नए मेहमान के आते ही पैरंट्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है उसके लिए एक बढ़िया सा नाम रखने की होती है। जाहिर है, कॉम्पिटीशन के जमाने में अनोखे नाम को लेकर भी काफी कॉम्पिटीशन हो गया है। हर कोई अपने बच्चे के लिए एकदम अलग ही नाम की तलाश कर रहा है। लेकिन हद तो तब हो जाती है, जब बड़े होने पर बच्चे को अपना नाम पसंद नहीं आता और इसके लिए वह मां-बाप को कोसता रहता है। लेकिन अब मां-बाप को न सिर्फ नाम रखने की टेंशन से छुटकारा मिलने वाला है, बल्कि उन्हें बाद में बच्चे के ताने सुनने की टेंशन से भी मुक्ति मिलने वाली है। बच्चा खुद ही अपना नाम सिलेक्ट करेगा, तो भला पैरंट्स पर कैसे ब्लेम कर सकता है।
ललिताः हां वाकई में बच्चे अपने तरीके से नए स्टायल का नाम चाहते हैं, इसमें कई बार मां-बाप सही नहीं बैठते। ऐसे में उन्हें मायूस होना पड़ता है कि उन्होंने बड़ी मशक्कत से नाम खोजा, लेकिन बच्चे को यह पसंद नहीं आया।
अनिलः दोस्तो नाम के बारे में आगे बात करेंगे, पहले सुनते हैं ये गीत, बोल हैं वेक-अप सिड, जिसे गाया है शंकर महादेवन ने, फिल्म का नाम है वेकअप सिड।
अनिलः हां तो हम बात कर रहे थे नाम की। दरअसल, आईफोन की एक नई ऐप ' किक टु पिक ' की मदद से बच्चा जन्म लेने से पहले ही खुद अपना नाम सिलेक्ट कर सकता है। भले ही एक बार को आपको इस खबर पर विश्वास न हो, लेकिन ऐसा सच में होने जा रहा है। इस ऐप में बच्चों के हजारों नाम स्टोर हैं। हालांकि पैरंट्स अगर चाहें, तो इन नामों में अपनी पसंद के नाम शामिल कर सकते हैं या फिर अपने फेवरिट नामों की ही लिस्ट बना सकते हैं। आपको करना यह है कि फोन में ऐप स्टार्ट करके इसे बेबी बंप पर लगाना है और बेबी की ओर से उस पर किक मारने का इंतजार करना है। फोन बेबी की मूवमेंट को मॉनिटर करेगा। जैसे ही बेबी की ओर से कोई किक पड़ेगी, वैसे ही ऐप बेबी द्वारा चूज किया गया नाम पेश कर देगा।
ललिताः इस ऐप के क्रिएटर का कहना है कि ' किक टु पिक ' को बनाने का आइडिया बेबी की चॉइस को लेकर एक डिस्कशन के दौरान आया। उसका मानना है कि इससे पैरंट्स की बच्चों के नाम को लेकर होने वाली टेंशन दूर हो जाएगी।
अनिलः दोस्तो आप भी टेंशन मत कीजिए, हम आपका इंतजार खत्म करते हुए पेश कर रहे हैं अगला गीत, फिल्म है दिल से, गीत के बोल हैं मुझे नींद न आए। इसे सुनना चाहते हैं कुरसेला तिनघरिया से ललन कुमार सिंह, प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी, मधु व एल के सिंह आदि श्रोता।
अनिलः दोस्तो, आजकल आप को कैसा लग रहा है हमारा प्रोग्राम। हम नए गानों के साथ साथ पुराने गाने भी पेश कर रहे हैं। हमारी कोशिश रहती है कि हम दोनों तरह के गाने पेश करें। लेकिन इसके बाद भी कई श्रोताओं की शिकायत रहती है कि हम उनके पसंद के गाने पेश नहीं करते। लेकिन हमारी पूरी कोशिश होती है कि हम सभी श्रोताओं की पसंद का ख्याल रखें। हां तो अभी हम पेश कर रहे हैं अगला गीत, जिसके बोल हैं तुझको ना देखूं तो जी घबराता है, इसे गाया है उदित नारायण ने, फिल्म का नाम है जानवर। इसे सुनना चाहते हैं नेपानगर से सुदर्शन शाह, रुद्रेश शाह, सुरभि शाह, अर्जुन, राजेंद्र शाह, सुभद्रा बेन शाह, मंगला बेन शाह, मृत्युंजय, संतोष, विजय, मनोहर, रमेश व शांताराम लीलाधर आदि श्रोता। वे लिखते हैं हमने अभी-अभी सीआरआई सुनना शुरू किया है, इसका प्रसारण बहुत अच्छा है। आपकी पसंद कार्यक्रम के लिए हम पहली बार पत्र भेज रहे हैं, कृपया इसे जरूर पेश कीजिएगा। हां हमें भी खुशी हो रही है कि आपने हमें पत्र भेजा। हमने आपका पत्र शामिल कर लिया है और आपकी फरमाईश का गीत भी पेश कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आप आगे भी इसी तरह हमें पत्र भेजते रहेंगे।
अनिलः कार्यक्रम का अंतिम गीत पेश है युवराज फिल्म से, गीत के बोल हैं तू मेरी दोस्त है।
अनिलः दोस्तो इसी गीत के साथ आपसे विदा लेने का समय आ गया है। आपसे फिर मुलाकात होगी अगले सप्ताह इसी समय इसी दिन। तब तक के लिए हमें आज्ञा दें। बाय-बाय, नमस्ते, शब्वा खैर, अलविदा।