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ल्हासा की खूबसूरत रात्रि
2009-11-09 13:41:32

गीत के बोल इस प्रकार हैः

ल्हासा की रात्रि प्यारी मुग्ध होती है ,

अनंत गगन में चांदनी निखरती है ।

रंगीन रोशनियों से झलकती है पा को सड़क,

शान शौकत से खड़ा है पोताला महल ।

ल्हासा नदी कलकल बहती ,

गाती है मुहब्बत में नहे प्रेमियों की कहानी ।

शीतल बयार से फैलता है जौ का महक,

मधुर संगीत बजाता है षष्ठ तंतु वाद्यक ।

ओ , प्यारी ल्हासा की रात्रि मनोहर ,

उस में डूबे , उस में मस्त ।

हरे पहाड़ों में चमकती है धरती की मोती

अपार मैदान में मुस्कारती है भाइचारी ।

ल्हासा की रात्रि प्यारी मधुरी है

सदियों से खिली है इस की खुबसूरती ।

आइए . सुनिए तिब्बती गायक की आवाज में यह मधुर गीत

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