चीन के गीत संगीत जगत में अल्पसंख्यक जातियों के गायकों और गायिकाओं की काफी ऊंची प्रसिद्धि कायम रहती है। इसमें तिब्बती गायक श्री रुङचुंगलचा एक हस्ती के रूप में माना जाता है और उन की सम्मोहक आवाज और तिब्बती गायन विशेषता श्रोताओं को हमेशा आकृष्ट करती है।
अभी आप जो मधुर गीत सुन रहे हैं, वह श्री रुङचुंगलचा की आवाज में प्रस्तुत अतूल्य च्यु च्याई नामक गीत है। च्यु च्याई दक्षिण पश्चिम चीन के सछ्वान प्रांत में स्थित दर्शनीय च्यु च्याई घाटी प्रकृति संरक्षित क्षेत्र है, जहां का नैसर्गिक सौंदर्य अद्भुत और मोहक है। घाटी क्षेत्र में 9 तिब्बती गांवों के आबाद होने की वजह से इस दर्शनीय क्षेत्र का नाम च्यु च्याई गाओ अर्थात नौ ग्राम घाटी पड़ा। प्रस्तुत गीत में मधुर धुन में च्यु च्याई घाटी के अतूल्य सौंदर्य का सजीव वर्णन किया गया और उस की लोकप्रियता की अभिव्यक्ति की गयी है। तिब्बती गायक रुङचुंगलचा की आवाज में यह गीत देश भर में मशहूर हुआ और 9वीं राष्ट्रीय युवा गायन टीवी प्रतियोगिता में इस की प्रस्तुति से रुङचुंगलचा को रजत पुरस्कार और सर्वमान्य गायक का पुरस्कार प्राप्त हुआ।
तिब्बती गायक रुङचुंगलचा का जन्म सछ्वान प्रांत के आबा तिब्बती जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर में हुआ और वे बालावस्था में संगीत के शौकिन थे, युनिवर्सिटी से स्नातक होने के बाद वे जन्म भूमि में वापस कर मीडिल स्कूल में पढ़ाने लगे, तभी से उन्हों ने संगीत ज्ञान का स्वाध्याय और संगीत का सृजन शुरू किया। वर्ष1994 में वे च्यु च्याई गाओ जातीय कला मंडली के प्रमुख गायक बने और क्रमशः सछ्वान प्रांत के संगीत प्रतिष्ठान तथा पेइचिंग में संगीत का गहन अध्ययन किया। वर्ष 2001 में उन्हों ने च्यु च्याई गाओ में रुङचुंगलचा कला केन्द्र स्थापित किया और वे केन्द्र के डायरेक्टर और प्रमुख गायक बने।
रुङचुंगलचा ने 1991 से संगीत रचना शुरू किया, अब तक उन्होंने सौ से अधिक गीत रचे हैं, उन की रचनाओं में तिब्बती गायन परंपरा को आधुनिक पॉप गायन शैली के साथ जोड़ दिया गया है जो चीन के संगीत क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान लिए अत्यन्त लोकप्रिय हुए हैं।
1995 में रुङचुंगलचा का पहला एलबम च्चु च्याई से प्यार निकला जिस में उन के स्वरचित अनेक च्यु च्याई गाओ आधारित गीत शामिल हैं। ये गीत देश भर में लोकप्रिय हो गए और च्यु च्याई घाटी के पर्यटन उद्योग का प्रचार प्रसार भी किया गया। रुङचुंगलचा ने कहा कि च्यु च्याई गाओ उन की जन्म भूमि है, वे अपने गीतों से उस का गुणगान करना चाहते हैं। च्यु च्याई से प्यार नामक गीत अपनी जन्म भूमि को उन की एक स्नेहमय भेंट है।
इस गीत में तिब्बती जाति का प्रगाढ़ गायन रस निहित है। तिब्बती गीत संगीत को विश्व में लोकप्रिय बनाने की मुराद हमेशा रूङचुंगलचा के दिल में बनी रहती है। सन् 1994 से वे तिब्बती जातीय गायन सीखने के लिए समय समय पर तिब्बती आबादी क्षेत्रों में जाया करते हैं और बड़ी संख्या में तिब्बती गीत संगीत संकलित करते हैं। उन के इन कामों ने उन की भावी संगीत रचना के लिए पुख्ता आधार तैयार किया है। वे चाहते हैं कि तिब्बती भाषा में लोक गीत संगीत को दुनिया भर में प्रसारित करें, उन की कोशिशों के परिणामस्वरूप अब तक उन्हों ने छह एलबम प्रकाशित किए हैं।
यह है रुङचुंगलचा की आवाज में गाया गया उन का स्वरचित तिब्बती गीत पठार की सुर्खी, यह गीत उन के सन् 2000 के एलबम में शामिल मुख्य गाना है, जिस में तिब्बती लड़कियों की खूबसूरत वर्णित है, गीत में च्यु च्याई घाटी में रहने वाली तिब्बती लड़की की प्रेम कहानी चर्चित हुई। गीत के बोल सुबोध है और लय रसदार है, गायन में गायक का दिली उद्गार अभिव्यक्त हुआ है।
गीत में कहा गया है कि अनेक आनंद तुम्हारे तंबू में प्राप्त हुए है, पहले प्रेम में अवर्णीय अनुराग है, अनंत हिमाच्छादित पठार पर कहां तुम का पदचिंह मिल सकता है. पठार की सुर्खी, घी चाय का खुमार इस कदर गाढा है कि मैं मदमस्त रहता रहूंगा।
कार्यक्रम के अंत में हम आप को रुङचुंगलचा का यह प्रेम गीत सुनाएंगे, जिस का नाम है गेसान फूल खिला। गेसान फूल तिब्बत पठार पर खिले एक प्रकार का पुष्प है, जो तिब्बती जाति में पवित्र प्यार का प्रतीक है। इस गीत में मधुर धुन के साथ सच्चे प्रेम का सजीव वर्णन हुआ है। आसमान में सफेद बादल के टुकड़े तैर रहे हैं, धरती पर भेड़ों का झुंड चर रहा है। दूर से मधुर गीत सुनाई देता है, प्यारी लड़की पास आ रही है। गेसान फूल किस के लिए खिलेगा, मेरा दिल तुम के लिए धड़कता रहेगा।