राकेशः पत्र भेजने के लिए चीन में हमारा पता है, पी. ओ. बॉक्स न 4216, सी. आर. आई.-7, पेइचिंग, चीन, 100040। आप हमें नई दिल्ली के पते पर भी पत्र लिख सकते हैं, नई दिल्ली में हमारे दो पते हैं, नोट कीजिए, पहला पता हैः हिन्दी विभाग चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पहली मंजिल, ए ब्लॉक छ बटा चार, वसंत विहार, नई दिल्ली, पोस्ट-110057।
ललिताः और दूसरा पता है, चीनी दूतावास, हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पचास डी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, पोस्ट-110021। यदि आप के पास इंटरनेट की सुविधा है, तो आप हमारी वेबसाईट अवश्य देखें hindi.cri.cn। हमारा ई-मेल का पता हैः hindi@cri.cn। हमें आप के पत्रों का इंतजार रहेगा।
गीत के बोलः
रात भी है कुछ भीगी-भीगी
चाँद भी है कुछ मद्धम-मद्धम
तुम आओ तो आँखें खोलें
सोई हुई पायल की छम छम
किसको बताएं कैसे बताएं
आज अजब है दिल का आलम
चैन भी है कुछ हल्का हल्का
दर्द भी है कुछ मद्धम मद्धम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम
तपते दिल पर यूं गिरती है
तेरी नज़र से प्यार की शबनम
जलते हुए जंगल पर जैसे
बरखा बरसे रुक-रुक थम-थम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम
होश में थोड़ी बेहोशी है
बेहोशी में होश है कम कम
तुझको पाने की कोशिश में
दोनों जहाँ से खो गए हम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम, रात
राकेशः यह गीत था फिल्म "मुझे जीने दो" से लता की आवाज़ में और इसे सुनना चाहा था हमारे इन श्रोताओं ने पुराना तालाब डुमरांव से वलीउल्लाह अंसारी, आसमा नाज अंसारी, वसीम अकरम, अजीम वकार, समी उल्लाह अंसारी, बिटिया सोनम। मुस्तफाबाद से अली अशरफ, एम. शकील, एम. रियाज और एस. आर. मासूम।
गीत के बोलः
आज कोई प्यार से दिल की बातें कह गया, हाय
मैं तो आगे बढ़ गई पीछे ज़माना रह गया
हाय राम
चीर कर पत्थर का सीना झूम कर झरना बहा
इस में इक तूफ़ान था सौ करवटें लेता हुआ
आज मौजों की रवानी में किनारा बह गया
हाय, इक किनारा बह गया
उनके होठों पर हँसी, हाय खिल के जब लहरा गई
वो भी कुछ घबरा गए
मैं भी कुछ शरमा गई
वो भी कुछ घबरा गए
और मैं भी कुछ शरमा गई
कुछ नहीं कहते हुए भी कोई सब कुछ कह गया
हाय, कोई सब कुछ कह गया
गीत के बोलः
ओ कन्हैया
कन्हैया
ओ कन्हैया आज पनघट पे है, तेरी राधा अकेली खड़ी
ओ कन्हैया
मन ये कहता है अब ना पुकारूँ तुझे
प्यार कहता है कैसे बिसारूँ तुझे
प्रीत की रीत कैसे बदल दूँ भला
नैन कहते हैं हरदम निहारूँ तुझे
आ भी जा साँवरे, फिर छेड़ दे, रे वही बाँसुरी
ओ कन्हैया
मन के मंदिर में मैने बिठाया तुझे
अपना सब कुछ ही मैने बनाया तुझे
तेरी पूजा में मैं तो रही रे मगन
और भगवान बनना न आया तुझे
आ भी जा साँवरे, फिर छेड़ दे, रे वही बाँसुरी
ओ कन्हैया
राकेशः "सावन की घटा" और "हमसाया" फिल्म के इन गीतों को गाया था लता मंगेशकर और आशा ने।
ललिताः इस के साथ ही हमारा आज का कार्यक्रम समाप्त होता है। अगली बार तक के लिए आज्ञा दें, फिर मिलेंगे, नमस्कार।
राकेशः नमस्कार।