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छ्यांग जाति की लड़की के साथ तिब्बती लड़की च्वो मा की दोस्ती
2010-05-26 08:13:02
 14 अप्रैल को उत्तर पश्चिम चीन के छिंगहाई प्रांत के युशू तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर में जबरदस्त भूकंप आया, जिस से वहां भारी जानी माली क्षति पहुंची। युशू भूकंप के बचाव व राहत कार्य पर चीन भर के लोगों ने बड़ा ध्यान दिया और गहरी चिंता व्यक्त की, देश की विभिन्न जातियों की जनता ने विविध तौर तरीकों से भूकंप प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सहायता देने के लिए कार्यवाही शुरू की और चीनी नेताओं ने भी खुद भूकंप ग्रस्त क्षेत्र में पहुंचकर पीड़ित लोगों को संवेदना दी और वहां के राहत काम का निर्देशन किया। उन दिनों के बहुत से दास्तान और तस्वीरें अविस्मरणीय क्षण बनकर लोगों की याद में घर कर गयी हैं। चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने भूकंप के बाद दूसरे दिन अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा बन्द कर युशू जाकर भूकंप की स्थिति और बचाव के काम का जायजा लिया तथा भूकंप पीड़ित लोगों में हरेक जान को बचाने का आह्वान किया, वयोवृद्ध तिब्बती दादी ने अंगूठे की प्रशंसासूचक मुद्रा बनाकर बचाव कार्य में जुटे सैनिक जवानों की सराहना की और खंडहलों व मलबों की चारो ओर इक्टठे लोगों ने एक एक जान बचाने के करिश्मे पर राहत की सांस ली।

इन अविस्मरणीय क्षणों और दृश्यों में से चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ के सीने से लगी हुए कराहती हुई छोटी तिब्बती लड़की च्वोमा गाछ्वो की तस्वीर सब से अधिक प्रभावकारी और अविस्मरणीय है।

18 अप्रैल को चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने अपनी विदेश यात्रा बीच में बन्द करके समय से पहले स्वदेश लौटकर युशू में पहुंच कर भूकंप राहत कार्य का निर्देशन किया। वहां उनकी मुलाकात घायल हुई तिब्बती लड़की च्वोमा गाछ्वो से हुई। 14 अप्रैल की सुबह जब भूकंप आया, उस समय छोटी उम्र की च्वोमा सिर के बालों को पानी में धो रही थी, आकस्मिक तौर पर आए भूकंप से उस का घर तबाह हो गया और उस की दाईं बांह भी टूट गयी। राहत कार्य के लिए आए चिकित्सकों ने उस की बांह को ठीकठाक कर लिया और च्वोमा रोज चिकित्सा दल के तंबू में आकर दवा बदलवाती रहती थी। 18 अप्रैल के दिन भी वह आयी, संयोग से उस की मुलाकात वहां निरीक्षण कर रहे चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ से हुई। च्वोमा को अभी तक साफ साफ याद है कि हु चिनथाओ दादा जी ने उसे अपनी सीने पर लगाकर सांत्वना दी है। च्वोमा ने याद करते हुए कहाः

दादा हु ने मुझ से कहा कि सेहतमंद होने के बाद जरूर मेहनत से पढ़ो, यहां के चिकित्सक चाचा चाची तब तक तुम्हारा देखभाल करते रहेंगे जब तक तुम्हारा स्वास्थ्य पूरी तरह अच्छा हुआ हो।

इस के बाद दाईं बांह में गंभीर चोट लगने के कारण तिब्बती छोटी लड़की च्वोमा को मां बाप के साथ पेइचिंग में स्थित चीनी सशस्त्र पुलिस बल के जनरल अस्पताल में भर्ती किया गया। अस्पताल की नर्स ने च्वोमा के सिर के बालों को अच्छी तरह पानी से धोया और बेहतर रूप से दो दिन विश्राम करने के बाद भूकंप के कारण बुरी हुई थकान दूर हो गयी और बातें करना भी पसंद हुआ। उस ने हमारे संवाददाता को बताया कि पेइचिंग में आने के बाद बहुत से लोग उस का हालचाल पूछने आए हैं और उसे बीमारी पर विजय पाने का प्रोत्साहन देते हैं। कल सुबह एक बड़ी बहन ने उसे दस हजार य्वान की राशि भी दे दी है। च्वोमा ने कहाः

सुबह नाशता के बाद एक अजान बड़ी बहन आयी, उस के सिर के बाल छोटे कटे हैं और मुझे पैसा देने के बाद जब कुछ कहना चाहती थी, तो संवाददाता को पास आते देखकर वह पैसा पलंग पर रखकर भाग गयी, कहती थी कि वह संवाददाता से अपनी तस्वीर को कैमरे में उतारवाना नहीं चाहती है।

च्वोमा के माति पिता सादे सीधे साधारण शख्स हैं, जब च्वोमा बातें कर रही थी, वे दोनों चुपचाप बातचीत सुन रहे थे। इस वक्त बाहर से कमरे में एक छोटी लड़की चैयरह्वील पर बैठी अन्दर आयी, उस की मां जी चैयरह्वील को ठेल रही थी, इस लड़की का नाम ली य्यो है, जिस का एक पैर सछ्वान प्रांत के वनछ्वान में आए भूकंप से कट गया। उस ने च्वोमा के पलंग के पास जाकर उसे अपनी कहानी बतायीः

वनछ्वान भूकंप के बाद मुझे भी पेइचिंग के अस्पताल में भर्ती किया गया, यहां कई महीनों तक ठहरी, अब मैं छठी कक्षा में पढ़ती हूं। मैं भी भूकंप से जख्म हुई हूं और आप लोगों का इस समय का मनोभाव जानती हूं। असंख्य चाचा चाची हमें मदद देते हैं और विभिन्न कठिनाइयों को दूर करने में सहायता देने को तैयार हैं । मुझे विश्वास है कि उन की मदद से आप लोग भी मुश्किलों पर काबू पाएंगे।

2008 में वनछ्वान भूकंप में छ्यांग जाति की दस साल की छोटी लड़की ली य्यो मलबों के नीचे 70 से अधिक घंटे दबने के बाद बाहर बचायी गयी, लेकिन दूर्भाग्य से उस का बायां पैर खराब होने के कारण काटा जाना पड़ा । ली य्यो बैले नृत्य के शौकिन थी, एक पैर गायब होना उस के लिए बेहरम चोट थी। लेकिन नृत्य के लिए उस की प्रतिबद्धता नहीं टूटी, कड़ी मेहनत से उस ने पेइचिंग पैरालंपिक के उद्घाटन समारोह में चैयरह्वील के सहारे नृत्य का कार्यक्रम पेश किया और बैले के लाल जूते ऊंचा उठाने के दृश्य ने करोड़ों चीनियों की आंसू लूटी, तभी से वह बैले लड़की के नाम से देश भर मसूहर हो गयी।

इन दो सालों में ली य्यो और उस की मां दोनों पेइचिंग में रह रहीं। 14 अप्रैल को युशू में आए भारी भूकंप की खबर ने दोनों को फिर एक बार दुख में डाला। जब सुना, च्वोमा भी पेइचिंग आयी, तो वह अपनी मां के साथ तुरंत अस्पताल में मिलने आयी और उस ने च्वोमा के लिए एक चित्र भी बनाया और च्वोमा को जल्द ही सेहतमंद होने की कामना की। ली य्यो ने कहाः

यह चित्र मैं ने खुद बनाया है, मुझे वह सुन्दर लगता है. आशा है कि तुम स्वस्थ होने के बाद और सुन्दर बन जाएगी । सुना है कि तुम भी नाचना पसंद करती हो, बाद में हम दोनों एक साथ रंगमंच पर नाचेंगे।

च्वोमा को बड़ी खुशी हुई, उस की आंखों में आंसू भर आयीं और मुस्कराते हुए उस ने हां भरीः

मेरा ख्याल रखने केलिए तुम्हें धन्यवाद। मैं अवश्य अपने को स्वस्थ बनाने की कोशिश करूंगी और हम एक साथ नाच करेंगी।

ली य्यो छ्यांग जाति की लड़की है, चीन की छ्यांग जाति के लोग नाचने गाने के शौकिन हैं। दोनों लड़कियों का वायदा सुनने के बाद ली य्यो की मां ने बड़ी खुशी से कहाः

हमारी छ्यांग जाति का गाउजुंग नृत्य तुम्हारी तिब्बती जाति का गाउजुंग नृत्य मिलता जुलता है। हमारी जन्मभूमि भी नजदीक है, हम एक परिवार के लोग हैं, समूची चीनी जनता एक परिवार के लोग हैं। अब हमारे सिर पर प्राकृतिक आफत गिरी, सारे देश के लोग हमारा ख्याल रखते हैं, इसलिए हम जरूर और दृढ़ संकल्पबद्ध रहेंगे।

बातें करते करते लोगों का मनोभाव उत्साहित हो उठा और सभी लोग भूकंप से पैदा हुई दुख को भूल गए। च्वोमा के पिता जी सादा व खुला दिल वाला तिब्बती आदमी है, इस समय उन की आंखों में भी आंसू भरी, वे हान भाषा को अच्छी तरह नहीं बोल सकते हैं, केवल हाथ जोड़कर धन्यवाद की बातें दोहराते हैः

च्वोमा बहुत अच्छी हो गयी है, आप लोगों को बहुत बहुत धन्यवाद है। मेरे दिल में बहुत सी बातें कहने को चाहता हूं, पर मुझे कहना नहीं आता । बहुत बहुत धन्यवाद ।

छ्यांग जाति की छोटी बहन ली य्यो के कड़े संकल्प और इतने सारे बहुत लोगों के देखरेख से प्रभावित होकर भूकंप से घायल तिब्बती लड़की च्वोमा को बड़ी तसल्ली हुई और खुशी के साथ कहा कि नाच गान के अलावा मेरा यह सपना भी हैः

मैं थ्येनआनमन चौक, पुराना शाही प्रासाद और चिड़ियाघर देखना भी चाहती हैं। मेरा सब से बड़ा सपना है कि मैं पुलिस वर्दी पहने मुझे जान बचाने वाले पुलिस चाचा चाचियों के साथ फोटो खींचवाना चाहती हूं. बचपन से ही मैं पुलिस स्कूल में पढ़ने जाने का सपना देखती आयी हूं।

च्वोमा के डाक्टर ने कहा कि फिलहाल च्वोमा के घावों को नियंत्रण में लाया जा चुका है, मनोविज्ञानिक तसल्ली देने के काम से उस का मनोभाव भी सुधर गया है। दो महीने के बाद वह पूरी तरह सेहतमंद हो जाएगी। हम चाहते हैं कि उस समय तक घर की तबाही से प्रभावित ये दोनों लड़कियां पहले की दुखों को भूलकर एक साथ साहस के साथ जीवन का सामना करेंगे और लोगों की मदद में नाचेंगे और गाएंगे।

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