चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। अब हमारा नियमित कार्यक्रम आप का पत्र मिला शुरू होता है। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।
विकासः और मैं हूं विकास, नमस्कार।
चंद्रिमाः विकास जी, सुना है कि आजकल भारत में एक परंपरागत त्योहार मनाया जा रहा है। जिसका नाम है रामनवमी, ठीक है न?
विकासः जी आपने बिल्कुल ठीक कहा है। लेकिन आपको कैसे पता चला?
चंद्रिमाः क्योंकि रमना, मुजफ्फरपुर, बिहार के द कोसमोस क्लब के हमारे प्यारे श्रोता मुकेश कुमार ने हमें भेजे पत्र में यह बताया है। और इस पत्र में उन्होंने रामनवमी से जुड़ी बहुत जानकारियां भी दी है। उन्होंने लिखा है कि रामनवमी भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम विष्णु के सातवें अवतार हैं। भगवान राम का जन्म हिन्दू कैलेंडर के चैत्र माह के नवमी को हुआ था इसलिए इस त्यौहार को रामनवमी कहा जाता है। रामनवमी वैश्णव संप्रदाय के हिन्दूओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। भारत के कुछ भाग में यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है और इसे वसंत नवरात्री के नाम से भी जाना जाता है। इस साल यह त्योहार 12 अप्रैल को मनाया गया। विकास जी, आप भी हिन्दू हैं न?भारत में लोग इस दिवस को कैसे मनाते हैं?
विकासः जी हां, मैं भी हर साल रामनवमी की खुशी मनाता हूं। भारत में रामनवमी बडे़ ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन बहुत सारे लोग उपवास रखते हैं। कुछ श्रधालु नौ दिनों तक भी उपवास रखते हैं। मंदिरों में दोपहर को पूजा और आरती की जाती है क्योंकि भगवान राम का जन्म दोपहर को हुआ था। पूजा और आरती समाप्त होने के बाद मंदिर में पुजारी के द्वारा भजन-किर्तन भी किया जाता है। जो लोग पूजा में भाग लेते हैं उन्हें प्रसाद के रूप में मिठाई और फल दिए जाते हैं। बहुत सारे श्रद्धालु रामनवमी की पिछली रात को जगते हैं और हवन करते हैं साथ ही भक्ति गीत भी गाते हैं।
चंद्रिमाः वाह, मेरे ख्याल से इस दिवस पर भारत में ज़रूर बहुत हर्षोल्लास का वातावरण होता होगा । मुकेश कुमार ने भी अपने पत्र में यही लिखा है कि रामनवमी के दिन, सभी राम मंदिर को सुंदर तरिके से सजाया जाता है। भगवान राम और उनकी पत्नी सीता तथा भाई लक्ष्मण को नये वस्त्र और आभूषण से सजाया जाता है। श्रद्धालु अलग-अलग मंदिरों में घुमने जाते हैं और प्रसाद तथा फूल चढाते हैं। मंदिरों में रामायण के कुछ भाग पढे जाते हैं। रामायणों में तुलसीदास द्वारा लिखी गयी रामायण रामचरितमानस सबसे प्रसिद्ध है। रामनवमी के शुभ अवसर पर इस त्यौहार को मनाने के लिए अयोध्या में बहुत सारे श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। पांडेचेरी में भी बहुत सारे श्रद्धालु भगवान राम के मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। शहर में हर्ष और उल्लास के साथ भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण तथा वानरों की सेना की झांकियाँ निकाली जाती है।
विकासः बहुत बहुत धन्यवाद मुकेश भाई, हमें रामनवमी से जुड़ी इतनी अच्छी सूचना देने के लिये। आशा है कि आप और आपके क्लब के सदस्य भी बहुत हर्ष और उल्लास के साथ इस त्योहार की खुशी मनाई होगी। अब हम भी एक भारतीय गीत द्वारा सभी श्रोताओं को रामनवमी की बधाई देंगे। गीत के बोल हैं यह कथा भक्त भगवान की।
चंद्रिमाः अच्छा, अब हम इस मधुर गीत के साथ कार्यक्रम में वापस लौटें। अगला पत्र बामनगर, हुगली , पश्चिम बंगाल के न्यू होरीजन रेडियो लिस्नर्स क्लब के रविशंकर बसु का है।
विकासः पत्र में उन्होंने लिखा है कि मैं सी.आर.आई. का एक पुराना मित्र हूं। वर्ष 1985 में जब मैं स्कूल में एक विद्यार्थी था, तो मैंने शोर्ट वेव रेडियो पर सी.आर.आई. के बंगाली भाषा कार्यक्रम पाया। उसी समय से मैं सी.आर.आई. के अंग्रेज़ी, हिन्दी व बंगाली कार्यक्रम सुनने लगा। हर रात को मुझे सी.आर.आई. के कार्यक्रम सुनने से चीन के बारे में बहुत जानकारियां मिलती हैं। धिरे-धिरे चीन मेरे सपने का देश बन गया। और मैं चीन को बहुत प्यार करता हूं। अब मैं तीन तरीकों से चीन से जुड़ी सूचनाएं प्राप्त कर सकता हूं। पहला, चाइना रेडियो इन्टरनेशनल। दूसरा, श्रोता वाटिका। और तीसरा, सी.आर.आई. की वेबसाइट। मैं सक्रिय रूप से सी.आर.आई. द्वारा आयोजित विभिन्न ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेता हूं। मेरे ख्याल से हर प्रतियोगिता से मैं चीन की बहुत जानकारियां प्राप्त कर सकता हूं। इस बार मैंने सम्मोहक च्यांगशी ज्ञान प्रतियोगिता में भी भाग लिया। आशा है इस बार मैं अपनी आंखों से चीन की सुन्दरता देख सकूंगा।
चंद्रिमाः रविशंकर भाई, आपका हमारे कार्यक्रम को लंबे समय से समर्थन देने का बहुत बहुत धन्यवाद। अब हम सम्मोहक च्यांगशी ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं को चुनने में व्यस्त हैं। क्योंकि हमारे श्रोताओं की संख्या बहुत बड़ी है। लेकिन केवल एक श्रोता ही विशेष पुरस्कार का हकदार होगा जिससे वे चीन की यात्रा कर सकेंगे। यहां मैं सभी श्रोताओं को यह कहना चाहती हूं कि अगर इस बार आप को पुरस्कार नहीं मिला, तो उदास मत बैठिए। मुझे विश्वास है कि अगर आप हमेशा हमारा समर्थन देते रहेंगे, और नियमित रूप से हमें पत्र भेजते रहेंगे, तो सौभाग्य ज़रूर किसी दिन में आपके घर पर पहुंचेगा।
विकासः जी हां। चंद्रिमा जी, आप ने बिल्कुल ठीक कहा। सुभाष चौक, दिसा, गुजरात के हमारे श्रोता दिवादांदी ने हमें भेजे पत्र में कहा कि शांगहाई में मिले, शानदार विश्व मेला नामक ज्ञान प्रतियोगिता के अंतर्गत सी.आर.आई. की ओर से भेजा गया टीशर्ट और गीफ्ट मिला है। जीसके लिये मैं अत्यंत आभारी हूं। सुबह और रात में नियमित रूप से सी.आर.आई. के हिन्दी कार्यक्रम सुनता हूं। विश्व की अनेक भाषाओं से प्रेरीत सी.आर.आई. अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में छाया है, जिसमें वृद्धि हो रही है। भारत और चीन दोनों की विकासशील दोस्ती बढ़ रही है । और प्रगतिशील चीन सांस्कृतिक एवं ईकोनोमी, विज्ञान, सामाजिक क्षेत्र में हमेशा बढ़ता रहे यही शुभकामना है।
चंद्रिमाः आपकी शुभकामना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आजकल चीन व भारत के संबंध दिन-ब-दिन अच्छे व घनिष्ठ हो रहे हैं, और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों का आदान-प्रदान व सहयोग भी बढ़ाये जा रहे हैं। विश्वास है चीन व भारत का भविष्य ज़रूर उज्जवल होगा। पत्र के साथ दिवादांदी जी ने अपना एक फ़ोटो भी भेजा, जिस में वे हमारे द्वारा भेजे गये टी.शर्ट की पोशाक में हैं, जो बहुत अच्छा लगा। हालांकि उन की ऊम्र 65 वर्ष की है, लेकिन इस फ़ोटो से देखने में वे केवल 50 वर्ष के लगभग हैं। यह फोटो बहुत अच्छा लगता है, और मैं ने इसे श्रोता वाटिका की संपादक श्याओ थांग को दे दिया, और श्रोता वाटिका के नये अंक में इसे शामिल करने का सुझाव भी दिया है।
विकासः चंद्रिमा जी, सुना है कि आजकल जापान में फिर कई बार भूकंप आया है। और फ़ुकुशिमा परमाणु संयंत्र दुर्घटना का स्तर भी 7 तक पहुंचा। इससे इस दुर्घटना का स्तर वर्ष 1986 में सोवियत संघ के चेरनोबिल परमाणु संयंत्र दुर्घटना के जैसा हो गया है। परमाणु ऊर्जा सुरक्षा गार्ड कोर्टयार्ड ने कहा कि फ़ुकुशिमा परमाणु संयंत्र ने अधिक रेडियोधर्मी सामग्रियों का व्यापक रिसाव किया। इनसे लोगों के स्वास्थ्य व आसपास के वातावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा। इसलिये फ़ुकुशिमा परमाणु संयंत्र से रिसाव का स्तर 7 तीव्रता यानि सबसे गंभीर स्तर तक पहुंच गया।
चंद्रिमाः यह सचमुच एक बहुत बुरी खबर है। अब न सिर्फ़ जापान के पड़ोसी देश इस मामले पर ध्यान दे रहे हैं, बल्कि सारे दुनिया की नज़र भी जापान के परमाणु रिसाव पर केंद्रित हो गयी है। हमारे कई श्रोताओं ने भी इस की चर्चा में हमें पत्र भेजा।
विकासः जी हां। अब मैं उन में से एक चुनकर पढूंगा। लक्ष्मी नगर, नयी दिल्ली के हमारे पुराने श्रोता अमीर अहमद ने अपने पत्र में यही लिखा है कि जापान में भूकंप आया है, इस का काफ़ी दुख हुआ है। सी.आर.आई. के हिन्दी वेबसाइट पर इस से जुड़ी फ़ोटो देखकर हम सभी को संदेश जाता है कि कभी भी भूकंप का एहसास हो, तो हमें मेज़ या टेबल के निचे छिपना चाहिए। ऐसी कार्रवाई ज्यादा सुरक्षित होती है। बहुत दुख हुआ कि पल भर में कितने लोग दुनिया से चल बसे। अफ़सोस इस प्राकृतिक आपदा से कितने लोग बेकार हो गये, और कितने लोग बेघर हो गये। इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों को हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
चंद्रिमाः जी, आशा है जापानी सरकार ज्यादा लोगों तक परमाणु रिसाव के नुकसान न पहुंचाने की कोशिश कर सकेगी। विकास जी, क्या आप जानते हैं कि पिछले हफ्ते ब्रिक्स देशों की तीसरी शिखर वार्ता व बोआओ एशिया मंच का वर्ष 2011 वार्षिक सम्मेलन क्रमशः दक्षिण चीन के हाएनान प्रांत के सानया शहर में आयोजित हुए हैं?और भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस के लिये चीन की यात्रा की है।
विकासः जी हां। और इस विषय पर मैं ने हमारे श्रोता के साथ बातचीत भी की। अब लीजिये सुनिये आप की आवाज़ ऑन लाइन कार्यक्रम में उन्होनें क्या कहा।
चंद्रिमाः श्रोता दोस्तो, आज का कार्यक्रम यहीं तक समाप्त होता है। अगले हफ्ते हम ठीक इसी समय पर फिर मिलेंगे। अब चंद्रिमा व विकास को आज्ञा दें, नमस्कार।
विकासः नमस्कार।