वनिता:यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आप की पसंद कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोता दोस्तों को वनिता की नमस्ते।
राकेश:श्रोताओं को राकेश का भी नमस्ते।
वनिता:दोस्तो, इस महीना दिसंबर है और इसके साथ ही यह साल भी समाप्त होने वाला है। इस साल हमारे हिन्दी विभाग को अनेक श्रोता कल्बों या श्रोताओं के पत्र या ई-मेल मिले। हमें खुशी है कि आप लोग हमेशा हमारे कार्यक्रम या वेबसाईट पर ध्यान देते हैं और आप को हमारे हिन्दी प्रसारण पसंद है।
राकेश:हां। इस साल हमारे विभाग ने कुछ कार्यवाहियां आयोजित की, जैसे कुछ प्रतियोगिता और वेबसाईट पर भी कुछ सवाल पूछे गए हैं। हम श्रोताओं के सभी पत्र दफ्तर में एक जगह रखकर अक्सर पढते हैं। आप लोगों की शुभकामनाएं या अच्छे सुझाव हमलोगों और हमारे कार्यक्रम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
वनिता:हां। आशा है कि अगले साल आप लोग पहले की तरह हमारे हिन्दी प्रसारण पर ध्यान देंगे और हमारी कार्यवाहियों में भाग लेंगे। तो, आईए, कार्यक्रम की शुरुआत करें आप के लिए "आँखों ने छेङे तराने" शीर्षक के इस गीत से।
राकेश:इस गीत को सुनना चाहा था हमारे इन श्रोताओं ने बर्स कुलासर,बेला औरेय्या,यू.पी से देशपाल सिंह सेंगर,रचना सेंगर,पवन सिंह सेंगर,भीम सिंह सेंगर,आन्नद,सितम व सुधीर।
वनिता:दोस्तो, मेरे पास एक पत्र है, यह पत्र भेजा है आंध्र प्रदेश के श्रोता श्री राम कृष्ण प्रसाद ने।
राकेश:इन्होंने लिखा है कि सी आर आई का हिंदी विभाग को प्रणाम सब से पहले विश्व भर का ताजा समाचार और अन्य रिपोर्ट। श्रोताओं की मन पसंदिदा कार्यक्रम आप की पसंद जिसमें हिन्दी फिल्मी गानें श्रोताओं की अभिरूची की अनुरूप सुनकर बहुती अच्छी लगी।
वनिता:कार्यक्रम पसंद करने और हमें पत्र लिखने के लिए श्री राम कृष्ण प्रसाद जी आप का बहुत धन्यवाद। आशा है कि आप आगे हमारे कार्यक्रम को इसी तरह पसंद करते रहेंगे। आएं, एक और गीत सुनें, यह गीत है दुनिया।
राकेश:हमारे पास एक और पत्र है, यह पत्र भेजा है बिहार राज्य के आजाद रेडियो कल्ब से इजराइल कस्तुरी, मिकाइल अंसारी और इसराइल अंसारी ने।
वनिता:इन्होंने लिखा है कि आपकी पसंद कार्यक्रम को हमारे कल्ब के शत-प्रतिशत सदस्य नियमित रूप से सुनते हैं, साथ ही खूब मनोरंजन कर रहे हैं। आप की पसंद कार्यक्रम की समस्त सदस्य प्रशंसा भी कर रहे हैं।
राकेश:इन दिनों आप की पसंद कार्यक्रम की लाजवाब प्रस्तुति रो रही है। गीतों का चयन और प्रस्तुति का बहुत ही अनोखा समागाम रो रहा है।
वनिता:कार्यक्रम पसंद करने और हमें पत्र लिखने के लिए श्री इजराइल कस्तुरी, मिकाइल अंसारी और इसराइल अंसारी आप का बहुत धन्यवाद। हमें खुशी है कि अधिकाधिक श्रोताओं ने हमें पत्र भेजा है।
राकेश:तो, आइए, इस कार्यक्रम का अगला गीत सुनें, जिसका शीर्षक है सोचा न था ।