वनिता:राष्ट्र हॉल दिवस में हर देश अपने यहां की विशेष संस्कृति व सभ्यता का प्रदर्शन करेगा। और आम तौर पर राष्ट्र हॉल दिवस में सबसे अच्छी सांस्कृतिक प्रर्दशनी दिखाई जाती है और अनेक यात्री राष्ट्र हॉल दिवस में रुचि ले रहे हैं। और भारत ने भी इस बार के विश्व मेले में भाग लिया है। भारत का राष्ट्रीय हॉल दिवस अगस्त में होगा। हमारे प्रसारण और वेबसाइट पर इस की रिपोर्टिंग की जाएगी।
राकेश:तो, दोस्तो, अब हमारे कार्यक्रम का तीसरा गीत सुनें, यह गीत है फिल्म फना से है। इस गीत को सुनना चाहा है हमारे इन श्रोताओं ने जुगसलाई टाटानगर से इन्द्रपाल सिंह भाटिया, इन्द्रजीत कौर भाटिया. साबो भाटिया, सिमरन भाटिया, सोनल भाटिया और मनजीत भाटिया।
वनिताः चाइना रेडियो इंटरनेशनल से आप सुन रहे हैं हिन्दी फिल्मी गीतों पर आधारित कार्यक्रम आप की पसंद। यदि आप भी कोई गीत सुनना चाहते हैं, तो हमें पत्र लिखकर या ई-मेल से अपनी फरमाइश भेज सकते हैं।
राकेशः पत्र लिखने और ई-मेल के हमारे पते इस प्रकार हैं, पी. ओ. बॉक्स न 4216, सी. आर. आई.-7, पेइचिंग, चीन, 100040। आप हमें नई दिल्ली के पते पर भी पत्र लिख सकते हैं, नोट कीजिए, नई दिल्ली में हमारे दो पते हैं।
पहला पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पहली मंजिल, ए ब्लॉक छ बटा चार, वसंत विहार, नई दिल्ली, पोस्ट-110057।
वनिताः और दूसरा पता है चीनी दूतावास, हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पचास डी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, पोस्ट-110021।
राकेशः यदि आप के पास इंटरनेट की सुविधा है तो आप हमारी वेबसाईट अवश्य देखें hindi.cri.cn। हमारा ई-मेल का पता हैः hindi@cri.com.cn । हमें आप के पत्रों का इंतजार रहेगा।
वनिताः दोस्तो, कार्यक्रम का अगला गीत फिल्म लगान से है जिसे सुनना चाहा है हमारे इन श्रोताओं ने परमवीर हाऊस, आदर्श नगर, बठिंडा से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, जीत ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर और विक्रमजीत ग्रोवर।
वनिताः दोस्तो, चीन व भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम ज्ञान-विज्ञान की एक प्रतियोगिता आयोजित कर रहे हैं। और इस के साथ-साथ सी आर आई हिन्दी सेवा चीन से रिश्ता शीर्षक लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन कर रही है, जिस में आप लेख, कविता लिखकर चीन के प्रति अपना अनुभव या चीन से आप किस प्रकार का रिश्ता महसूस करते हैं उस के बारे में लिख सकते हैं।
राकेशः आप अपने लेख या कविता जैसी रचनाओं को ई-मेल या डाक द्वारा हमें भेज सकते हैं। हम श्रेष्ठ रचना का चुनाव कर उसे पुरस्कृत करेंगे। आशा है कि आप इस में सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे। हम आप की रचनाओं का इंतजार कर रहे हैं।
वनिताः तो, आएं, कार्यक्रम के अंत में सुनें मेंहदी हसन की यह लोकप्रिय गज़ल ।
वनिताः अच्छा, दोस्तो, इस गीत के साथ ही हमारा आज का यह कार्यक्रम समाप्त होता है। आशा है आप को यह क्रार्यक्रम पसंद आया होगा। अगली बार फिर मिलेंगे। तब तक के लिए आज्ञा दीजिए। नमस्कार।
राकेशः नमस्कार।