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तिब्बत में पर्यटन उद्योग को प्राथमिकता
2011-05-25 14:55:37

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश चीन में पहला ऐसा प्रदेश है, जहां पर्यटन प्रमुख उद्योग बन चुका है। भावी पांच सालों में तिब्बत ग्रामीण पर्यटन के समर्थन को जोर देगा और पर्यटन विकास को क्षेत्रीय समृद्धि का प्रमुख मुद्दा बनाना जारी रखेगा। इस साल चीन के तिब्बत में शांतिपूर्ण मुक्ति की 60वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इन 60 सालों में तिब्बत में पर्यटन उद्योग, आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक विकास के साथ-साथ तेजी से विकास हो रहा है।

आंकड़ों के अनुसार 1984 में चीन सरकार ने तिब्बत के विकास की सहायता के लिए 2 अरब 40 करोड़ युआन की पूंजी लगाई थी, जबकि 2010 में यह राशि 3 खरब 60 अरब युआन तक पहुंच गई । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन ब्यूरो के उपप्रधान वांग सोंगफिंग ने जानकारी देते हुए कहा कि 2 अरब 40 करोड़ य्वान से तीन खरब 60 अरब य्वान तक एक भारी परिवर्तन है, तिब्बत में पर्यटन उद्योग को इससे लाभ मिला है। उनका कहना है:

"वर्तमान में तिब्बत के पर्यटन उद्योग में बड़ा परिवर्तन आया है। केंद्रीय वित्त विभाग की हरेक परियोजना से तिब्बत की बुनियादी संस्थापनों का सुधार से पर्यटन व्यवसाय को सीधे तौर पर बड़ा फायदा मिला है।"

पता चला है कि तिब्बत में सबसे बड़े पैमाने वाला और सबसे प्रभावशाली उद्योग पर्यटन उद्योग ही है। वांग सोंगफिंग के अनुसार इस उद्योग के तेज़ विकास से तिब्बत के किसानों व चरवाहों को लाभ मिलता है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी कृषि व पशुपालन में लिप्त रहे हैं। तिब्बती महिला गामा, लिनची प्रिफैक्चर की लिनची कांउटी के लुलांग कस्बे स्थित जाशी गांछुन गांव में रहती है, पारिवारिक हॉटल खोलने से हर वर्ष वह करीब पचास हज़ार अतिरिक्त आय प्राप्त करती है। तिब्बती बंधु गामा ने कहा:

"मैंने पांच साल पहले पारिवारिक हॉटल खोला था। अब हॉटल में कुल 21 पलंग हैं, हर एक पलंग से एक रात तीस य्वान की आय प्राप्त होती है, हम पर्यटकों के लिए भोजन भी तैयार करते हैं। एक व्यक्ति तीस य्वान देता है। भोजन में तीन डीश और एक सूप मिलता है, जिनमें अंडे, तिब्बती सुअर का मांस और दूध शामिल है। अब हम नीलगाय पालते हैं, जिसका प्रयोग कर पर्यटकों का सत्कार करते हैं। आज हमारा जीवन अच्छा हो गया है।"

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन ब्यूरो के उपप्रधान वांग सोंगफिंग ने कहा कि भावी पांच सालों में स्वायत्त प्रदेश पर्यटन विकास को जन जीवन की समृद्धि का प्रमुख मुद्दा बनाएगा। उन्होंने कहा:

"ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना यानी पांच साल पूर्व से ही हमने तिब्बत के ग्रामीण पर्यटन के विकास पर जोर देना शुरू किया था। इसके लिए स्वायत्त प्रदेश ने कुल 17 करोड़ य्वान की राशि लगाई, जिससे 48 हज़ार किसान व चरवाहे को आकर्षित किया गया, उनकी औसतन आय 6116 य्वान तक पहुंच गई है। भावी पांच सालों में यानी बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान हम ग्रामीण पर्यटन विकास पर और ज्यादा ध्यान देंगे।"

तिब्बत के पर्यटन ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक 2010 तक तिब्बत में पर्यटन से जुड़े किसानों व चरवाहों की संख्या 48,120 रही है और कुल आय 29 करोड़ 40 लाख युआन तक पहुंच चुकी है।

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