अनिलः आप की पसंद सुनने वाले सभी श्रोताओं को नमस्कार। हां तो दोस्तो हम फिर आ गए हैं आपकी फरमाईश के गाने व कुछ मजेदार बातें लेकर। तो कैसा लग रहा है आपको हमारा नया कार्यक्रम। मेरे इंट्रोडक्शन की ज़रूरत तो नहीं, मैं हूं अनिल। उम्मीद है आपको हमारा नया स्टायल पसंद आ रहा होगा।
ललिताः श्रोताओं को ललिता का भी नमस्कार। अनिल आपने सही कहा हम आजकल कार्यक्रम को और अधिक मनोरंजक और सरल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर इस बारे में आपका कोई सुझाव हो, तो हमें भेज सकते हैं।
अनिलः लीजिए कार्यक्रम की शुरुआत में पेश है आंखें फिल्म का गीत, इसके बोल हैं मिलती है ज़िंदगी में मोहब्बत कभी-कभी। जिसे सुनना चाहा है गया बिहार से ज़माल खान मिस्त्री, शबीना खातून, जरीना खातून, मोकिमन खातून व बच्चन मिस्त्री ने।
अनिलः हां तो दोस्तो यह सभी जानते हैं कि चीन जनसंख्या के मामले में नंबर वन है और अपना इंडिया भी कोई पीछे नहीं है। वहीं न्यूज़ पेपर सर्कुलेशन के मामले में भी चीन सबसे आगे चला गया है। वैसे इलक्ट्रॉनिक प्रकाशन के लिहाज चीन दूसरे स्थान पर है। इतना ही नहीं तीसरा सबसे बड़ा फिल्म प्रोडक्शन वाला देश होने के साथ-साथ सबसे बड़ा टीवी ड्रामा बनाने वाला देश भी चीन बन गया है।
ललिताः हां तो हम बात न्यूज पेपर सर्कुलेशन की कर रहे थे।
अनिलः वैसे इंडिया में हिंदी, अंग्रेजी समेत तमाम भाषाओं के सैकड़ों डेली पेपर निकलते हैं, वहीं तमाम मैगज़ीन और वीकली पेपर। चैनलों की भी भरमार है। चैनलों में इतना कांप्टीशन है कि हर कोई खबर पाने के जुगाड़ में लगा रहता है। यानी इंडिया भी मीडिया की एक बड़ी इंडस्ट्री बन गया है। आज के स्मार्ट व वेल एजुकेटेड युवा भी मीडिया में करियर बनाने को लालायित रहते हैं। स्पेशली इलेक्ट्रानिक मीडिया को लेकर जबरदस्त क्रेज है। लेकिन मीडिया के अंदर न्यू कमर्स को काफी स्ट्रगल करना पड़ता है। लीजिए हम आपके लिए पेश कर रहे हैं मीडिया की सच्चाई बयान करने वाली फिल्म पेज थ्री का गीत, बोल हैं यहां ज़िंदगी एक अलग।
ललिताः बिल्कुल सही कहा मैंने भी दिल्ली में देखा, कोई भी प्रोगाम के दौरान तमाम मीडियाकर्मियों की भीड़ रहती थी। कैमरे व माइक लिए पत्रकारों को देखकर मेरे मन में मीडिया के लिए क्रेज पैदा हुआ, लेकिन मुझे मालूम है यह काम आसान नहीं है, क्योंकि आपको दिन-रात कभी भी न्यूज लेने के लिए जाना पड़ सकता है।
अनिलः चलिए न्यूज से अब शादी की बात करते हैं। शादी को यादगार बनाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते। कोई पानी के नीचे जाकर ब्याह रचाता है, तो कोई भारी बर्फ के बीच एक-दूसरे को जीवन साथी चुनता है। अपने इंडिया के लोग भी कुछ पीछे नहीं हैं। कुछ महीने पहले लखनऊ में ऐसी ही एक शादी देखने को मिली। सॉफ्टवेयर इंजीनियर जूही और देव ने ज़मीन से दस फुट ऊपर एक-दूसरे के गले में माला डालकर शादी रचाई। चलिए हम भी आपको इसी से जुड़ा हुआ गीत सुनाते हैं, बोल हैं दूल्हा मिल गया, दूल्हा मिल गया।
ललिताः वैसे शादी में बारात तो नहीं थी, केवल वर-वधू के कुछ गिने-चुने रिश्तेदार और दोस्त शामिल हुए। इस सॉप्टवेयर कपल ने कार ट्राली में एक-दूसरे को जयमाला पहनाई और दोनों ने रोप वे पर साथ-साथ रहने की क़समें खाई। जिसने भी शादी देखी वह बोला वाह क्या अनोखी शादी थी।
अनिलः वैसे इंडिया में नेता दूसरों को नसीहत देने से बाज नहीं आते, और खुद को हमेशा पाक साफ मानते हैं। अब भाजपा को ही लीजिए, वह खुद को संस्कार, परंपरा की पार्टी मानती है, लेकिन पिछले दिनों उसके ही युवा मोर्चा के नेताओं ने उत्तराखंड में गंगा किनारे शराब पीकर हंगामा मचाया। वैसे मौका तो था अभ्यास वर्ग के साथ-साथ चिंतन मनन करने और पार्टी का जनाधार बढ़ाने का। लेकिन न्यू जेनरेशन के लीडर्स शायद इसे ही चिंतन समझते हैं। हालांकि इस पर बीजेपी आलाकमान कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है। लेकिन दिल्ली में एक नेता ने माना कि चिंतन-मनन के दौरान सब कुछ ठीक नहीं था। चलिए हम आपको सुनाते हैं राजनीति फिल्म का ये गीत, बोल हैं भीगी सी भागी सी।
ललिताः दोस्तो भले ही महिलाएं आज तमाम क्षेत्रों में सफलता के झंडे गाड़ चुकी हैं, फिर भी कई पुरुषों को उनकी काबिलियत पर यकीन नहीं होता।
अनिलः बिल्कुल सही कहा। दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर पिछले दिनों जब एक प्लेन उड़ान भरने वाला था, तभी प्लेन में बैठे एक सज्जन को पता चला कि प्लेन को एक महिला पायलट उड़ाने वाली है। बस फिर क्या था उसने हंगामा मचाना शुरू कर दिया और प्लेन में जाने से ही मना कर दिया। हालांकि बाद में उसे अपनी गलती का अहसास हो गया और मांफी मांग ली। लेकिन हंगामे के बीच प्लेन करीब डेढ़ घंटा लेट हो गया। चलिए प्लेन की बात खत्म कर अब सुनते हैं पाप फिल्म का यह गीत, बोल हैं मन की लगन।
ललिताः हां मैंने भी प्लेन से जुड़ा एक वाकया सुना। कनाडा में फ्लाइट में एक महिला शोले फिल्म का स्टंट करने को बेताब थी, उसने विमान के दरवाजे को खोलकर छलांग लगाने की कोशिश की। हालांकि चालक दल के सदस्यों व यात्रियों ने बड़ी मुश्किल से उस महिला को काबू में किया। बाद में उसकी हरकत के लिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अनिलः चलिए इसी के साथ पेश है कार्यक्रम का अंतिम गीत जग सोना सोना लागे। फिल्म का नाम है ओम शांति ओम।
अनिलः दोस्तो इसी गीत के साथ आपसे विदा लेने का समय आ गया है। उम्मीद है कि आपको कार्यक्रम पसंद आया होगा। हमें आपके पत्रों व ई-मेल का इंतजार रहेगा। अगले हफ्ते इसी समय फिर मिलेंगे, तब तक के लिए नमस्कार, शब्बा खैर, बाय-बाय, अलविदा। अब अनिल और ललिता को इजाजत दीजिए। नमस्कार।