अब बीकानेर राजस्तान के प्रभुदयाल सिंह पंकर का पत्र । प्रभुदयाल सिंह पंकर भाई ने अपने पत्र में कहा कि हम ने श्रोता वाटिका का अंक नौ पढ़ा , पढ़ कर बहुत अच्छा लगा । साथ ही हमें अपने भारतीय होने का गर्व महसूस हुआ । हमारी प्रिय संपादिका चंद्रिमा का आलेख बहुत पसंद आया तथा उन के कथनानुसार हम आप को इस अंक के बारे में अपने अनुभव बता रहे हैं।
सर्वप्रथम तो मैं आप के पूरे हिन्दी विभाग के कार्यक्रमों को धन्यावाद देना चाहूंगा , जिन्हों ने कड़े परिश्रम करके हम से संपर्क बनाना चाहा । मुझे बहुत खुशी होती है जब मेरे अन्य दोस्त व रिश्तेदार मुझे चाइना का अखबार पढ़ते हुए देखते है । मैं स्वयं को गोरवन्वित महसूस करता हूं । मेरे सभी दोस्त आप के विभाग से जुड़ना चाहते हैं और मुझ से बार बार कहते हैं कि मेरे घर भी अखबार मंगा दे । मैं आप से प्रार्थना करता हूं कि आप श्रोता वाटिका के किसी भी अंक की कोपि उन तक पहुंचाएं।
प्रभुदयाल सिंह पंकर जी , हमें बड़ी खुशी है कि आप और आप के दोस्तों व रिश्तेदारों को हमारी पत्रिका श्रोता वाटिका बहुत पसंद आयी और श्रोता वाटिका पढ़ने की रूचि भी हुई । इस से जाहिर है कि श्रोता वाटिका एक पढ़ने के काबिले पत्रिका है , जो श्रोताओं में बहुत लोकप्रिय है . हम अवश्य ही उसे और बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे ,ताकि श्रोताओं को अच्छे से अच्छे वाटिका पढ़ने को मिले ।
अब आप के सामने बिलासपुर छत्तीसगढ़ के चुन्नी लाल कैवर्त का पत्र आया । उन्हों ने पत्र में कहा कि तिब्बत की यात्रा कार्यक्रम में लोका प्रिफेक्चर के एक प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों के जीवन और उन के हंसने गाने की आवाजें बहुत ही शिक्षाप्रद एवं मधुर लगी । चीन का भ्रमण कार्यक्रम में ल्हासा स्थित तिब्बती शैली के छोटे होटल बानाक्सोल का दौरा ज्ञानवर्धक था , सांस्कृतिक जीवन कार्यक्रम में चीनी फिल्मों का तेजी से विकास तथा पीली जमीन , लाल बाजरा , लाल लालटेन , हीरो , प्रतापी राजा रानी आदि श्रेष्ठ फिल्मों का सुन्दर परिचय मिला । सिन्चांग का दौरा कार्यक्रम में कनाख झील के किनारे रहने वाले थुवा जाति के लोगों तथा उन का परम्परागत वाद्य छूर वादन ने मन को मोह लिया । जीवन और समाज में चीनी समाज की गुणवत्ता में सुधार विषय पर चर्चा रोचक लगा । उपरोक्त सार्थक कार्यक्रमों के लिए सी .आर .आई को मेरा कोटिशः धन्यावाद , आजकल सी .आर .आई हिन्दी सेवा की चारों सभाओं का रिशेप्शन उत्तम है ।
बोकरो झाड़खंड के वीरेन्द्र कुमार ने अपने पत्र में कहा कि मैं 12वीं कक्षा का छात्र हूं , और मेरे सहपाठी आप के सारे कार्यक्रम काफी ध्यानपूर्वक एवं सहज से प्रतिदिन सुनता हूं , जो कि हम छात्रों के लिए काफी ज्ञान वर्धक और लाभदायक है । पिछले सप्ताह सी .आर .आई के हिन्दी की कार्यक्रम सामग्री और श्रोता वाटिका मुझे प्राप्त हुआ , जिसे मैं ने अपने सभी दोस्तों में बांटा , जिसे पा कर वे काफी खुश हुए । मैं इंटरनेट से जुड़ा रहा हूं . इसलिए जब मैं इंटरनेट पर जाता हूं , तो सी .आर .आई हिन्दी वेबसाइट अवश्य पढ़ता हूं और चीन को और करीबी से जानने की कोशिश करता हूं । मैं आप का आनलाइन कार्यक्रम को भी सुनने के लिए आप की वेबसाइट पर गया था , लेकिन मेरे पास रील प्लेयर या विडो मेडिया प्लेयर ना होने के कारण मैं आप का कार्यक्रम नहीं सुन सका और मुझे निराशा होना पड़ा । हालांकि यह सोफ्टवेयर मुफ्त है , लेकिन इसे डाउनलोड करने में तीन से साढे तीन घंटे का वक्त लगता है ,जो कि महंगा है । इसलिए आप से विनती है कि आप मुझे इस की सी डी भेजें ।
वीरेन्द्र कुमार भाई , मैं सी .आर .आई हिन्दी परिवार की ओर से आप का हार्दिक स्वागत करती हूं । आप हमारे छोटा भाई है , हम चाहते हैं कि आप अपनी पढ़ाई में हमेशा आगे आगे रहें और बराबर सेहतमंद रहें । हमें बड़ी खुशी हुई है कि आप न केवल सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण सुनते हैं , बल्कि इंटरनेट पर हमारी वेबसाइट भी पढ़ते हैं । इस सूचना क्रांति युग में युवा पीढी सब से सक्रिय रही है और लाभान्वित भी होती है , नयी संचार तकनीकों के इस्तेमाल से आप लोग दुनिया भर का दौरा कर सकते हैं और विभिन्न देशों के बारे में विस्तृत जानकारी पा सकते हैं । आशा है कि आप इस इंटरनेट के माध्यम से चीन के बारे में अच्छी जानकारी पाएंगे और हमारे साथ दोस्ती बढ़ाएंगे । आप के पास अभी रील या मीडिया प्लेयर नहीं है , कोई बात नहीं , आगे आप को जरूर इस का प्रयोग करने की सुविधा मिलेगी । अभी हम ने हिन्दी कार्यक्रम की सी डी नहीं बनाया , इसलिए आप को नहीं भेजा जा सकता । आशा है कि आप समझ लें । इस के अलावा आप के सुझावों के लिए हम भी आप के आभारी हैं । आप के और आप के सहपाठियों के नए पत्रों के इंतजार में ।