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शांगहाई विश्व मेले में हंगरी पैवेलियन में युसू के तिब्बती बच्चों का गाना
2010-09-21 13:23:31

हाल ही में शांगहाई विश्व मेले में विशेष बच्चों का एक दल आया, वे सभी छिंगहाई प्रांत के युसू प्रिफेक्चर, जहां इस साल के अप्रैल में भयंकर भूकंप आया था, से आए तिब्बती बच्चे हैं। वे सब 8 साल से 20 साल तक के हैं जो विश्व मेले के हंगरी पैवेलियन द्वारा आमंत्रित किए गए हैं। आज आप सुनेंगे हंगरी पैवेलियन में इन तिब्बती बच्चों की गतिविधि।

हंगरी भवन में भूकंप प्रभावित युसू इलाके के तिब्बती बच्चों का मधुर गाना सुनाई दे रही है। इन तिब्बती छात्रों के एक अध्यापक ने संवाददाता को बतायाः

वे युसू के दस स्कूलों से चुने गए तिब्बती छात्र हैं, हरेक स्कूल से पांच छात्र आए। अध्यापकों को मिलाकर कुल 60 शिक्षक-छात्र हैं। इन छात्रों में कुछ ऐसे हैं जिस के मां या बाप भूकंप से चल बसे हैं या कुछ की पारिवारिक आर्थिक दशा गरीब है और कुछ पढ़ने में श्रेष्ठ निकले हैं।

युसू के नम्बर एक प्राइमरी स्कूल के अध्यापक मा श्याओहोंग ने परिचय देते हुए कहा कि ये बच्चे और अधिकांश अध्यापक पहले घर से कभी दूर नहीं गए थे तथा उन्हें कभी हवाई जहाज पर सवार होने का मौका भी नहीं मिला था। इसलिए शांगहाई में विश्व मेला देखने आने का मौका पाकर उन्हें अपार खुशी हुई। अध्यापक मा ने आगे कहाः

आज शांगहाई में ऊंची ऊंची इमारतों के सामने रास्ता गुजरने के वक्त हमारे छात्र बहुत ही प्रसन्न हुए, युसू का प्राकृतिक दृश्य हराभरा और मनोहर जरूर है, पर यहां के गगनचुंबी बल्डिंगों ने बच्चों पर अलग प्रकार की गहरी छाप छोड़ी है। उन्हों ने विश्व मेले में विभिन्न देशों के पैवेलियनों में उन के विशेष रीति रिवाजों और वास्तु निर्माण की सुन्दरता का लुफ्ट ले लिया। हम चाहते हैं कि ज्यादा पैवेलियनों का दौरा करें तथा ज्यादा देशों के बारे में जानकारी ले लें। मैं अध्यापकों व छात्रों की ओर से हंगरी देश को धन्यवाद देता हूं कि उस ने हमें यहां देखने आने का सुअवसर दिया है।

इस साल 15 वर्षीय तिब्बती छात्रा युसू के दूसरे जातीय स्कूल की छात्रा है, शांगहाई में विश्व मेले को देखने जाने का मौका मिलने के बाद वे हर दिन बेसब्री से इस दिवस की प्रतीक्षा में थी। विश्व मेला वास्तव में इतना विशाल है, जितना उस की कल्पना में भी नहीं आया है। इसे लेकर उसने संवाददाता को बतायाः

मेरी कल्पना में विश्व मेला एक छोटा और सादा प्रदर्शनी भवन होगा, लेकिन आने पर मालूम हुआ कि वह इतना विशाल है कि इस में विश्व के हर देश के पैवेलियन समाए हुए हैं। इस से हमें सभी देशों की जानकारी लेने का मौका मिलेगा। घर लौटने के बाद मैं अपने परिवारजनों को अपने आनंद का साझा करने दूंगी। दूसरी बात है कि मैं अवश्य और मेहनत से पढ़ूंगी और पढ़ाई के श्रेष्ठ अंक प्राप्त कर देश और समाज को अच्छी सेवा प्रदान करूंगी और हमें तहजीद व प्यार देने वाले सभी लोगों के एहसान को कृतज्ञ दूंगी।

दरअसल, हरेक छात्र पर उन के प्रति अध्यापकों की हार्दिक उम्मीद लदी हुई है। युसू प्रिफेक्चर के लाल झंडा प्राइमरी स्कूल से आए अध्यापक त्ये ची के दिल में सभी छात्रों के स्वस्थ पले बढ़े रहने तथा अच्छी तरह परवान चढ़ने की गहरी अपेक्षा है। इस पर चर्चा करते हुए उन्हों ने कहाः

हमारी उम्मीद है कि उन का ज्ञान भंडार तेज रफ्तार से बढ़ेगा, बाह्य दुनिया के दृश्य देखने और समझने से उन के मन में कौतुहल बहुत बढ़ सकेगा। आशा है कि विश्व मेले के मौजूदा दौरे से उन्हें एक अलग दुनिया को समझने का मौका मिलेगी और साथ ही हमारी यह भी आशा है कि भारी प्राकृतिक विपत्ति झेलने के बाद वे कृतज्ञता को और अधिक गहरा समझ सकेंगे तथा और अधिक दृढ संकल्पबद्ध रहेंगे।

नसिर्फ चीनी लोग विपत्ति प्रभावित क्षेत्रों और पीड़ित लोगों की स्थिति पर ध्यान देते हैं, साथ ही अन्तरराष्ट्रीय समुदाय भी उन का ख्याल रखता है। विपत्ति के बाद चीन के मित्र देश हंगरी सहायता के लिए आगे आया। 2008 में वुनछ्वान में भयंकर भूकंप आने के बाद हंगरी सरकार ने अनेक बार भूकंप प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को हंगरी के दर्शनीय स्थल बालाटोन झील घाटी क्षेत्र में विश्राम करने आमंत्रित किया था। इस साल शांगहाई विश्व मेले के दौरान हंगरी ने फिर युसू के भूकंप प्रभावित क्षेत्र के छात्रों को विश्व मेले का दौरा करने हेतु बुलाया और उन्हें हंगरी भवन के दिवस की गतिविधियों में भाग लेने का न्यौता दिया। इस के बारे में हंगरी के राज्य सचिव सजोक्स गेजा ने कहाः

हंगरी ने शांगहाई आने के लिए युसू के 50 छात्रों को बुलाया । हमारा उद्देश्य है कि इस से प्राकृतिक प्रकोप से पहुंचे उन के आहत दिल को कुछ राहत मिलेगा और दुखों से भरे उन दिनों को भूल सकेंगे। साथ ही हमारी आशा है कि ये बच्चे बड़े होने के बाद भी हंगरी की याद रखेंगे।

शांगहाई विश्व मेले के चीन के सरकारी डिप्टी जनरल प्रतिनिधि श्री जू जुश्याओ ने चीन के विपत्ति प्रभावित क्षेत्रों के प्रति हंगरी की तहजीद व मदद का उच्च मूल्यांकन किया । उन्होंने संवाददाता से कहा कि प्राकृतिक विपत्ति क्षेत्रों के बच्चों के प्रति हंगर का प्यार दोनों देशों के बीच मित्रता का एक जीता जागता उजागर है। उन्हों ने कहाः

इस से जाहिर है कि हंगरी देश और उस की जनता चीन के युसू विपत्ति प्रभावित क्षेत्र के लोगों के प्रति अपने प्यार के साथ सहानुभूति भी रखते हैं। बच्चों के लिए दुनिया को समझना तथा हंगरी के बारे में जानकारी व समझदारी बढ़ाना लाभदायक है । वर्तमान में चीन और हंगरी का संबंध बहुत अच्छा है, यह न केवल दोनों देशों के राजनीतिक संबंध और आर्थिक संबंध से जुड़ा है , साथ ही यह मानविकी रिश्ता तथा दोस्ती का रिश्ता भी है। वुनछ्वान व युसू में भूकंप आने के बाद हंगरी ने चीनी लोगों के प्रति जो संवेदना की भावना प्रकट की है, उस से फिर एक बार चीनी जनता के साथ हंगरी जनता की मित्रता व्यक्त हुआ है।

श्रोता दोस्तो, अभी आप ने शांगहाई विश्व मेले में हंगरी पैवेलियन में चीन के युसू भूकंप प्रभावित छात्रों को आमंत्रित किये जाने की कहानी सुनी, यकीन है कि आप को अवश्य पसंद आया और हंगरी की सदभावना की तारीफ का पुल बांधा। हमारी दुआ है कि दुनिया के सभी देशों की जनता हमेशा एकता और सहायता के सूत्र में बंधेगी।

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