विकास-- यह चाईना रेडियो इंटरनेशनल है। आपकी पसंद कार्यक्रम में मै विकास और सपना आप सभी श्रोताओं का हार्दिक स्वागत करता हूँ। हमारे एक श्रोता ने लिखा है, हमने मैसेज भेज कर जब-जब आपको याद किया, आपने उस एस एम एस का ना कभी जबाब दिया, वैसे तो शनिवार को ओवर टाईम लगाने की आदत नहीं, चलो फिर भी ये शनिवार आपके कार्यक्रम के नाम किया। जी दोस्तों आपके शनिवार को हमारे कार्यक्रम के नाम करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। आशा है कि आप हमारे कार्यक्रम इसी तरह दिल लगाकर सुनते रहेंगे। लीजिए इसी के साथ हम अपने कार्यक्रम की शुरूआत इस गाने के साथ करते हैं। गाने के बोल हैं आवाज दो हमको और इसे गाया है लता मंगेशकर और उदित नारायण ने। इसे पसंद किया है पाकिस्तान से नाज इंटरनेशनल रेडियो और टीवी लिसनर्स क्लब के सभी भाईयों ने, रायल लिसनर्स क्लब से नफीस आलम, महफूज आलम, लवली कुमारी, मो रजाउद्दीन, जफर सुल्ताना, मो एहतशाम, रौनक परवीन, सवा अहमद, जसीम अहमद, फरजंद अहमद, शमीम अहमद, रजिया सुल्ताना, गुलाम नवी, सानिया सुल्ताना, अदीवा सुल्ताना, अतीया सुल्ताना, अनवर जमाल अशरफ, श्वेत कमल, और विनिता कुमारी ने।
सपना—दोस्तों जब मुहब्बत में लोग किसी को खुदा मानने लगते हैं और उसी से धोखा मिलता है तो दिल को बड़ा दुख होता है और मुहब्बत से विश्वास उठ जाता है। लीजिए इसी पर हमारा दूसरा गाना सुनिए जिसके बोल हैं पत्थर के सनम और इसे गाया है रफी साहब ने। इसे पसंद किया है गोल्डेन रेडियो लिस्नर्स क्लब से राजेश कुमार वर्मा, राजीव वर्मा, दुधनाथ भारती, रितेश सोनी, पारूल सोनी, पल्लवी सोनी, शैलजा सोनी ने। डिलियाँ रोड कोआथ से प्रमोद कमार केशरी, सनोज कुमार केशरी, विनय केशरी, प्रशांत केशरी और समस्त केशरी परिवार ने।
सपना—जीहाँ दोस्तों। अगर कोई आपका हृदय तोड़ दे तो घबराने की कोई बात नहीं है। आप हमारे कार्यक्रम सुनिए और गम को भुलाकर नया जीवन शुरू कीजिए। इसी के साथ हमारा गाना सुनिए। गाने के बोल हैं कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे, और इसे गाया है मुकेश ने। इसे पसंद किया है आप सबने मंदार श्रोता संघ से कुमोद नारायण सिंह, बाबू, काकुल, बमभोला, शिवो एवं कृश भूटानी ने। ग्राम रट्टे नगला, जिला एटा से दीपक कुमार शाक्य, ज्योति कुमारी, अंकित कुमार, अशोक, विनोद और अजय ने।
विकास— दोस्तों हमारे एक श्रोता ने पाकिस्तान के सदर डीसैंट बेइजिंग लिसनर्स क्लब से हमारे लिए एक कविता भेजा है। यह कविता इस प्रकार है
अब तो चाहता हूँ ज़माने से छुपा लूं तुझको
अपनी धड़कन की तरह दिल में बसा लूँ तुझको
कोई एहसास जुदाई का न होने पाय
इस तरह खु़द में मेरी जान समा लूँ तुझको
तु जो रुठे कभी मुझसे मेरे दिल की मलिका
सारी दुनिया से ख़फ़ा हो के मना लूं तुझको
जब भी देखूं तेरे चेहरे पे उदासी का समां।
यही चाहूँ कि किसी तरह हसाँ लूँ तुझको।
तु जो थक के लौटे तो यही ख्वाहिश है।
अपनी पलकों की छाओं में सुला लूँ तुझको।
हमारे श्रोता क्लब को इतनी अच्छी कविता लिखने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। इसी के साथ हमारा अगला गाना सुनिए। गाने के बोल हैं वो लड़की है कहां और इसे गाया है शान और कवित कृष्णमुर्ति ने, और इसे पसंद किया है आजाद रेडियो लिसनर्स क्लब से इजराइल कस्तुरी, मिकाईल अंसारी, इसमाईल अंसारी, इसराईल अंसारी। मदरसा रोड कोआथ के हाशिम आजाद, आसिफ खान, दुर्गेश दिवाना, पिन्टू यादव, बाबू साजिद ने।
सपना—दोस्तों हमारे श्रोता बद्री प्रसाद वर्मा अनजान ने एक कविता भेजी है जिसके बोल इस प्रकार हैं।
हमको नशा चढ जाती है
देख कर तेरी जुल्फें।
होश मेरी उड़ जाती है
देख कर तेरी जुल्फें
सावन की घटा याद आती है
देख कर तेरी जुल्फें।
रातों की नींद उड़ जाती है
देख कर तेरी जुल्फें।
तन्हाई मेरी बढ जाती है
देख कर तेरी जुल्फें।
गम खुशी में बदल जाती है
देख कर तेरी जुल्फें।
मोहब्बत तुमसे बढ जाती है
देख कर तेरी जुल्फें
सौदा मुफ्त में पट जाती है
देख कर तेरी जुल्फें।
अनजान जी को उनके कविता के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। आशा है कि आप इसी तरह हमें लिखते रहेंगे। इसी के साथ हमारा अगला गाना सुनिए। गाने के बोल हैं आहूँ आहूँ और इसे गाया है नीरज श्रीधर ने। इस गाने को पसंद किया है फैज अहमद फैज, जीशान अहमद फैज, सलमान अहमद फैज, इमरान अहमद फैज, शाहीद अंसारी, नूरूल हसन अंसारी, रसा तसलीम, तुबा तसलीम, सूफिया तसलीम, अलकिया तसलीम ने।
सपना—दोस्तों इसी गाने के साथ हमारा कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। हमारा कार्यक्रम सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद। अगले हफ्ते इसी समय फिर मिलेंगे। तब तक के लिए आज्ञा दीजिए। नमस्कार।