थांग: यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोताओं को श्याओ थांग का नमस्कार। आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आपका स्वागत है।
विकास:श्रोताओं को विकास का भी नमस्कार। आज के इस कार्यक्रम में सबसे पहले आप सुनेंगे श्रोताओं के पत्रों का उल्लेख, फिर सवाल जवाब, इसके बाद आप से मिले, और अंत में एक मधुर गीत।
थांग:श्रोता दोस्तो, हमारे सी.आर.आई के हिन्दी विभाग के संबंधित नियम के अनुसार, हर वर्ष के मार्च माह से अगले वर्ष के मार्च माह तक हमारे विभाग के एक कर्मचारी विशेष तौर पर श्रोताओं से संबंधित कार्य की जिम्मेदारी उठाते हैं। इन कार्यों में श्रोताओं के साथ संपर्क करना, आपका पत्र मिला कार्यक्रम बनाना और श्रोताओं के संबंधित रायों व सुझावों को इकट्ठा करना और सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताओं से संबंधी कार्य करना इत्यादि है। गत वर्ष के मार्च माह से इस वर्ष के मार्च माह तक मैंने आपलोगों के साथ एक साल का समय बिताया। अच्छी दोस्ती बनायी। इस वर्ष के मार्च से अगले वर्ष के मार्च माह तक चंद्रिमा और विकास श्रोताओं से संबंधित कार्य की जिम्मेदारी उठाएंगे। इस वर्ष आप पत्र, इमेल और फोन के जरिए उन्हें अपने राय व सुझाव बता सकते हैं। हर व्यक्ति के कार्यक्रम बनाने का अलग-अलग तरीका है। इस वर्ष चंद्रिमा और विकास आपका पत्र मिला कार्यक्रम पेश करेंगे। आशा है कि आप पहले की ही तरह चंद्रिमा और विकास का समर्थन करते रहेंगे। आज का यह कार्यक्रम मेरे द्वारा प्रस्तुत अंतिम कार्यक्रम है। मार्च माह से मैं आज का तिब्बत कार्यक्रम संभालूंगी। मैं कोशिश करूंगी कि आप लोगों को तिब्बत से संबंधित ज्यादा से ज्यादा जानकारी दूं और अच्छे से अच्छा कार्यक्रम पेश करूं।
विकास:अच्छा, अब शुरू करते हैं आज का आपका पत्र मिला कार्यक्रम। सबसे पहले हम हमें पत्र भेजे गए कई श्रोताओं के नाम पढ़ेंगे और फिर श्रोताओं के पत्रों का उल्लेख करेंगे। लुधियाना, पंजाब के अक्ष्य वर्टिक;धनबाद झाड़खंड के ललन कुमार सिंह, ढोली सकरा बिहार के दीपक कुमार दास, जयकुमार दास, चंदन दास, उज्जल दास, मिताली दास और हेमचंद्र गुरू;रामपुराफुल बिहार के बलविर सिंह;सागर, मध्य प्रदेश के धर्मेंद्र सिंह;बस्ती, उत्तर प्रदेश के कृष्ण कुमार जायसवाल; प्रमिलागंज आलोट, रतलाम, मध्य प्रदेश के मालवा रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष बलवन्द कुमार वर्मा और राजुबाई, माया वर्मा, राहुल, ज्योति और अतुल;बस्ती, उत्तर प्रदेश के कृष्ण कुमार जेसवाल, उँची तकिया मुबारकपुर आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश के वकार हैदर, और राज जी पुरम कोलोने, लखनउ के युवा दर्पन युथ क्लब के रविंद्र कुमार शुक्ला।
थांग:दोस्तो, आप जानते हैं कि फरवरी की दो से सत्रह तारीख तक चीनी लोगों का परम्परागत त्यौहार वसंत त्यौहार है। मौके पर हमारे कई श्रोताओं ने ईमेल भेज कर बधाई दी। उन में शामिल हैं बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के ग्रीन पीस डी एक्स क्लब के अध्यक्ष चुन्नीलाल कैवर्त, लाहोर, पाकिस्तान के युथ स्टार लिस्नर्स क्लब के मज़हर हाज़मी, अमिलो आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के आलमी रेडियो लिस्नर्स क्लब के मुहम्मद असलम, पंजाब पाकिस्तान के युनिवर्सल लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष मालिक अमीर बसक, जोर्हट, असम के पृथ्वीराज पुर्कयास्था, फतेहपुर-शेखावाटी के प्रमोद माहेश्वरी,नई दिल्ली के मोहम्मद शाहिद आज़मी और अमीर महमद।
दोस्तो, मैं यहां विशेष तौर पर काठमाण्डो नेपाल के सी.आर.आई. श्रोता कल्बों का राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष रमेशकुमार भट्टराई का ईमेल पढ़ कर सुनाऊंगी। उन्होंने लिखा है कि सर्वप्रथम आप और हिन्दी विभाग में कार्यरत समस्त भाइ, बहनो को मेरा प्यार भरा नमस्कार और चीनी जनता का महान पर्व वसंत की हार्दिक हार्दिक शुभकामना। आज खरगोश वरस का पहला दिन फरवरी ३ तारिख । वसंतोत्सव चीन का सबसे महत्वपुर्ण परम्परागत चाड हे । अभि चीनी जनताने वसंतोत्सवकी सात दिनकी लम्बी छुट्टीया मनाना शुरु किया है । इस उत्सव का माहौल दिनोंदिन गाढा होने के साथ साथ चीनी जनता अपना गौरवशाली सभ्यता के संरक्षण में भी लगा हुआ है । पटाखा उड़ाना,मिठी मिठी खाना खाना, रिश्तेदारो के यहाँ जाना और शुभकामना आदान प्रदान करना इस त्योहार की विषेशता है । हमे मालुम है चीनकी शक्ति दिनोंदिन बढ्ती जा रही है और सारा विश्व को स्पष्ट जानकारी है कि चीनी जनता के कठोर परिश्रम और अनुशासन के कारण हि चीन ने अर्थतंत्र,संचार,विज्ञान प्रविधि, कृषि,जलश्रोत आदि क्षेत्रो में बहुत बडा प्रगति किया है । चीन का एक शुभचिन्तक होने के नाते मैं आगामि समय मे चीन का और प्रगति एवम् समृद्घि की शुभकामना देता हुँ । चीनका विकास सारा संसार के हित और शान्तिके लिए है । इसलिए हमे चीन के विकास से गौरव है । हम महान चीनी जनता और चीन सरकार के साथ साथ सी.आर.आई हिन्दी विभाग मे कार्यरत समस्त भाइ,बहनों को लाख लाख शुभकामना देता हुँ कि आप सबका भविष्य और उज्ज्वल बने ।
विकास:हम यहां रमेशकुमार भट्टराई समेत सभी बहनों और भाइयों को धन्यवाद देते हैं। अच्छा अब हम पढ़ेंगे कई श्रोताओं के पत्रों का उल्लेख। विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश के सी.आर.आई श्रोता संघ की सदस्य रहम तुनीसा ने हमे पत्र लिख कर कहा कि आपके प्रसारित होने वाले साप्ताहिक कार्यक्रम न्यूशिंग स्पेशल सुना इस कार्यक्रम के अप्रासंगिक विषय पर ही रिपोर्ट पेश की गई। आप इस साप्ताहिक कार्यक्रम में महिलाओं के समस्याओं से जुड़ी विष्यों पर रिपोर्ट पेश किए बिना, आप इस कार्यक्रम में फालतु विषय, यानी खाना पकाना, जूश बनाना, इस तरह के बेकार के विषयों पर ही आप समय बरबाद कर रहे हैं। हमारा मतलब है कि आज भी चीनी समाज में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में आजकल महिलाओं को पुरूषों की तुलना में दूसरे दर्जे की तरह ही देखा जा रहा है। भारत जैसी महान देश में अगर महिलाएं ब्याह करके वह अपने ससुराल जाती है, तो उस महिला को अपने ससुराल वाले अपनी बेटी की तरह न समझते हुए एक नौकरानी की तरह उसके साथ बर्ताव करते हैं और समय समय पर दहेज के लिए उसे प्रताड़ित भी करते हैं। इसी तरह अफ्रीकी देशों में रहने वाले महिलाओं पर होने वाले दुरव्यवहारों पर भी रोशनी डालते हुए आप इस विशेष कार्यक्रम में रिपोर्टें प्रसारित करके इस कार्यक्रम सुनने वाली महिलाओं में इस बात की जागरूकता पैदा किजीए। महिलाओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा किजीए। हम आशा करते हैं कि आप हमारे इस सुझाव पर ध्यान देंगे और आप हमारे इस सुझाव पर अपनी राय से हमें अवगत कराएंगे।
थांग:रहम तुनीसा बहन, आपका सुझाव बहुत अच्छा है। वर्तमान में विश्व में महिलाओं का स्थान दिन ब दिन उन्नत हो रहा है, लेकिन फिर भी कई पिछड़े जगहों में महिला और पुरूषों के बीच भारी फर्क मौजूद है। मेरा विचार है कि अगर सब महिलाएं शिक्षा लेकर अपने अधिकार की रक्षा करने की जागरूकता उन्नत करेंगी, तो उनका जीवन और मधुर होगा। आपने भार में जो स्थिति कही थी, वह मौजूद ही है, मेरा विचार है कि इधर के वर्षों में भारतीय समाज का भी तेज़ विकास हुआ है। महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने की घटना कम हो रही है। हम आपके सुझाव को महिला कार्यक्रम बनाने वाली उदघोषिका को बताएंगे और आशा है कि हम अच्छे से अच्छा कार्यक्रम बनाकर हमारे श्रोताओं को विशेष तौर पर हमारे महिला श्रोता बहनों के लिए पेश करेंगे।
विकास:अच्छा दोस्तो, अब देखेंगे अमिलो, आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के आल्मी रेडियो लिस्नर्स क्लब के श्रोता भाई मोहमद अस्लम का पत्र । असलम भाई हमारे बहुत सक्रिय श्रोता हैं। वे हर रोज़ हमारा कार्यक्रम सुनकर ईमेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया बताते हैं। कुछ दिन पहले हमारे कार्यक्रम में विश्व हिन्दी दिवस के संदर्भ में एक विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। भाई अस्लम ने इसे सुनकर जल्द ही हमें ईमेल भेजा और कहा कि जनवरी की 12 तारीख को एक विशेष कार्यक्रम सुना, जिसमें कहा गया कि चीन में विश्व हिन्दी दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। उसका एक अंश श्याओ थांग ने पुरी जोश से सुनाया। यह प्रोग्राम बहुत ही पसंद आया। मालूम हुआ कि चीन में आठ विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा सिखाई जा रही है। यह जानकर बहुत खुशी हुआ और चीनी गायिका से हिन्दी में गाना सुना, जो हर्ष की बात है। आपने बहुत ही अच्छा प्रोग्राम पेश किया।
थांग:मोहम्मद अस्लम भाई, यहां हम आप को धन्यवाद देते हैं कि आप बहुत सक्रिय रूप से हमारा कार्यक्रम सुनते हैं और सी.आर.आई हिन्दी का समर्थन करते हैं। हर रोज़ मैं सी.आर.आई के मेल बोक्स की जांच करती हूँ और रोज़ आपका मेल पढ़ती हूँ। मुझे बहुत खुशी है कि आप जैसे श्रोता हमेशा हमारे साथ हैं। आपके हर ईमेल का जवाब मैं ने नहीं दिया है। लेकिन दिमाग में हमेशा आपके मेल की बातें रहती हैं। आजकल चीन और भारत का विकास लगातार बढ़ रहा है, हमारे दोनों देशों के ज्यादा से ज्यादा शक्तिशाली होने के साथ-साथ अधिक से अधिक लोग चीनी व हिन्दी सीख रहे हैं। यह हमारे दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। वर्तमान में चीन और भारत के बीच विभिन्न जगतों के आदान प्रदान में निरंतर वृद्धि हो रही है। द्विपक्षीय आवाजाही की मज़बूति के दौरान भाषा अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तरह हिन्दी सिखने वाले चीनियों और चीनी सीखने वाले भारतीयों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हमें पक्का विश्वास है कि हिन्दी और चीनी दोनों भाषाओं के विकास का भविष्य और उज्ज्वल होगा।
विकास:होवराह, कोलकाता के अमिट भट्टाचार्य ने हमें पत्र भेजकर दो कविताएं लिखीं। यहां हम एक कविता पढ़कर सुनाएंगे। कविता के नाम है प्रकृति का संदेश, जो इस प्रकार है
नदी कहती है सदा चलते रहो
झरना कहता है सदा झरते रहो
हवा कहता है सदा बहते रहो
लहरें कहती है सदा उठते रहो
फुल हंसने खिलखिलाने को कहते हैं
भंवरें गुनगुनाने को कहते हैं
फलदार वृक्ष विनम्र बन जाने को कहते हैं
पक्षी चहचहाने को कहते हैं
ये ढिमढिमाते तारे प्यारे
बिखराते सुन्दर नजारे
सुर्य फैलाता जगत में
अपना अदभुत तेज़
चांद, अपनी खिड़की से
हर रात खूबसुरती बनाता
प्रकृति का कण-कण अनुपम अद्वितीय
अपने आप में है कुछ कह जाता
है मानव, तु कर उपकार
प्रकृति का संदेश
हर उपादान हम तक पहुंचाता है
विकास:अच्छा दोस्तो, अब समय आ गया है सवाल जवाब का। उंची तकिया, मुबारकपुर उत्तर प्रदेश के लवर्स रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष फातेमा सोगरा ने पत्र भेजकर सवाल पूछा है कि शांगहाई की किस सड़क को चीन की पहली वाणिज्यिक सड़क कहा जाता है?श्याओ थांग जी, आप इस सवाल का जवाब बताइए।
थांग:अच्छा। दोस्तो, शांगहाई शहर चीन में सबसे बड़ी वित्तीय राजधानी के रूप में विश्वविख्यात है। यहां चीन का वाणिज्यिक केंद्र भी है। शांगहाई में कई वाणिज्यिक सड़क देश विदेश में मशहूर है, जिन में नानचिन सड़क, ह्वाइहाई सड़क, श्युच्याह्वेई वाणिज्य केंद्र, छङ ह्वांगम्याओ वाणिज्य केंद्र और छीफू सड़क आदि शामिल हैं।इन वाणिज्यिक केंद्रों में नानचिन सड़क सबसे विख्यात है। शांगहाई के बाहरी लोगों का कहना है कि अगर नानचिन सड़क नहीं जाते, तो मतलब है कि शांगहाई की यात्रा नहीं करते। विदेशियों का कहना है कि अगर नानचिन सड़क नहीं जाते, तो चीन की सैर भी नहीं करते ।"चीन में पहला वाणिज्यिक सड़क"के नाम से मशहूर नानचिन सड़क शांगहाई शहर का द्योतक ही नहीं, उपभाग और विभिन्न गतिविधियां चलाने का केंद्र भी बन गया है। नानचिन सड़क में बड़ी-बड़ी कंपनियां होने के साथ-साथ कई पैशेवर व विशेष वाणिज्यिक दुकानें उपलब्ध हैं। यहां सौ वर्ष इतिहास वाली दुकानों के साथ नई वाणिज्यिक ईमारतें भी हैं। पांच किलोमीटर की सड़क पर लोगों को पैदल खरीदारी करते हैं। दुकानों में रंगबिरंगी वस्तुएं बेची जाती है। आज नानचिन सड़क शांगहाई वाणिज्य का प्रतीक बन गया है। इस शहर आने वाले व्यापारी और पर्यटक जरूर यहां आकर घूमते हैं और कुछ खरीदारी करते हैं।
विकास:अच्छा अब हम देखेंगे ऊंची तकिया मुबारकपुर, उत्तर प्रदेश के पैगाम रेडिया लिस्नर्स क्लब के दिलशाद हुसैन का सवाल। उन्होंने पत्र भेजकर सवाल पूछा है कि ओलंपिक खेलों में पदक प्राप्त करने वाली प्रथम चीनी महिला कौन थी?
थांग:दोस्तो, इधर के वर्षों में औलंपिक खेलों में चीनी खिलाड़ियों ने अच्छे से अच्छी उपलब्धियां हासिल किया है। पता चला है कि वर्ष 2008 के पेइचिंग ओलंपिक खेल समारोह में चीनी खिलाड़ियों ने कुल एक सौ पदक हासिल किया, जिन में 51 स्वर्ण पदक, 21 रजत पदक और 28 कांस्य पदक शामिल था। स्वर्ण पदकों की संख्या सबसे ज्यादा है। चीनी ओलंपिक इतिहास में पदक प्राप्त करने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी चीन के थाईवान प्रांत से है। चीचङ नामक खिलाड़ी ने वर्ष 1968 में मैक्सिको शहर में आयोजित 19वें ओलंपियाड के ट्रैक और फील्ड के 80 मिटर बाधा दौड़ इवेंट में कांस्य पदक हासिल किया, जो चीनी ओलंपिक खेल समारोह के इतिहास में पदक प्राप्त करने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई। चीचङ का जन्म 15 मार्च 1944 में थाईवान प्रांत के शिनचू कांउटी के क्वानशी जिला में हुआ था।
विकास:अच्छा दोस्तो, अब समय आ गया है आप से मिले। आप जानते हैं कि इधर के वर्षों में चीन और भारत ने पारस्परिक मैत्री को आगे बढ़ाने के लिए सिलसिलेवार कदम उठाए। इन में दोनों देशों के युवाओं को बुलाकर एक दूसरे की यात्रा करना शामिल है। गत वर्ष भारतीय युवा प्रतिनिधि मंडल की चीन यात्रा के दौरान हमारी संवाददाता श्याओ थांग ने भारतीय युवा प्रतिनिधि आचल पुरी से के साथ एक साक्षात्कार किया। अब सुनिए इस बातचीत का मुख्य अंश।
थांग:अच्छा दोस्तो, आज का यह कार्यक्रम समाप्त होनों के पूर्व आप सुनेंगे एक मधुर गीत। फिल्म《हम दिल दे चुके सनम》का"निम्बुड़ा"नामक गीत।
विकास:अच्छा दोस्तो, आज का कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। अब श्याओ थांग और विकास को आज्ञा दें, नमस्कार।
थांग:नमस्कार।