अनिलः आपकी पसंद के सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार। दोस्तो हम फिर आ गए हैं आपकी फरमाईश के गाने व कुछ मज़ेदार बातों के साथ। उम्मीद है आपको हमारा नया अंदाज पसंद आ रहा होगा।
ललिताः श्रोताओं को ललिता का भी नमस्कार। आइए सबसे पहले कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं रेस फिल्म के गीत के साथ, गीत के बोल हैं...पहली नज़र में कैसा जादू कर दिया।
अनिलः दोस्तो हम आपकी फरमाईश पर नए गीतों के साथ-साथ पुराने गीत भी पेश कर रहे हैं। हमारी कोशिश रहती है कि सभी श्रोताओं की पसंद पूरी हो सके, ऐसे ही एक पुराना गीत सुनना चाहते हैं बिहार के श्रोता मो. आसिफ ख़ान, बेगम निकहत परवीन, सदफ आरजू, साहिल अरमान, अफजर अकेला व तहमीन मशकुर। लीजिए आपकी फरमाईश पर पेश है शोर फिल्म का गीत, पानी रे पानी रे तेरा रंग कैसा, जिसे गाया है लता मंगेशकर ने।
अनिलः दोस्तो चीन में नए साल का जश्न अब खत्म हो चुका है और लोग भी काम पर लौट चुके हैं, लेकिन तमाम लोग ऐसे भी हैं जो न्यू ईयर के दौरान भारी भीड़ के चलते अपने घर नहीं जा सके। क्योंकि ट्रेन का टिकट नहीं मिल सका और हवाई यात्रा करने के लिए उतना पैसा नहीं।
ललिताः कहते हैं जरूरत से ज्यादा गुस्सा इंसान की बरवादी का कारण बन सकता है। कई लोग ऐसे हैं जो छोटी-छोटी बातों पर लाल-पीले हो जाते हैं। दुनिया के सबसे सफल क्रिकेट कप्तान आस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग को ही देख लीजिए। पिछले दिनों जिम्माब्वे के खिलाफ मैच में रन-आउट क्या हुए। ड्रेसिंग रूम में लगा एलसीडी टीवी ही तोड़ डाला। हालांकि उसके बाद सज़ा से बचने के लिए उन्होंने मांफी भी मांग ली। आप तो गुस्सा नहीं हो रहे हैं, चलिए आपकी पसंद का ये गीत हम पेश कर रहे हैं मैं हूं डॉन, फिल्म का नाम है डॉन।
अनिलः हां थोड़ा बहुत गुस्सा कोई बात नहीं, मगर ऐसा गुस्सा जो खुद के लिए मुसीबत बन जाए वह ठीक नहीं होता। लोग गुस्से पर कंट्रोल करने के लिए तमाम कोशिश करते हैं, आपको ऐसे लोग भी मिल जाएंगे जो इस पर काबू पाने के नुस्खे बताते हैं। लेकिन जिसे गुस्सा आता है शायद वही जानता है इसे कंट्रोल करना कितना मुश्किल होता है।
ललिताः दोस्तो हमें उम्मीद है अगर आप भी गुस्से से परेशान हैं, तो योगासन और ध्यान करना शुरू करें और गहरी-गहरी सांस लें। जरूर असर होगा। चलिए अब हम सुनते हैं अगला गीत।
अनिलः गीत के बोल हैं लौंग दा लश्रकारा, फिल्म का नाम है पटियाला हाउस।
अनिलः इंडिया में कभी मुन्नी बदनाम होती है तो कभी शीला की जवानी परवान चढ़ती है, जो भी हो बॉलीवुड के फिल्म निदेशकों को हर मूवी में एक आईटम सांग डालना ही पड़ता है। चाहे फिल्म चले या न चले आईटम नंबर तो लोगों की जुबान पर आ ही जाएगा। इसी तरह शीला की जवानी गीत को सुनना चाहते हैं बिहार से प्रमोद कुमार केशरी, सनोज कुमार, विनय व प्रशांत। फिल्म का नाम है तीस मार खां।
ललिताः अनिल आपने सही कहा बॉलीवुड की कई फिल्मों में आईटम सांग अक्सर हमें सुनने को मिल जाते हैं, जबकि उनका फिल्म की स्टोरी से कोई लेना-देना नहीं होता।
अनिलः दोस्तो प्यार वाकई एक खूबसूरत अहसास होता है, कहते हैं लव इज़ ब्लाइंड, प्यार करने वालों के लिए न जाने कितने जुमले यूज़ किए जाते हैं। जब प्यार होता है तो प्रेमी की हर बात अच्छी लगने लगती है और आप हर पल उसी में खोए रहना चाहते हैं। या यूं कहें तो गलत नहीं होगा कि दिल तो पागल है। लीजिए प्रोग्राम का अगला गीत है इसी फिल्म का टाइटल सांग।
अनिलः दोस्तो इसी गीत के साथ आपसे विदा लेने का समय आ गया है। उम्मीद है कि आपको कार्यक्रम पसंद आया होगा। हमें आपके पत्रों व ई-मेल का इंतजार रहेगा।
अब अनिल और ललिता को इजाजत दीजिए। नमस्कार।