अनिल:यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोताओं को अनिल का प्यार भरा नमस्कार। आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आपका स्वागत है।
थांग:श्रोताओं को श्याओ थांग का भी नमस्कार। आज के इस कार्यक्रम में सबसे पहले हम"मैं सछ्वान जाना चाहता हूँ" प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विजेताओं की नामसूची घोषित करेंगे। इसके बाद श्रोताओं के पत्रों का उल्लेख और सवाल जवाब, अंत में आपसे मिले।
अनिल:अच्छा, मुझे काफी खुशी हो रही है "मैं सछ्वान जाना चाहता हूँ"प्रतियोगिता के विजेताओं के नाम घोषित करने में, पहला पुरस्कार जीतने वाले दस विजेता हैं:डोमानपुरा, मऊनाथभंजन, उत्तर प्रदेश के मोहमद अरिफ़ अंसारी;मुहला नबी नगर, गाज़ियाबाद, लाहौर , पाकिस्तान के मुहम्मद ज़ुबैर;न्यू मिरज़लगुड़ा हैदराबाद, आंध्र प्रदेश के सीआरआई लिस्नर्स क्लब की पी. श्रीलक्ष्मी रेड्डी;सोनपुरी, बिलासपुर छत्तीसगढ़ के ग्रीन पीस डी-एक्स क्लब के अध्यक्ष चुन्नीलाल कैवर्त;सासाराम, बिहार के श्याम जी तिवारी;जहांगीरपुरी दिल्ली के रवि शंकर तिवारी;शिवाजी चौक, कटनी, मध्य प्रदेश के जिला रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष अनिल ताम्रकार;रामप्रिय रोड, प्रयाग स्टेशन, इलाहाबाद के इन्टरनेशनल फ़्रेन्डस क्लब के रवि श्रीवास्तव;मालथोने मध्य प्रदेश के सत्य स्वर श्रोता क्लब के धर्मन्द्र सिंह;ललिता पार्क लक्ष्मी नगर दिल्ली के अमीर अहमद।
थांग:अच्छा, अब मैं पढ़ूंगी"मैं सछ्वान जाना चाहता हूँ"प्रतियोगिता के पंद्रह दूसरा पुरस्कार जीतने वाले श्रोताओं की नामसूची। वे हैं:कोरेया, छत्तीसगढ़ के अरुन कुमार रामटेके;फुलिया नदिया पश्चिम बंगाल के धीरेन बसक;लतिफ़ाबाद हैदराबादद पाकिस्तान के स्काई वेव लिस्नर्स क्लब के हसन रफ़ीक;मुरशिदाबाद पश्चिम बंगाल के मिताली लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष शिवेन्दू पौल;बेलगौम, कर्नातक के यूथ रेडियो लिस्नर्स क्लब के सलीम अब्बास देसाई;नल्बरी असम के प्रशांत दत्ता;रोहतास बिहार के बम्बईया रेडियो क्लब के बेलाल बम्बईया;हुगली पश्चिम बंगाल के रविशंकर बसु;दक्षिण मिदनापुर पश्चिम बंगाल के रेडियो लिस्नर्स क्लब के रतन कुमार पौल;जुगसलाई टाटानगर झारखण्ड के इन्द्रपाल सिंह भाटिया;खाइरपुर मिरस, सिंध पाकिस्तान के शाहनवाज़ जिस्कनी;कोआथ रोहतास, बिहार के कहकशां रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष हाशिम आज़ाद;जमशेदपुर झारघण्ड के एस.बी. शर्मा;मुज़फ़्फ़रपुर बिहार के दी. कोस्मोस क्लब के मुकेश कुमार और मुबारकपुर आज़मगढ़ अत्तर प्रदेश के अली रेडियो लिस्नर्स क्लब के मुहर्रम अली।
अनिल:अच्छा, अब मेरे हाथ में सूची है तीसरा पुरस्कार जीतने वालों की:कोम्ना ओड़िसा की मिथुनी नाइक;कोआथ रोहतास बिहार के फ़्रेन्डशिप रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष सैयद अली सईद;सैदापुर अमेठी सुलतानपुर उत्तर प्रदेश के मित्र रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार द्विवेदी;रतलाम मध्य प्रदेश के मालवा रेडियो श्रोता संघ के बलवन्त कुमार वर्मा;गोरखपुर उत्तर प्रदेश की शकुन्तला अनजान;बालाघाट मध्य प्रदेश के डाक्टर प्रदीप मिश्रा;मऊ उत्तर प्रदेश के गोल्डन रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष राजेश कुमार वर्मा;समस्तिपुर बिहार के इन्टरनेशनल रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष पी.सी. गुप्ता;ढोली सकरा मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार के अपोलो रेडियो लिस्नर्स क्लब के हेम चंद्र गुरू;रामपुराफूल बतचिन्ता पंजाब के इकतार सिंह;सोन्धो वैशाली बिहार के मुकेश कुमार अंशु;नवगौव बंगलादेश के फ़्रेंड्स रेडियो क्लब के अध्यक्ष दिवान रफ़िग इस्लाम राना;मोराग बिरत नगर नेपाल के फ़्रेंडशिप रेडियो क्लब के उमेश रेगमी;वैजनाथ महाराष्ट्र के मार्कोनी डी.एक्स. क्लब के संदीप जावले;शेखावाटी सीकर राजस्थान के प्रमोद माहेश्वरी;शाहबाज़ार हुब्ली कर्नाटक के बेल्लरी रेडियो लिस्नर्स क्लब के मोहमद इल्यास आर. बेल्लरी;नुआपड़ा ओड़िसा के यूथ रेडियो क्लब के बंसीधर साहु;मुबारकपुर आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के आर्जू रेडियो लिस्नर्स क्लब के तलत फ़ातेमा आर्ज़ू;उज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के समी रेडियो लिस्नर्स क्लब के असमी तथा पूर्वी चम्पारण, बिहार के बिहार रेडियो श्रोता संघ के मेजर विमलेन्दर विकल।
थांग: अच्छा दोस्तो, "मैं स्छ्वान जाना चाहता हूँ" प्रतियोगिता के पहले, दूसरे एवं तीसरे पुरस्कार विजेताओं की सूची यही समाप्त होती है। हम पुरस्कार हासिल करने वाले सभी श्रोताओं को बधाई देते हैं। आशा है कि आप आगे भी सी.आर.आई हिन्दी सेवा द्वारा आयोजित अन्य प्रतियोगिताओं में सक्रिय रूप से भाग लेंगे और पुरस्कार भी जीतेंगे। उम्मीद है कि दूसरे श्रोता भी हमारी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे और पुरस्कार भी हासिल करेंगे। अगले हफ्ते हम"शांगहाई विश्व मेले"ज्ञान प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार जीतने वाले श्रोताओं की नामसूची घोषित करेंगे, आप इसे सुनना न भूलिएगा।
अनिल:अच्छा, अब आज के कार्यक्रम का अगला भाग शुरू होता है। हम देखेंगे कई श्रोताओं के पत्र । मुबारकपुर, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के दानिश रेडियो लिस्नर्स क्लब के मोहम्मद दानिश आज़मी और साथी इज़हार अहमद अन्सारी, मोहम्मद हसन अन्सारी, हेना परवीन, तन्ज़ीम फातिमा अन्सारी और एलिना परवीन आदि ने दिल्ली स्थित हमारे संवाददाता हूमिन के नाम पत्र भेजकर कहा कि हम सभी क्लब मिलकर नियमित रूप से रोज़ाना सी.आर.आई. हिन्दी सेवा से प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रम को कई वर्षों से सुनते आ रहे हैं। सभी कार्यक्रम बहुत ही अच्छे हैं, जो हमारे लिए बहुत ज्ञानवर्धक होते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सीआरआई दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करे और पूरी दुनिया में बस चाइना रेडियो का ही नाम गूंजे। हम अन्य लोगों को भी कार्यक्रम सुनने के लिए प्रेरित करते हैं और दूर दराज के इलाकों में जाकर रेडियो चाइना को लोकप्रिय बनाने की कोशिश करते रहते हैं। हमें चीन के बारे में जानने को बहुत अधिक हासिल है, जब से हमने आपके कार्यक्रमों के बारे में जाना है, तब से यह हमारी जिन्दगी का एक हिस्सा बन गया है। सी.आर.आई के कार्यक्रमों से हमें जो जानकारी मिलती है, उसे हम शब्दों में बयान नहीं कर सकते ।
थांग: मोहम्मद दानिश आज़मी और दानिश रेडियो लिस्नर्स क्लब के सभी सदस्यों को मैं धन्यवाद देना चाहती हूं कि आप हमारे कार्यक्रमों से जुड़े रहते हैं। आपके सुझावों व प्रतिक्रिया से हमें प्रेरणा मिलती है। आशा है कि हमारे और श्रोताओं के बीच संबंध और घनिष्ठ होगा और दोस्ती मज़बूत होगी। अच्छा अब मैं पढ़ती हूँ भागलपुर बिहार के प्रियदर्शनी रेडियो लिस्नर्स क्लब के हेमंत कुमार और अन्य सदस्यों का पत्र, जिसमें उन्होंने पत्र भेजकर कहा कि हम हिन्दी सेवा के नियमित, जागरूक व पुराने श्रोता हैं। कार्यक्रम सुनकर समीक्षात्मक पत्र नियमित रूप से लिखते हैं। आप हमारे पत्रों को कार्यक्रम में शामिल भी करते हैं। यह खुशी की बात है। सी.आर.आई. हिन्दी विश्व की सर्वश्रेष्ठ व भारत चीन मैत्री का प्रतीक है। आपके प्रसारण की गुणवत्ता उच्च स्तर के होते हैं। हम हिन्दी सेवा परिवार को धन्यवाद देते हैं कि कड़ी मेहनत कर अच्छा कार्यक्रम प्रसारित करते हैं। लेकिन हमारे क्लब के लिए दुख की बात यह है कि कई बार निवेदन करने के बाद भी पत्रिका श्रोता वाटिका, निशुल्क लिफ़ाफ़ा, प्रतियोगिता के प्रश्न व अन्य सामग्री हम नहीं पहुंची। कृपया इस पर ध्यान दें। हेमंत कुमार और प्रियदर्शनी रेडियो लिस्नर्स क्लब के सभी बहनों व भाइयों, हमारे कार्यक्रमों के समर्थन के लिए आपका धन्यवाद। बाद में आप लोगों को श्रोता वाटिका समेत सामग्रियां जरूर भेज देंगे। आपके नए पत्रों के इनतज़ार में हैं।
अनिल:शिहोर, गुजरात के भकवाणा विशालकुमार धीरूभाई ने हमारे नए श्रोता हैं, उन्होंने पहली बार हमें पत्र भेजा है, वे कहते हैं मैं आपका कार्यक्रम छह महीनों से ज्यादा समय से नियमित रूप से सुन रहा हूं। मुझे आपके सभी कार्यक्रम बहुत पसंद आते हैं। इनमें सच्चा प्यार महसूस होता है। आप बड़े ही अच्छे अंदाज में कार्यक्रम पेश करते हैं। आप जैसे दोस्त को पाकर मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। आप लोग जब कार्यक्रम सुनवाते हैं, उनमें कुछ अनोखा जादू होता है। हम जैसे चीन की सैर कर रहे हैं। मुझे युवा प्रतिनिधि मंडल की सोनम कुमार की बातचीत बहुत बढ़िया लगी। मैं आपकी पसंद, न्युशिंग स्पेशल, गीत संगीत आदि पर आधारित कार्यक्रम ज्यादा पसंद करता हूँ। मैं आप सभी को दिल से बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप ऐसे ही अपने श्रोता को अपनी तरफ़ आकर्षित करते रहेंगे। चीन और भारत की दोस्ती हमेशा के लिए बनी रहेगी। सी.आर.आई हिन्दी सेवा के नए श्रोता के रूप में हम भकवाणा विशालकुमार धीरूभाई का स्वागत करते हैं। आशा है हमारे हिन्दी सेवा को जोड़ने के पहले दिन से ही और आप और हमारे बीच की दोस्ती जिन्दगी भर कायम रहेगी। हमें आपके नए पत्रों के इन्तज़ार रहेगा।
थांग:मालथोन, मध्य प्रदेश के धर्मन्द्र सिंह ने पत्र के साथ गणेश जी का एक पोस्ट कार्ड भी भेजा है, जिसमें लिखा है कि भारतीय संस्कृति में श्री गणेश भगवान का विशेष महत्व माना जाता है। छोटा हो या बड़ा, गरीब हो या अमीर, कोई भी कार्य शुरू करने से पहले श्री गणेशाय नमाः कहकर संवोधित किया जाता है। भारतीय संस्कृति में ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से या श्री गणनेश की प्रतिमा स्थापना से विघ्न बाधा टल जाती है। धर्मन्द्र सिंह जी का पोस्ट कार्ड बहुत सुन्दर है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
अनिल:अच्छा दोस्तो, अब समय आ गया है सवाल के जवाब का। अब हम पढ़ेंगे कोआथ, बिहार के हाशिम आज़ाद का सवाल। उन्होंने चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बारे में कई सवाल पूछे हैं, जिनमें तिब्बत के विकास पर चीन सरकार ने प्रतिवर्ष कितना धन खर्च करने की योजना बनाई है?तिब्बती लोगों में साक्षरता का क्या प्रतिशत है?तिब्बत में कॉलेजों की संख्या कितनी है?आदि शामिल हैं। श्याओ थांग जी, आप हाशिम आज़ाद के इन सवालों का जवाब दीजिए।
थांग:अच्छा, जरूर। वर्ष1959 तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में लोकतांत्रिक सुधार किए जाने के बाद पिछले 50 से ज्यादा वर्षों में चीन की केंद्र सरकार तिब्बत के विकास के लिए सिलसिलेवार उदार नीतियां अपनाई और जबरदस्त वित्तीय समर्थन किया। आंकड़ों के अनुसार बुनियादी संस्थापनों के निर्माण के क्षेत्र में वर्ष 1951 से 2008 तक चीन ने एक खरब य्वान से ज्यादा की राशि खर्च की। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना(यानी वर्ष 2006 से वर्ष 2010 तक) लागू किए जाने के पांच वर्षों में वर्ष 2008 तक केंद्र सरकार ने तिब्बत की सहायता के लिए 62 अरब 50 करोड़ दस लाख य्वान दिया, जो दसवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान केंद्र सरकार द्वारा तिब्बत को प्रदत्त कुल राशि 37 अरब 80 करोड़ युवान से 24 अरब 70 करोड़ ज्यादा है। चीन सरकार के जबरदस्त वित्तीय समर्थन से तिब्बत का जोरदार विकास हो रहा है और स्वायत्त प्रदेश की वित्तीय शक्ति साल ब साल बढ़ती जा रही है। तिब्बत के शिक्षा क्षेत्र में भी भारी परिवर्तन आया है। तिब्बती लोगों के शिक्षा स्तर लगातार उन्नत हो रहा है। प्राइमरी स्कूल में बच्चों की दाखिला दर वर्ष 2003 के 91.8 प्रतिशत से बढ़कर 98.5 प्रतिशत तक पहुंच गई, जबकि मिडिल स्कूलों में विद्यार्थियों की दाखिला दर वर्ष 2003 के 61.1 प्रतिशत से बढ़कर 92.2 प्रतिशत पहुंच गयी। आजकल तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में तिब्बत विश्वविद्यालय,तिब्बत जातीय कोलेज, तिब्बत तिब्बती चिकित्सा कोलेज समेत कुल छह उत्तर स्तरीय विद्यालय हैं।
अनिल: दोस्तो, इस वर्ष के मध्य में भारतीय युवा प्रतिनिधि मंडल के सौ सदस्यों ने चीन की मैत्रीपूर्ण यात्रा की थी। उस मौके पर हमारी संवाददाता मीनू ने प्रतिनिधि मंडल की सदस्य गीता से बातचीत की। सुनिए भारतीय चीन में गीता के अनुभव।
थांग:अच्छा दोस्तो, आज का आपका पत्र मिला कार्यक्रम यही समाप्त होता है। अब अनिल और श्याओ थांग को आज्ञा दें, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
अनिल:अगले हफ्ते हम"शांगहाई विश्व मेले"प्रतियोगिता के पहला, दूसरा एवं तीसरा पुरस्कार जीतने वाले श्रोताओं के नामों का ऐलान करेंगे, सुनना न भूलिएगा। अच्छा, अब आज्ञा दें, नमस्कार।
थांग:नमस्कार।