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आप की संतुष्टि हमारी खुशी
2011-05-11 12:41:00

चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आज हम फिर मिलते हैं आप का पत्र मिला कार्यक्रम में। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।

विकासः और मैं हूं आप का दोस्त, विकास। नमस्कार।

चंद्रिमाः विकास जी, सुना है कि आजकल आपने चीन के च्यांगशी प्रांत की यात्रा की है, ठीक है न?

विकासः जी हां। कई दिनों पहले मैं सी.आर.आई. के पत्रकार दल के साथ च्यांगशी प्रांत गया, और वहां के विभिन्न पर्यटन स्थलों की यात्रा की।

चंद्रिमाः वाह, कितनी अच्छी बात है। आप को कैसी लगी च्यांगशी की यात्रा?

विकासः यह यात्रा मेरे लिए एक नये अनुभव जैसा था। वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, मकानों की बनावट, लोगों का रहन-सहन और खान-पान सभी ने मेरे मन पर एक गहरी छाप छोड़ी है जिससे मैं कभी भी नहीं भूल सकता हूँ। यह मेरे लिए एक अविस्मरणीय यात्रा है। यहाँ पर मैं बताना चाहूँगा कि हमारे प्यारे श्रोताओं ने कहा है कि च्यांगशी प्रांत के दौरे का विस्तार से उल्लेख करूं। मैंने श्रोताओं के आग्रह पर चीन का भ्रमण कार्यक्रम में एक बार फिर से च्यांगशी के विभिन्न स्थलों का विस्तार से वर्णन कर रहा हूँ। इसलिए हमारे श्रोता च्यांगशी प्रांत के बारे में और विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

चंद्रिमाः मेरे ख्याल से यह तो बहुत अच्छी बात है। श्रोता दोस्तों चीन का भ्रमण कार्यक्रम सुनना न भूलिएगा क्योंकि इसमें आपको च्यांगशी प्रांत का भ्रमण करने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा। अब मैं आज का पहला पत्र पढ़ती हूँ। आज का पहला पत्र है विजयवाड़ा के सी.आर.आई. लिस्नर्स कल्ब की अध्यक्ष रहमतुन्निसा का। उन्होंने लिखा है कि श्रोता वाटिका पर हमारी राय यह है कि आप सी.आर.आई. के श्रोता वाटिका में श्रोताओं के पत्रों के सारांश को, यानि सी.आर.आई. के जो भी श्रोता आप को पत्र लिखते हैं, उन्हीं पत्रों के सारांश को छापें। जिससे हम लोगों को अन्य श्रोता मित्रों के सोच व ख्यालों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।

विकासः रहमतुन्निसा जी, आप ने एक बहुत अच्छी राय दी है। हम ज़रूर इस पर ध्यान देंगे। और हमारी पत्रिका श्रोता वाटिका में श्रोताओं के ज्यादा से ज्यादा पत्र शामिल करेंगे।

चंद्रिमाः इस में उन्होंने यह भी लिखा है कि चीन का भ्रमण कार्यक्रम में आप मकाओ, हांगकांग और थाइवान् के बारे में भी जानकारी दिया करें। और सी.आर.आई. के हिन्दी कार्यक्रम में एक नया कार्यक्रम शामिल करना चाहिए, जिस का नाम है हम और हमारी सेहत। इस कार्यक्रम में लोगों को स्वास्थ्य रहने के उपाय व बीमारियों की रोकथाम के बारे में जानकारियां दी जा सकती हैं।

विकासः रहमतुन्निसा बहन, आप ने बिल्कुल सही कहा। चीन का भ्रमण कार्यक्रम में उक्त तीन स्थानों से जुड़ी रिपोर्ट सचमुच बहुत कम है। हमें मकाओ, हांगकांग व थाइवान के बारे में ज्यादा परिचय देना चाहिये। क्योंकि वे क्षेत्र भी चीन की अभिन्न भूमि हैं। अगर भविष्य में हमारे हिन्दी विभाग के संवाददाता को उन जगहों का दौरा करने का मौका मिलेगा, तो हम ज़रूर इस के बारे में जानकारियां देंगे। और नये कार्यक्रम की चर्चा में हम यह कहना चाहते हैं कि इस वर्ष के मार्च से हमारे कार्यक्रम में कुछ फेरबदल हुआ है। इसलिये शायद आजकल नये कार्यक्रम शामिल करने में मुश्किल हो सकती है। पर अगर आपकी सेहत में बड़ी रुचि है, तो आप हमारा कार्यक्रम न्यूशिंग स्पेशल सुन सकती हैं। इस में सेहत से जुड़े कुछ विषय भी शामिल हैं।

चंद्रिमाः रेडियो कार्यक्रम के अलावा हमारे वेबसाइट पर भी हमारे श्रोताओं ने कुछ अच्छी राय दी है। रामपुरा फूल , पंजाब के हमारे श्रोता श्री पाल गर्ग ने हमें भेजे पत्र में लिखा है कि पेइचिंग में पहला अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल हो रहा है, पर आपकी वेबसाइट पर इसकी कोई जानकारी नहीं है , ऐसा क्यों ? यह फेस्टिवल वर्ष 2011 के 23 अप्रैल से 28 अप्रैल तक हो रहा है तथा इसमें जेकी चैन को इमेज एम्बेसडर बनाया गया है। कृपया इन्टरनेट श्रोताओं को भी इसकी जानकारी अपनी वेबसाइट में जरुर दें। क्योंकि हम जैसे बहुत से श्रोता हैं, जो रोजाना किसी कारण से रेडियो नहीं सुन सकते, पर नेट एक्सेस कर सकते हैं, सो इस पर सारी जानकारी जरुर अपनी साईट में डालें, धन्यवाद। आपकी बोआओ एशिया मंच पर कवरेज बहुत बढ़िया रही तथा प्रोग्राम के परिवर्तन का हम स्वागत करते हैं। हम सभी क्लब सदस्यों को आज का तिब्बत एवं चीन का भ्रमण बहुत पसंद हैं। और अंत में आप सभी सदस्यों के अच्छे प्रसारण के लिए धन्यवाद करता हूँ।

विकासः श्री पाल गर्ग जी, हमें बहुत खुशी हुई कि आप को चीन में हुए इस फ़िल्म फ़ेस्टिवल का बड़ा शौक है। साथ ही माफ़ कीजिये कि हमने इस गतिविधि पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लिजिए आपके अनुरोध पर इसके बारे में श्रोताओं को कुछ जानकारी देते हैं । पहला पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म फ़ेस्टिवल 23 अप्रेल को राष्ट्रीय रंगमंच में उदघाटित हुआ। इस फ़ेस्टिवल में 22 अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म फ़ेस्टिवल के अध्यक्ष व उच्च स्तरीय व्यक्ति शामिल थे। उन के अलावा जैकी चेन, च्यांग ज़ ई, ली मिंग व चे थाए श्येन आदि सुपर स्टार भी इस में उपस्थित थे। फ़िल्म फ़ेस्टिवल के दौरान विश्व के 42 देशों व क्षेत्रों की 160 फ़िल्में पेइचिंग में दिखाई गयीं। देश-विदेश प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक मंच पर नौ विश्व प्रसिद्ध निर्देशकों ने विचार-विमर्श किया। और अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म फ़ेस्टिवल के अध्यक्ष मंच पर 22 अध्यक्षों व अंतर्राष्ट्रीय महमानों ने अपने अपने सफल अनुभवों को भी शेयर किया। यह फ़ेस्टिवल देश-विदेश की फ़िल्म जगत का एक बड़ा मिलन समारोह ही है। लगभग 70 हजार लोगों ने इस फ़िल्म फ़ेस्टिवल में भाग लिया।

चंद्रिमाः यह फ़िल्म फ़ेस्टिवल सचमुच बड़ी धूमधाम से आयोजित हुआ। श्री पाल गर्ग जी ने अपने पत्र में विशेष तौर पर चीनी फ़िल्म स्टार जैकी चेन की चर्चा की है। मेरे ख्याल से वे ज़रूर जैकी चेन को बहुत पसंद करते हैं। पर आप शायद यह नहीं जानते कि फ़िल्म स्टार के अलावा जैकी चेन एक गायक भी हैं। तो आज हम खास तौर पर उनके लिये जैकी चेन द्वारा गाया गया एक गीत प्रस्तुत करेंगे। गीत के बोल हैं सरसों का फूल, जो फ़िल्म महान सैनिक व कमज़ोर सेनापति का शीर्षक गीत है। इस गीत में गायक ने युद्ध के खिलाफ़ और शांतिपूर्ण जीवन बिताने की आशा जताई है। अब लीजिये सुनिये यह गीत।

विकासः चंद्रिमा जी, हालांकि ब्रिक्स देशों का सम्मेलन समाप्त हुआ है, लेकिन इस के बारे में हमारे श्रोताओं की चर्चा अभी तक समाप्त नहीं हुई। अमिलो आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से सन राईस रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद आज़मी ने हमें भेजे पत्र में यह कहा है कि ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक पहली बार एशिया व विश्व में सब से तेजी से आर्थिक विकास कर रहे चीन में आयोजित हुई ,जिस से ब्रिक्स के सदस्य देशों को प्रेरणा मिलेगी। चीन व भारत दोनों देशों के नेताओं ने ब्रिक्स देशों के अन्य नेताओं के साथ अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक, आर्थिक व वित्तीय परिस्थितियों, विकास के सवाल और आपसी आर्थिक सहयोग पर विचार-विमर्श किया। मैं समझता हूँ कि इस सम्मलेन के माध्यम से चीन और भारत और करीब आयेंगे। वास्तव में ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक की सख्त ज़रुरत थी। अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण सवालों पर समन्वय मजबूत करने, सदस्य देशों के कूटनीतिक, वित्तीय, कृषि व शहर प्रबंधन विभागों को आपस में आवाजाही व सहयोग बढ़ाने के लिए यह वार्ता ज़रूरी थी। हमें इस सम्मलेन पर सी आर आई की कवरेज बहुत पसंद आ रही है।

चंद्रिमाः बहुत-बहुत धन्यवाद, शाहिद आज़मी जी। हालांकि इस वर्ष वे हमारे मोनिटर नहीं बने, पर वे लगातार सक्रिय रूप से हमारे कार्यक्रम सुनते रहते हैं, और बारी-बारी से हमें पत्र भेजते हैं। विकास जी, हम आज़मी के लिये ताली बजाएं।

विकासः अच्छा, आशा है कि हमारे सभी श्रोता आज़मी जी की तरह हमेशा सी.आर.आई. का समर्थन देते रहेंगे। अब हम एक और पत्र पढ़ते हैं, जो मोहल्ला पढिन दरवाज, औरैया, उत्तर प्रदेश के माओ त्से तुंग रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष कालका प्रसाद कीर्ति द्वारा लिखा गया है।

चंद्रिमाः इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि निवेदन है कि दिनांक 26 जनवरी वर्ष 2011 को नितिन गडकरी की बातचीत आप ने प्रसारित की, वह मुझे चौंकाने वाली लगी। भाजपा का अध्यक्ष गडकरी प्रगतिशील विचार धारा के हैं, उन्होनें अपनी पार्टी से हटकर ब्यान दिया। जिसे सुनकर खुशी हुई।

विकासः साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि चीनी पंचांग के नव वर्ष की शुभकामनाएं। चीन इस समय अपने घरों की सफ़ाई व लाल रंग से अनेक तरह के गोले, चित्र बनाकर तैयारी कर रहा है। खरगोश वर्ष सभी चीनी भाइयों को सुख समृद्धि लाये। ऐसी मेरे कल्ब की ओर से शुभ कामनाएं स्वीकार हों।

चंद्रिमाः बहुत-बहुत धन्यवाद, प्रसाद कीर्ति जी। हालांकि आप की शुभकामनाएं ज़रा देर से हमारे पास पहुंची। पर कोई बात नहीं, हम सी.आर.आई. के प्रति आप का प्रेम व समर्थन महसूस कर सकते हैं।

विकासः अच्छा, अब अगला पत्र है गरहिया, पिपराही, शिवहर, बिहार के ऐतमाद लिस्नर्स क्लब के हमारे श्रोता डॉक्टर एम एफ आजम का। उन्होनें हमें भेजे पत्र में लिखा है कि चाइना रेडियो की हिन्दी सेवा के तमाम लोगों को हम अपने श्रोता साथी की तरफ से अच्छा, बेहतर, ज्ञानवर्धक, चीन में तरक्की, तिब्बत की विकास वाली बातें पेश करने के लिये धन्यवाद देता हूं। आवाज़ इतनी साफ़ कि स्थानीय एफ़.एम. भी फेल है। प्रोग्राम इतना अच्छा कि लिखने के लिये शब्द की कमी हो जाती है।

चंद्रिमाः बहुत बहुत धन्यवाद। आज़म साहब, आप के हमारे रेडियो की इतनी बड़ी प्रशंसा के लिये। इस पत्र में उन्होंने यह शिकायत भी की कि वर्ष 2010 में उन्होंने बहुत से पत्र लिखे, लेकिन हमारे कार्यक्रम में इस का उत्तर नहीं मिल पाया। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि अगर हमारा श्रोता क्लब चाइना रेडियो इन्टरनेशनल से पंजीकृत हो जाता, तो हमारे खुशी का ठिकाना नहीं रहता।

विकासः आज़म भाई, क्या आप खुश हैं आज?क्योंकि हम ने न सिर्फ़ हमारे आप का पत्र शामिल किया, बल्कि आप के कल्ब को भी सी.आर.आई. की श्रोता कल्ब लिस्ट में पंजीकृत किया है। तो यह खुशी मनाने के लिये अब हम एक साथ एक मधुर भारतीय गीत सुनेंगे। गीत के बोल हैं कोई मिल गया।

चंद्रिमाः अच्छा, मधुर गीत सुनने के बाद हम पत्र पढ़ने को जारी रखेंगे। खुंती, राँची के सी आर आई हेमरोम लेडिज क्लब की अध्यक्षा सुनीता कुन्डुलना ने लिखा है कि सी.आर.आई. के सभी बहनों व भाइयों को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मुझे आप का भेजा हुआ टी.शर्ट मिला गया है। मैं इसे पाकर बहुत ही खुश हूं, जैसे की मुझे ऑस्कर आवार्ड मिला है। आप सबों को बहुत-बहुत धन्यवाद।

विकासः आप को भी बहुत-बहुत धन्यवाद कुन्डुलना बहन। क्योंकि आप ने सक्रिय रूप से हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भाग लिया। इसलिये आप को पुरस्कार मिलने का मौका प्राप्त हुआ। और हमें बहुत खुशी हुई कि आप सी.आर.आई. का यह उपहार पसंद करती हैं।

चंद्रिमाः विकास जी, इस पत्र में श्रीमती कुन्डुलना ने यह भी लिखा है कि च्यांगशी ज्ञान प्रतियोगिता से जुड़ी रिपोर्ट सुनकर हमें यह पता है कि वहां के निवासी मेहमानों के आने पर गीत गाकर मेहमानों का स्वागत करते हैं। हमारे झारखंड के आदिवासी जनजातियों के बीच भी जब कोई मेहमान आता है, तो शराब व मांस का दौर चलता है, एवं गीत गोविन्द होता है। चीन और भारत की परंपराएं बहुत हद तक मिलती जुलती है। मुझे चीन की कला, संस्कृति, चिकित्सा, विज्ञान व जीवन शैली को जानने की तीव्र जिज्ञासा है।

विकासः कुन्डुलना बहन, आप ने बिल्कुल ठीक कहा। चीन व भारत के बीच बहुत समनाताएं हैं। क्योंकि चीन व भारत पड़ोसी देश हैं, और दोनों पुरातन सभ्यता वाले देश भी हैं। इतिहास के लंबी नदी में दोनों देशों के बीच ज़रूर बहुत आदान-प्रदान किये गये हैं। इसलिये बहुत परंपराएं मिलती जुलती हैं।

चंद्रिमाः श्रोता दोस्तो, अब हम आज का अंतिम पत्र पढ़ेंगे, जो गाजीपूर उत्तर प्रदेश की श्रोता डोली कुमारी गुप्ता द्वारा लिखा गया। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि सी.आर.आई. परिवार नमस्कार। मैं और मेरे भाई आप लोगों के नियमित श्रोता हैं। सी.आर.आई. द्वारा नियमित प्रसारित कार्यक्रम मुझे बहुत रोचक लगती हैं। हम सभी लोग द वर्ल्ड पीस क्लब के सदस्य हैं, जो सी.आर.आई. द्वारा पंजीकृत है। इस के संस्थापक संदीप कुमार हैं, जो पटना बिहार के निवासी हैं। हम लोग प्रायः सी.आर.आई. के कार्यक्रम पर विचार-विमर्श करते हैं। हमारे क्लब में एक बहुत पुराना रेडियो है, जिसके माध्यम से हम सभी लोग आप का कार्यक्रम सुनते हैं। आप की आवाज़ हमें बहुत अच्छी लगती है। आप के द्वारा चीनी भाषा सिखते हैं। कृप्या हमारे पते पर एक किताब भेजने का कष्ट करें।

विकासः डोली जी, हम बहुत खुश हैं कि आप हमारे कार्यक्रम से कुछ आनन्द व जानकारियां प्राप्त कर सकती हैं। आप की इच्छा है कि एक चीनी भाषा सीखने की किताब चाहिए। हालांकि किताब भेजने में हमारे लिये बड़ी तकलीफ़ होती है, पर मैं और चंद्रिमा जी ज़रूर आप की इच्छा पूरी करने की यथासंभव कोशिश करेंगे।

चंद्रिमाः जी हां। अगर मौका मिला, हम ज़रूर ऐसे श्रोताओं, जिन्हें चीनी सीखने का बड़ा शौक है, को एक किताब भेजेंगे।

विकासः इसी के साथ आज का आप का पत्र मिला कार्यक्रम समाप्त होता है। आशा है सभी श्रोता आज के कार्यक्रम से संतुष्ट और आनन्दमय हैं।

चंद्रिमाः अगर हमारे कार्यक्रम पर आप का कोई सुझाव या शिकायत हो, तो हमें पत्र भेजकर ज़रूर बताइये।

विकासः अच्छा, अब विदा लेने का वक्त आ गया है। मैं और चंद्रिमा को आज्ञा दें, नमस्कार।

चंद्रिमाः नमस्कार।

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