राकेश: हर साल भारत विश्व में सबसे अधिक फिल्में बनाती है और इस के साथ साथ अनेक गीत भी पेश किए जाते हैं।
वनिता:हां। मुझे मालूम है और मेरे विचार में हिन्दी फिल्में व भारतीय गीत विशेष है। हमारे यहां अनेक लोगों को भारतीय संस्कृति पसंद है। अब तो पेइचिंग के सड़कों पर भारतीय रेस्टोरेंट की संख्या बढती जा रही है और चीनी लोग अक्सर विदेशी रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं। भारतीय रेस्टोरेंट में अक्सर भारतीय फिल्मों या गीतों को प्रसारित किया जाता है जो लोगों को बहुत पसंद है।
राकेश:हां, इस का मतलब है कि इस समय दोनों देशों की जनता के बीच आवाजाही और घनिष्ठ है। मेरे अनेक दोस्तों ने भी चीन की यात्रा की। विदेशों की यात्रा करने के लिए अधिकाधिक भारतीय लोग चीन का चुनाव करते हैं।
वनिता:हां। तो हमारे यहां भारतीय व्यापारी भी बहुत हैं। इसलिए अगले साल के कार्यक्रम में हम श्रोताओं को इस के बारे में ज्यादा जानकारी देंगे। तो, दोस्तो, कार्यक्रम का अगला गीत सुनें, जिसका शीर्षक है"ढोल बजने लगा"।
राकेश:इस गीत को सुनना चाहा था हमारे इन श्रोताओं ने मंदार श्रोता क्लब,बांका बिहार से के.एन.सिंह,सनातन,प्रिती,बाबू,काकू और मों शमशाद।
वनिताः चाइना रेडियो इंटरनेशनल से आप सुन रहे हैं हिन्दी फिल्मी गीतों पर आधारित कार्यक्रम आप की पसंद। यदि आप भी कोई गीत सुनना चाहते हैं, तो हमें पत्र लिखकर या ई-मेल से अपनी फरमाइश भेज सकते हैं।
राकेशः पत्र लिखने और ई-मेल के हमारे पते इस प्रकार हैं, पी. ओ. बॉक्स न 4216, सी. आर. आई.-7, पेइचिंग, चीन, 100040। आप हमें नई दिल्ली के पते पर भी पत्र लिख सकते हैं, नोट कीजिए, नई दिल्ली में हमारे दो पते हैं।
पहला पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पहली मंजिल, ए ब्लॉक छ बटा चार, वसंत विहार, नई दिल्ली, पोस्ट-110057।
वनिताः और दूसरा पता है चीनी दूतावास, हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पचास डी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, पोस्ट-110021।
राकेशः यदि आप के पास इंटरनेट की सुविधा है तो आप हमारी वेबसाईट अवश्य देखें hindi.cri.cn। हमारा ई-मेल का पता हैः hindi@cri.com.cn । हमें आप के पत्रों का इंतजार रहेगा।
वनिताः दोस्तो, कार्यक्रम का अगला गीत है "हरि ओम हरि"।
राकेशः इस गीत को सुनना चाहा था हमारे इन श्रोताओं ने प्रजापति रेडियो श्रोता संघ मारुफपुर चंदौली यू पी से भैय्या लाल प्रजापति, नन्दलाल प्रजापति, दीनानाथ, मधु कुमारी, काजल, अनिल और सुनील।
वनिताः यह गीत मुझे भी पसंद है। अच्छा, दोस्तो, इस गीत के साथ ही हमारा आज का यह कार्यक्रम समाप्त होता है। आशा है आप को यह क्रार्यक्रम पसंद आएगा। अगली बार फिर मिलेंगे। तब तक के लिए आज्ञा दीजिए। नमस्कार।
राकेशः नमस्कार।