अनिलः आपकी पसंद सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार। दोस्तो हम फिर आ गए हैं आपकी फरमाईश के गाने व कुछ मज़ेदार बातों के साथ। उम्मीद है आपको हमारा नया अंदाज पसंद आ रहा होगा।
ललिताः श्रोताओं को ललिता का भी नमस्कार, दोस्तो जब कोई किसी को अपना हमसफर बनाने की सोचता है, तो वह हमेशा के लिए उसका हो जाना चाहता है। लेकिन उसके मन में यह डर होता है कि कहीं उसका हमसफर उसे छोड़ के ना चले जाय। आईए सबसे पहले कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं हमसफर फिल्म के गीत के साथ, जिसे गाया है लता व मुकेश ने। गीत के बोल हैं किसी राह में, किसी मोड़ पर। इस गीत को सुनना चाहते हैं जुगसलाई टाटानगर से इंद्रपाल सिंह भाटिया व इंद्रजीत कौर भाटिया।
अनिलः आपने सास-बहू के किस्से तो सुने ही होंगे। कोई कहता है सास भी कभी बहू थी, तो कोई कहता है बहू को भी कभी सास बनना पड़ेगा। बात सच है, बावजूद इसके सास-बहू के बीच तकरार लगभग हर घर की कहानी है। भले ही कोई कितना समझा ले, लेकिन दोनों खुद को अपनी जगह सही मानते हैं। चलिए इसी से जुड़ा है हमारा अगला गीत भी। दिल्ली-6 फिल्म से, सास गारी देवे।
ललिताः अनिल आपने सही कहा। सास-बहू का झगड़ा कभी खत्म नहीं होता। वैसे चीन में अधिकतर लोग शादी करते ही अपने मां-बाप से अलग रहने लगते हैं, ऐसे में सास व बहू दोनों को झगड़े का मौका नहीं मिल पाता है। हां कभी-कभार मिलने जरूर जाते हैं मेहमान बनकर। वैसे कार्यक्रम का अगला गीत है अकेले हम अकेले तुम फिल्म का, बोल हैं दिल कहता है। जिसे सुनना चाहते हैं बीड शहर से पोपट कुलथे, हनुमंत कुलथ, समर्थ कुलथे, पी बी कुलथे आदि श्रोता।
अनिलः दोस्तो एक समय था जब प्यार भी धीरे-धीरे होता था, बॉलीवुड की फिल्मों में ही हीरो हीरोईन से अपने प्यार का इजहार करने में काफी समय लगाता था। हां अगर हीरो ने अपने दिल की बात कह भी दी, तो हीरोईन भी आसानी से हां नहीं बोलती थी, भले ही वह भी उसे प्यार करती हो। लेकिन आज के दौर में सब कुछ फास्ट फूड की तरह है। मुझे कुमार सानू का वह गाना याद आ रहा है। धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना। फिल्म का नाम है आशिकी। इसे सुनना चाहते हैं अकोला महाराष्ट्र से संतोष राव बाकड़े, ज्योति ताई बाकड़े, दिपाली बाकड़े व पवन कुमार बाकड़े आदि श्रोता।
ललिताः जी हां आपने सही कहा आजकल प्यार सिर्फ एक खेल बनकर रह गया है। आज प्यार होता है और कल ब्रेक अप, शायद इसकी वजह मार्केट भी है, जहां हमारे दिल में हर चीज़ को जल्द से जल्द पाने की इच्छा जागृत की जाती है।
अनिलः दोस्तो आपको पता है आजकल नीतीश कुमार भी क्रिकेट खेल रहे हैं। हां वह इस बार विश्व कप में शामिल हुए हैं। चौकिए मत ये बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं, बल्कि कनाडा की टीम के खिलाड़ी हैं। उन्हें महज 16 साल की उम्र में विश्व कप में खेलने का मौका मिला है। वो विश्व कप में खेलने वाले सबसे कम उम्र के प्लेयर बन गए हैं। चलिए हम पेश करते हैं अगला गाना। फिल्म का नाम है दन दना दन गोर, बोल हैं हल्ला बोल। इस गीत को सुनना चाहते हैं रॉयल लिस्नर्स क्लब के जसीम अहमद, फरजंद अहमद, विनीता कुमारी, श्वेत कमल, लवली कुमारी, अशोक ठाकुर व कई अन्य श्रोता। लीजिए सुनिए यह गीत।
ललिताः दोस्तो हम आजकल नए गानों के साथ-साथ पुराने गाने भी पेश कर रहे हैं। क्योंकि कई श्रोता ऐसे हैं जो नई फिल्मों के गाने सुनना चाहते हैं। हमें उम्मीद है कि आप दूसरों की पसंद का भी ध्यान रखेंगे।
अनिलः अक्सर कहा जाता है हमें दिल की नहीं दिमाग की बात सुननी चाहिए, यानी इमोशनल होकर कदम उठाना ठीक नहीं रहता। लेकिन फिल्म निदेशक मधुर भंडारकर टि्वटर पर लिखते हैं कि इस दुनिया में सबसे बड़ा धोखेबाज होता है हमारा दिमाग। वह अपने रास्ते पर चलने के लिए अलग-अलग तरह के हज़ार बहाने करता है। पर मैं तो यही कहूंगा कि हमारा दिमाग ही है जो हमें लाईफ में आगे ले जाता है। तो इसलिए दिमाग की ज्यादा सुनिए दिल की कम। लीजिए इसी के साथ सुनिए नक्श फिल्म का गीत, बोल हैं जट यमला पगला दीवाना।
अनिलः दोस्तो इसी गीत के साथ आपसे विदा लेने का समय आ गया है, उम्मीद है कि आपको कार्यक्रम पसंद आया होगा। अब अनिल और ललिता को इजाजत दीजिए। नमस्कार।