वनिता:यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आप की पसंद कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोता दोस्तों को वनिता की नमस्ते।
राकेश:श्रोताओं को राकेश की भी नमस्ते।
वनिता:दोस्तो, पिछले कार्यक्रम में हमने पुरानी हिन्दी फिल्मों के दो गीत सुनाए, क्योंकि कुछ श्रोता पुरानी फिल्मों के गीत सुनना चाहते हैं। पुरानी फिल्मों के गीत सचमुच बहुत मधुर हैं। कुछ साल पहले चीनी लोगों का आवारा व कारवां जैसी हिन्दी फिल्मों से भारतीय फिल्म व संस्कृति से परिचय हुआ था। आज भी चीन में लोगों को हिन्दी फिल्में बहुत पसंद हैं।
राकेशः हां, यह सच है। चाइना रेडियो इन्टरनेशनल में काम करने के साथ-साथ मैं यहां दो विश्वविद्यालयों में पढ़ाता हूं,और वहां मैंने देखा कि चीनी विद्यार्थियों को हिन्दी फिल्में व हिन्दी गीत बहुत पसंद हैं।वे अक्सर मुझ से नई फिल्मों की जानकारी लेते रहते हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने अपने विश्वविद्यालय में एक गीत प्रतियोगिता में भाग लिया और स्लम डॉग करोड़पति का गाना पेश किया और प्रथम पुरस्कार जीता.
वनिता: वह गीत जय हो मुझे भी पसंद है.तो श्रोताओं आएं कार्यक्रम की शुरुआत करें 1966 में बनी फिल्म मुहब्बत जिंदगी है के इस गीत से,जिसे गाया है आशा ने और लिखा है एच एस बिहारी ने ।
फिल्म मुहब्बत जिंदगी है का गीत
राकेशः इस गीत को सुनना चाहा था आप सब ने मौहल्ला भूड़ा, कस्बा सैफनी से, मौ. आरिफ, मौ. यूनुस, शहनाजपरवीन। दुर्गा कालोनी हांसी से राजू मिगलानी, बबीता मिगलानी, बजरंग वर्मा, साधु राम वर्मा, और सुभाष योगी।
वनिता:दोस्तो, आजकल अनेक श्रोताओं ने हमें पत्र भेजे हैं उन्हें पढ़ने से पहले आएं एक और गीत सुनें। यह गीत है फिल्म यह रात फिर न आएगी से.1965 में बनी इस फिल्म के इस गीत को भी लिखा है एच एस बिहारी ने, संगीत दिया है ओ पी नैय्यर ने और गाया है आशा और रफी ने।
फिल्म यह रात फिर न आएगी का गीत
राकेशः इस गीत को सुनना चाहा था आप सब ने जिला मुरादाबाद पटटीवाला से मोहम्मद दिलशाद, फईम राजा, नौशाद बाबू, नईस आजाद, मौ. नसीम और मौ. इरशाद।
वनिता:अच्छा, दोस्तो, यह पत्र हमें भेजा है बिहार से सुनील केशरी, डी.डी साहिबा,संजय केशरी, बबिता केशरी व खुशबू अंजली ने। इन्होंने लिखा है कि राकेश जी को हमारा प्यारभरा नमस्कार। आप दोनों द्वारा प्रस्तुत आपकी पसंद कार्यक्रम इतना लोकप्रिय हो चुका है की लोग अक्सर ई मेल भेज कर भी अपनी फरमाईश सुनते है हमारे यहां इस प्रकार की सुविधा न होने से हम इस लाभ से वंचित है। मैं हमेशा पत्र लिखकर ही सी.आर.आई के हर कार्यक्रम हर उदघोषक भाई बहन के संपर्क में रहा हूं। आप के पास बराबर पत्र भेजते हैं। आप हमारे इन पत्रों को हमारी फरमाईश के साथ आप की पसंद कार्यक्रम में शामिल करें तो इनायत ही इनायत होगी आप जो भी नए पुराने गीत बजाते हैं, वे हमारे दिल की गहराइयों को छू जाते हैं। आपकी पसंद कार्यक्रम हमें सबसे प्यारा लगता है और हम इस कार्यक्रम को हर सप्ताह ध्यान से सुनते हैं।
राकेश:कार्यक्रम पसंद करने और हमें पत्र लिखने के लिए सुनील केशरी जी आप का बहुत धन्यवाद। आशा है कि आप लोग आगे हमारे कार्यक्रम को इसी तरह पसंद करते रहेंगे और अपनी राय से भी हमें अवगत कराते रहेंगे समर्थन करेंगे। आएं, एक और गीत सुनें,यह गीत है फिल्म कश्मीर की कली से और इसे गाया है आशा ने ।