भाइयो, विश्व ध्यानाकर्षक 2008 पेइचिंग ओलंपिक 24 अगस्त को पूरी सफलता के साथ समाप्त हुआ था । तथ्यों से साबित हुआ है कि पेइचिंग 2008 ओलंपिक एक अतूल्य अद्भुत, शानदार और सुन्दर ओलंपिक खेल समारोह था । इस महान खेल समारोह में विश्व के कुल 204 देशों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि मंडलों ने भाग लिया । पहले ब्रुनेई ने भी पेइचिंग ओलंपिक में भागीदारी का वचन दिया था, किन्तु उस के द्वारा अपने खिलाड़ियों का पंजीकरण नहीं किये जाने के कारण अंत में अन्तरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने उसे भाग लेने से मना दिया । जो 204 देशों व क्षेत्रों के खेल प्रतिनिधियों ने पेइचिंग ओलंपिक में भाग लिया था, उन के खिलाड़ियों की कुल संख्या 11 हजार से अधिक थी। जिन में चीनी खिलाड़ियों की संख्या सब से ज्यादा थी और 639 तक पहुंची ।
2008 पेइचिंग ओलंपिक में कुल कितने खर्च हुआ है , अभी हमारे पास इस के ठोस आंकड़े नहीं है । पेइचिंग ओलंपिक कमेटी के संबंधित अधिकारी ने एक बार कहा था कि चीन ने पेइचिंग ओलंपिक के लिए ओलंपिक संचालन , स्टेडियमों के निर्माण और पेइचिंग शहर के बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए कुल 44 अरब 70 करोड़ अमरीकी डालर खर्च किए हैं। जिस में से अधिकांश धन राशि शहर के बुनियादी निर्माणों के लिए खर्च की गयी थी , वास्तव में यह खर्च ओलंपिक खर्च में नहीं शामिल होना चाहिए , जोरदार बुनियादी सुविधाओं के निर्माण से पेइचिंग शहर अब एक विशाल सुन्दर उद्यान सा बन गया है । इस के अलावा स्टेडियमों के निर्माण के लिए 13 अरब चीनी य्वान का खर्च हुआ ,जिस से चीन ने कुल 37 आधुनिक स्टेडियम बनाए या पुनर्निर्माण किया है और एक अरब 61 करोड़ अमरीकी डालर ओलंपिक संचालन में खर्च किये गए तथा विभिन्न ओलंपिक संबंधी व्यवसायों से एक अरब 62 करोड़ 50 लाख अमरीकी डालर की आय भी प्राप्त हुई है ।
भागलपुर बिहार के इजराइल कस्तूरी , मिकाइल अंसारी , रंजीत कुमार और रवि कुमार ने पत्र लिख कर पूछा कि चीन में सब से भयानक भूकंप कब आया था , कितने लोग मरे तथा कितने प्रभावित हुए , इस के अलावा मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश के इशार्द अहमद अंसारी , मुसर्रत जहा , राशेदा खातून और शादाब आलम तथा शमशाद अबमद ने पूछा है कि सछवान प्रांत का क्षेत्रफल कितना है , जन संख्या कितनी है , कितने पर्यटन स्थल है , भूकंप में कितने बर्बाद है और पांडे कितने मारे गए .
दोस्तो, चीन एक ऐसा देश है, जहां भूकंप ज्यादा आया करता है। चीन में भूकंप के बारे में उल्लेख करने का लम्बा इतिहास है । ऐतिहासिक उल्लेख के अनुसार ईसा पूर्व 1831 में चीन में भूकंप आया था , यह सब से पुराना भूकंप इतिहास उल्लेख है । इस के बाद 3800 सालों के अंतराल में चीन ने कुल 9000 से ज्यादा भूकंप रिकार्ड किए गए थे। तीव्रता की छै से अधिक स्तर वाले भूकंपों की उल्लिखित संख्या 800 से अधिक है । तीव्रता आठ और इस से अधिक भयानक भूकंप के 18 रिकार्ड उपलब्ध है।
उन रिकोर्डों से पता चला है कि चीन में सब से अधिक तीव्रता वाला भूकंप तीन बार आये थे । वे क्रमशः 1668 में शांगतुंग प्रांत की च्यु श्यान काऊंटी , 1920 में निनशा के हाईयुन क्षेत्र तथा 1950 में तिब्बत के छायु क्षेत्र में आए थे । लेकिन भूकंप से सब से अधिक बर्बादी जो हुई थी , वह 16 फरवरी 1920 को निनशा के हाईयुन जिले में आए भूकंप से हुई थी , जिस में दो लाख 46 हजार लोग मारे गए। फिर भी मृतकों की संख्या की दृष्टि से चीन में आया सब से भयानक भूकंप 1555 के जनवरी की 23 तारीख को श्यानसी प्रांत के वुनान क्षेत्र में आया भूकंप कहा जा सकता है , इस से आठ लाख 30 हजार लोग मारे गए ।
12 मई 2008 को चीन के सछ्वान प्रांत के वनछवान में आया भूकंप आठ तीव्रता के स्तर का था , जिस से 69 हजार लोग मारे गए और 17 हजार लापता हैं, कुल मिलाकर 87 हजार लोग मरे थे । भूकंप से प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान 8 खरब 45 अरब 10 करोड़ य्वान है ।
सछ्वान प्रांत चीन के दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित है , जो चीन का पांचवां बड़ा प्रांत है । उस का क्षेत्रफल चार लाख 84 हजार सौ वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या 8 करोड़ 70 लाख है । वहां 53 जातियां रहती हैं । सछ्वान प्रांत चीन का एक बहुत सुन्दर इलाका है, वहां जो विश्व प्राकृतिक विरासत माने जाने वाले धरोहरों और राष्ट्र स्तरीय दर्शनीय स्थलों की संख्या चीन में सब से ज्यादा है । आंकड़ों के अनुसार सछ्वान में युनेस्को द्वारा मान्य 4 प्राकृतिक सांस्कृतिक विरासत क्षेत्र हैं , 9 प्रमुख राष्ट्र स्तरीय प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र, 11 राष्ट्रीय वन पार्क और 40 प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र और 44 प्रांत स्तरीय दर्शनीय व संरक्षित क्षेत्र हैं ।
भूकंप से सछ्वान प्रांत में 83 राष्ट्रीय सांस्कृतिक संरक्षित इकाइयों , 174 प्रांत स्तरीय विरासत इकाइयों को विभिन्न हद तक नुकसान पहुंचा है और 1839 अवशेष चीजों को क्षति पहुंची , जिन में दुर्लभ मूल्यवान धरोहर 189 हैं।
सछ्वान प्रांत चीन का मुख्य पांडा आबादी क्षेत्र है । वहां तीन मुख्य पांडा पालन केन्द्र में कुल 144 पांडे पाले जाते हैं , भूकंप से इन 144 पांडों को नुकसान नहीं पहुंचा है । इस के अलावा वहां 1590 से ज्यादा जंगली पांडे रहते हैं, भूकंप से उन के नुकसान की जांच पड़ताल मुश्किल है, अभी इस के बारे में कोई विशेष ब्यूरो नहीं मिला है ।