राकेशः चाइना रेडियो इंटरनेशनल से आप सुन रहे हैं हिन्दी फिल्मी गीतों पर आधारित कार्यक्रम आप की पसंद। यदि आप भी कोई गीत सुनना चाहते हैं, तो हमें पत्र लिखकर या ई-मेल से अपनी फरमाइश भेज सकते हैं।
वनिताः पत्र लिखने और ई-मेल के हमारे पते इस प्रकार हैं, पी. ओ. बॉक्स न 4216, सी. आर. आई.-7, पेइचिंग, चीन, 100040। आप हमें नई दिल्ली के पते पर भी पत्र लिख सकते हैं, नोट कीजिए, नई दिल्ली में हमारे दो पते हैं।
राकेशः पहला पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पहली मंजिल, ए ब्लॉक छ बटा चार, वसंत विहार, नई दिल्ली, पोस्ट-110057।
वनिताः और दूसरा पता है चीनी दूतावास, हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पचास डी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, पोस्ट-110021।
राकेशः यदि आप के पास इंटरनेट की सुविधा है तो आप हमारी वेबसाईट अवश्य देखें hindi.cri.cn। हमारा ई-मेल का पता हैः hindi@cri.com.cn । हमें आप के पत्रों का इंतजार रहेगा।
वनिता:बिहार प्रदेश की हमारी श्रोता सुश्री निकहत प्रवीन जी ने भी हमें पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि सी.आर.आई हिन्दी सेवा की मैं नियमित श्रोता हूं। आप के यहां से प्रसारित आप की पसंद कार्यक्रम प्रति सप्ताह ध्यान से सुनती हूं।
राकेशः यह आगे लिखती हैं कि इन दिनों नए और पुराने दोनों तरह के गीत सुनने को मिल रहे हैं। समय-समय पर विशेष जानकारी दी जा रही है। अन्य कलाकारों से संबंधित जानकारी अच्छी लग रही हैं। आप 60 एंव 70 के दशक के गीतों को आप की पसंद प्रोग्राम में पेश करें। उस समय की फिल्में हैं आवारा, अनाड़ी, संगम, दोस्ती, मेरे महबूब, आपकी कसम, मेरा गांव मेरा देश, महबूबा, दो चोर, चोर मचाए शोर आदि। आप की पसंद प्रोग्राम में मेरी पसंद पर इन फिल्मों से एक गीत ज़रुर सुनाएं।
वनिता:सुश्री निकहत प्रवीन जी हमें पत्र लिखने के लिए बहुत धन्यवाद। 60 एंव 70 दशक के गीत हम दोनों को भी बहुत पसंद हैं। तो, आइए, 1960 में बनी फिल्म उस ने कहा था का यह गीत सुनें। गीत लिखा है सलिल चौधरी ने और गाया है तलत महमूद और आशा ने ।
राकेशः हालांकि यह गीत पुराना है, लेकिन बहुत मधुर और सदा बहार है, मुझे भी यह गीत बहुत पसंद है।
वनिताः हां, यह गीत सचमुच मधुर है। तो, राकेश जी हमें कार्यक्रम में पुराने और आधुनिक दोनों तरह के गीत पेश करने चाहिंए।
राकेशः हां। ज़रूर।
वनिताः दोस्तो, कार्यक्रम के अंत में सुनें फिल्म कश्मीर की कली का यह गीत,इसे लिखा है एच एस बिहारी ने,संगीत दिया है ओ पी नैय्यर ने और गाया है रफी और आशा ने।
राकेशः अच्छा, दोस्तो, इस गीत के साथ ही हमारा आज का यह कार्यक्रम समाप्त होता है। आशा है आप को यह क्रार्यक्रम पसंद आएगा। अगली बार फिर मिलेंगे। तब तक के लिए आज्ञा दीजिए। नमस्कार।
वनिताः नमस्कार।