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जातीय रीति रिवाज़ों और त्योहारों से अगस्त माह में तिब्बत का पर्यटन उद्योग आगे बढ़ रहा है
2009-08-18 19:33:20

अगस्त माह चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का स्वर्ण पर्यटन काल है, ल्हासा के श्वेतुन त्योहार और नाछ्वू की घुड़ दौड़ के आयोजन का समय भी है । इस वक्त सारे तिब्बत में इधर-उधर खुशी का माहौल होता है। आज के इस कार्यक्रम में आप सुनिए तिब्बती लोगों के श्वेतुन त्योहार के बारे में और महसूस कीजिए जातीय रीति रिवाज़ों और त्योहारों में तिब्बती लोगों की खुशी ।

चालू वर्ष का श्वेतुन त्योहार अगस्त की 20 से 26 तारीख तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में धूमधाम से मनाया जाएगा । तिब्बती पंचांग के अनुसार, हर वर्ष के सातवें महीने की पहली तारीख को श्वेतुन त्योहार मनाया जाता है, यह तिब्बती लोगों का परम्परागत त्योहार है, जिस का लम्बा पुराना इतिहास है ।

तिब्बती भाषा में"श्वे"का मतलब है"दही"और"तुन"का मतलब है"खाना"। इस तरह"श्वेतुन"का अर्थ है"दही खाना"। जाहिर है कि श्वेतुन त्योहार दही खाने के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। किन्तु कालांतर में श्वेतुन त्योहार के विषयों में काफी परिवर्तन आया और दही खाने की जगह मुख्य तौर पर तिब्बती ऑपेरा ने ले ली, इस कारण इस त्योहार को तिब्बती ऑपेरा त्योहार भी कहा जाने लगा।

कहा जाता है कि तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलूग संप्रदाय यानी पीले संप्रदाय के संस्थापक गुरु त्सोंग खा पा ने तिब्बती बौद्ध धर्म का सुधार करने के वक्त कड़े नियम बनाए । तिब्बती पंचांग के अनुसार, वर्ष के हर चौथे से छठे महीने तक तिब्बत में गर्मियों का मौसम होता है । इस दौरान विभिन्न नस्लों के छोटे बड़े जीव जंतु क्रियाशील होने लगते हैं । इन जीव जंतुओं की रक्षा करने के लिए चौथे से ले कर छठे माह तक तिब्बती बौद्ध धर्म के भिक्षुओं को मठों के बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है और उन्हें मठों में लगन से बौद्ध सूत्रों का अध्ययन करना पड़ता है । वे छठे माह के अंत और सातवें माह के शुरू में मठों के बाहर जा सकते है । तिब्बत में यह फ़सल काटने का मौसम होता है, सुरा गाय और भेड़ बकरी हृष्ट पुष्ट हो जाते हैं और उन से पौष्टिक दूध अच्छी गुणवत्ता में मिलता है । इस लिए जन साधारण भिक्षुओं को भिक्षा के रूप में दही दिया जाता है और मठों में भी दही से अपने मेहमानों का सत्कार किया जाता है, इसी तरह दही खाने का त्योहार यानी श्वेतुन त्योहार बना ।

पांचवें दलाई लामा के समय में श्वेतुन त्योहार में दही खाने के साथ-साथ रंगबिरंगे तिब्बती ऑपेरा प्रदर्शित किये जाने लगे । हर वर्ष तिब्बती लोग श्वेतुन त्योहार मनाने के वक्त रंगबिरंगी गतिविधियां चलाते हैं, जो देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षण करती हैं ।

चालू वर्ष में 35 वर्षीय तिब्बती महिला त्सामजोर तिब्बत की राजधानी ल्हासा के पोटाला महल के पीछे स्थित श्वेशिन गांव में एक तिब्बती शैली वाले पारिवारिक होटल का प्रबंधन देखती हैं । इस पारिवारिक होटल की शैली पूर्ण तिब्बती है, जिसे पर्यटक बहुत पसंद करते हैं । हर वर्ष अगस्त माह में होटल का व्यापार बहुत अच्छा रहता है । इस की चर्चा में तिब्बती महिला त्सामजोर ने कहा:

"एक साल में हमारी आय कई दस लाख य्वान हो जाती है । दसियों देशों के तीन सौ से अधिक पर्यटक हमारे होटल में रहने आते हैं । पर्यटन ऋतु में ज्यादा पर्यटक होने के कारण हमारे होटल में कमरे पर्याप्त नहीं हैं, कई पर्यटक फर्श पर सोने की मांग करते हैं । अब हमारा व्यापार अच्छे से अच्छा हो रहा है ।"

वर्ष 2008 की तुलना में चालू वर्ष में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में यात्रा के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है । पोटाला महल, जोखान मठ आदि मशहूर पर्यटन स्थलों में और अधिक पर्यटक आ रहे हैं । अगस्त माह में श्वेतुन त्योहार आदि तिब्बती त्योहारों के मनाने के कारण तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन उद्योग गर्मागर्म हो रहा है ।

चीनी इंटरनेशनल पर्यटन सेवा संस्था की कर्मचारी श्रीमती ह्वांग को युए ने हमारे संवाददाता के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि इस जुलाई व अगस्त में उस कंपनी के जरिये तिब्बत की यात्रा करने आने वाले पर्यटकों की संख्या 5000 होगी ,जो 2007 के ऐतिहासिक रिकार्ड के बराबर है । औसतन प्रति सप्ताह चार पर्यटन मंडल यात्रा के लिए तिब्बत आएंगे। उन्होंने कहा:

"अब तिब्बत की यात्रा करने का सब से अच्छा समय है। वर्तमान में सब से बडी समस्या तिब्बत जाने के लिए टिकट खरीदना है ।चाहे रेलगाडी की टिकट हो या हवाई जहाज की टिकट ,हासिल करना कठिन है ।ल्हासा शहर के होटल पर्यटकों से भरे हुए हैं । एक भी खाली कमरा मिलना कठिन है ।"

"अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन के साथ-साथ डीजिटल श्वेतुन त्योहार के आयोजन के अलावा, हम बड़े पैमाने वाले अभिनय, श्रेष्ठ रचनाओं की प्रदर्शनी, जातीय नाच-गान आदि सिलसिलेवार गतिविधियां आयोजित करेंगे। ताकि चालू वर्ष के श्वेतुन त्योहार इतिहास में सब से बड़े पैमाने वाला, सब से रंगबिरंगा और सब से प्रभावशाली त्योहार मनाया जा सके ।"

तिब्बत में खुलेपन की मज़बूती के चलते श्वेतुन उस्तव समेत तिब्बती त्योहार तिब्बत की जातीय रीति रिवाज़ व संस्कृति को प्रदर्शित करने वाली महत्वपूर्ण खिड़की व पर्यटन संसाधन बन गए हैं । बर्फीले पहाड़ के प्राकृतिक दृश्य और अच्छी तरह सुरक्षित विशेष रीति रिवाज़ों के कारण तिब्बत का पर्यटन लोगों की प्रतिक्षा में है । इस की चर्चा में ल्हासा के पर्यटन ब्यूरो के प्रधान श्री ग्यांगकर ने कहा:

"चालू वर्ष की पर्यटन स्थिति के प्रति हम आशाप्रद हैं । प्रारंभिक अनुमान के अनुसार चालू वर्ष में तिब्बत का पर्यटन उद्योग वर्ष 2007 के स्तर तक पहुंच सकेगा, 27 लाख 40 हज़ार पर्यटकों का सत्कार कर दो अरब 80 करोड़ य्वान की आय प्राप्त होगी ।"

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