"आज हमारी पार्टी की धार्मिक नीति भी अच्छी हो गई है ।हमारे तिब्बती लोगों के धार्मिक विश्वास पर कोई पाबंदी नहीं है । अधयक्ष माओ ने हमें नया जीवन दिया है, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में हम सुखी जीवन बिता रहे हैं । इस तरह हम तिब्बती लोग अध्यक्ष माओ का फोटो जीवित बुद्ध के साथ रख कर पूजा करते हैं ।"
तिब्बती बड़ी मां तुनचु चोमा स्वच्छ व रंगबिरंगी तिब्बती पौशाक पहनती हैं । उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ़ त्योहार के वक्त इस प्रकार का कपड़ा पहना जाता था, लेकिन आज हर रोज इस प्रकार की पौशाक पहन सकती हैं , सुन्दर कपड़े पहनने के बाद दिल खुश रहता है ।
45 वर्षीय लोसांग चोमौ तिब्बती बड़ी मां तुनचु चोमा की बड़ी बेटी है । उसे मालूल हुआ कि हम राजधानी पेइचिंग से आए हैं, यह खबर पाकर लोसांग चोमा रोने लगी और कहा कि उस की छोटी बेटी पेइचिंग के केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय के तिब्बती भाषा विभाग में पढ़ रही है। जब पेइचिंग से कोई आता है , तो उन्हें अपनी बेटी की याद आ जाती है ।लोसांग चोमा ने कहा कि बेटियों का जीवन बहुत सुखी है, उन्हें राजधानी पेइचिंग में पढ़ने और देश में उच्च स्तरीय शिक्षा पाने का मौका मिला है । पहले इस के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था । हालांकि वह कभी कभार दूर रहने वाली बेटी की चिंता करती है, लेकिन फिर भी वह बहुत संतुष्ट है ।
वर्तमान जीवन के प्रति लोसांगचोमा को संतोष है । पति का एक ट्रक है और वे बाहर जाकर परिवहन का काम करते हैं । हर माह चार हज़ार से ज्यादा य्वान की आय प्राप्त करते हैं । आम दिनों में लोसांग चोमा घर में खेती का काम करती है, नीलगाय पालती हैं और जंगल से मशरूम इक्ट्ठा करती हैं । इधर के वर्षों में शांगरिला आने वाले पर्यटकों की संख्या ज्यादा हो रही है, घर में बनाया गया घी और दूध आदि तिब्बती विशेष वस्तुएं पर्यटकों को पसंद हैं । इस तरह एक साल में घर की कमाई साठ हज़ार य्वान से ज्यादा हो जाती है । दो साल पूर्व घर में दो मंजिला नए रिहायशी मकान का निर्माण किया गया और अनेक नया फ़र्निचर खरीदा गया । तिब्बती बंधु लोसांगचोमा ने खुशी के साथ कहा :
"आज का जीवन बहुत सुखी है, बहुत अच्छा है । घर में टी.वी.सेट, फ्रीज, इलेक्ट्रोनिक कूकर और सौर ऊर्जा आदि सब कुछ है । दो बेटियों के पास दो कंप्युटर भी हैं ।"