थांग: यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है । श्रोताओं को श्याओ थांग का नमस्कार। आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आपका स्वागत है।
अनिल:श्रोताओं को अनिल का भी नमस्कार। आज के इस कार्यक्रम में सबसे पहले आप सुनेंगे श्रोताओं के पत्रों का उल्लेख, सवाल जवाब, फिर आप से मिले और अंत में एक मधुर गीत।
थांग:अच्छा, अब हम पढ़ते हैं कई श्रोताओं के पत्र। सबसे पहले लीजिए यह पत्र, खानपुर पाकिस्तान के हाश्मी लिस्नर्स क्लब के जलील अहमद हाश्मी का है। उन्होंने हमें कई पत्र भेजें हैं जिनमें हमारे आपकी पसंद, आपका पत्र मिला, सवाल जवाब, आप से मिले, शांगहाई विश्व मेले के बारे में विशेष कार्यक्रम आदि कार्यक्रमों की चर्चा की है। उन्होंने कहा कि चीनी विकास व सुधार कार्यक्रम के साथ सुना, कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा। हेमा जी का महिला कार्यक्रम भी अच्छा लगा , जिसमें भारत की एक महिला के साथ इन्टरव्यू किया गया. पसंद आया। आपका पत्र मिला कार्यक्रम में पहली जून के हवाले से बच्चों के बाल दिवस को मनाने के बारे में अच्छी जानकारी मिली। इस कार्यक्रम में बाल गीत चीनी और भारतीय गीत सुना, अच्छा लगा। आशा है इस कार्यक्रम में भारतीय बाल गीत के साथ-साथ पाकिस्तानी बाल गीत भी आप सुनाएंगे। आप हिन्दी सेवा के सारे कार्यक्रम हम नियमित रूप से सुनते हैं आशा है कि हिन्दी सेवा और बेहतर होगी। हाश्मी जी, ऊर्दू के आदी होने के बावजूद आपने हमें हिन्दी में अच्छी चिट्ठी भेजी है। हमारे हिन्दी कार्यक्रम के समर्थन के लिए आपका धन्यवाद। आपने उम्मीद जताई है कि हम पाकिस्तान के बाल गीत सुनाएंगे। मेरा जवाब है हां, योजना है कि अगले वर्ष के बाल दिवस पर हम न केवल भारतीय व पाकिस्तानी बाल गीत पेश करेंगे, बल्कि नेपाली, बंग्लादेशी, श्रीलंकाई आदि बाल गीतों को भी पेश करने की कोशिश करेंगे।
अनिल:अब मेरे पास जो पत्र है वह शिवजी चौक, मध्य प्रदेश के श्रोता अनिल ताम्रकार ने हमें लिखा है। उन्होंने हमें भी कई पत्र भेजे हैं, यहां हम कुछ पढेंगे। अनिल ताम्रकार कहते हैं कि मैं आपका पुराना श्रोता हूं और प्रसारण सुनते-सुनते यह मेरे लिए एक दोस्त जैसा हो गया है। इसमें कुछ बात तो खास है कि हर कोई सीआरआई से जुड़ता चला जाता है। अनिल ताम्रकार ने लिखा है कि आपका पत्र मिला कार्यक्रम चायना रेडियो इंटरनेशल की जान है। इस कार्यक्रम में विभिन्न श्रोता अपनी बात को जिस अंदाज़ में रखते हैं, उससे काफी अच्छा लगता है। मैं कहना चाहता हूं कि आपके प्रसारण एक अलग ही पहचान बना रहे हैं। क्योंकि आप लोग हर श्रोता के पत्र पर विशेष ध्यान देते हैं। वे कहते हैं कि कुछ समय पहले मंगोलिया जाति के संबंध आपके द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट अच्छी लगी। इससे पता चला कि चीन में इस जाति का अपना अलग ही वर्चस्व है। मंगोलिया जाति के लोगों का रहन-सहन अन्य जातियों के अलग है। इसके अलावा मुझे चीनी लोक कला व लोकगीत संबंधित कार्यक्रम भी अच्छा लगा। वहीं तिब्बत के बारे में भी जानकारी मिली जो वाकई अच्छी लगी। खास तौर पर ल्हासा सड़क के बारे में जानकारी व इस पर आधारित लोकगीत बेहतरीन थे। इस तरह की प्रस्तुति के लिए आपका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।
थांग:नौगांव, बंगलादेश के फ़्रैंड्स रेडियो क्लब के अध्यक्ष दीवान रफ़िकुल इस्लाम राना ने हमें ई-मेल भेजा है, जिसमें लिखा गया है कि आप के रेडियो के कार्यक्रम श्रोताओं को समर्पित होते हैं, जिनमें सूचना व ज्ञान पेश किया जाता है, मेरे लिए आपका रेडियो नव ज्ञान व सूचना के एक भंडार की तरह है। आपका प्रस्तुतीकरण बेहतरीन होता है। इसलिए मैं रोज सुनता हूँ और आपके कार्यक्रमों से पूरी तरह संतुष्ट हूँ। आपके कार्यक्रमों में फ़ीचर, रिपोर्ट, इन्टरव्यू, मैं इन सब चीज़ों का बड़ा दीवाना हूँ। वास्तव में आप के रेडियो स्टेशन में बहुत अच्छा काम किया है। रफ़िकुल इस्लाम भाई, आप का ईमेल पाकर हमें बड़ी खुशी हुई। आपकी तारिफ़ हमारे लिए प्रेरणा है। आशा है कि आप हमारे साथ संपर्क जारी रखेंगे और पत्र लिखते रहेंगे। हमें आपके नए ईमेल का इन्तज़ार रहेगा।
अनिल:अच्छा दोस्तो, अब समय आ गया है सवाल जवाब का। कई श्रोताओं ने पत्र भेजकर शिकायत की है कि सवाल जवाब का समय कम हो गया है और बार-बार कई श्रोताओं के सवालों का जवाब दिया जाता हैं। हां यह बात सही है कि आजकल कम श्रोता सवाल पूछने के लिए हमें पत्र भेजते हैं और कई नियमित श्रोता कभी-कभार सवाल पूछते हैं। आशा है कि ज्यादा से ज्यादा श्रोता हमें पत्र भेजकर चीन के बारे में और चीन से संबंधित सवाल पूछेंगे, हम आपके सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। अब देखिए किसने हमें पत्र भेजा है और क्या सवाल पूछा है। कोआथ रोहतास बिहार के विशाल रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष एस.के. जिन्दादिल ने पूछा है कि चीन के पहले राष्ट्रपति कौन थे। ऊंची तकिया मुबारकपुर आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के प्रिन्स रेडियो लिस्नर्स क्लब के दिलशाद हुसैन ने भी इसी तरह का सवाल पूछा है। जिन्दादिल और दिलशाद हमारे पुराने नियमित श्रोता हैं, वे हमें पत्र भेजते रहते हैं। आशा है कि हमारे अन्य श्रोता उन की तरह हमें अधिक पत्र भेजेंगे। अच्छा श्याओ थांग जी, आप जिन्दादिल और दिलशाद हुसैन के इस सवाल का जवाब दीजिए।
थांग:दोस्तो, नए चीन यानी चीन लोक गणराज्य की स्थापना पहली अक्तूबर वर्ष 1949 को हुई। चीन में सर्वोच्च नेता को राष्ट्रपति नहीं, राष्ट्राध्यक्ष कहा जाता है। चीन के पहले राष्ट्राध्यक्ष विश्वविख्यात महान माओ त्सेतोंग थे। उनका जन्म 26 दिसम्बर वर्ष 1893 को छिंग राजवंश के हूनान प्रांत की राजधानी छांगशा की श्यांगथान काउंटी में हुआ। वे चीन में महान क्रांतिकारी, राजनीतिज्ञ, रणनीतिकार और विचारक थे। उन्होंने चीनी लोगों का नेतृत्व कर साम्राज्यवादियों व उपनिवेशवादियों को चीन से हटाया और नए चीन की स्थापना की। 21 सितम्बर वर्ष 1949 को चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन पेइचिंग में आयोजित हुआ था, जिस में माओ त्सेतोंग को राष्ट्राध्यक्ष चुना गया। वे नए चीन के पहले राष्ट्राध्यक्ष बने। तब से 1976 तक वे चीन लोक गणराज्य के राष्ट्राध्यक्ष रहे। वर्ष 1976 में उनका देहांत हो गया। माओ त्सेतोंग विश्व आधुनिक इतिहास में सब से महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक है। पत्रिका《टाइम्स》ने उन्हें 20वीं शताब्दी में सबसे प्रभावशाली सौ व्यक्तियों में से एक चुना था। वर्तमान चीन लोक गणराज्य के राष्ट्राध्यक्ष हू चिनथाओ हैं।
अनिल:दोस्तो, इधर के वर्षों में चीन और भारत के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आवाजाही बढ़ी है। आजकल भारतीय खानपान चीन में लोकप्रिय है। राजधानी पेइचिंग में कई भारतीय रेस्तरां हैं। अब आप सुनिए हेमा की आवाज़ में"पेइचिंग में अतुल्य भारतीय मसाले"संबंधी एक रिपोर्ट
अनिल:श्रोता दोस्तो, इस साल भारतीय युवा प्रतिनिधि मंडल की चीन यात्रा के दौरान हमारी संवाददाता श्याओ थांग की मुलाकात भारतीय युवती कोयल से हुई। उसकी आवाज़ बहुत अच्छी है और वह गाने में निपुण भी है। कोयल ने कहा कि चीन यात्रा के दौरान उन्होंने शानदार व खुशहाल समय बिताया। चीन में दस दिनों की यात्रा हमेशा याद रहेगी। सुनिए श्याओ थांग और कोयल के बीच हुई इस बातचीत के मुख्य अंश।
थांग:दोस्तो, पहली अक्तूबर चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 61वीं वर्षगांठ है। हर वर्ष अक्तूबर की पहली तारीख से सात तारीख तक चीनी लोग राष्ट्र दिवस मनाने के लिए सात दिवसीय छुट्टियां बिताते हैं। पिछले हफते के इसी कार्यक्रम में हमने पेश किया था मशहूर गायिका सोंग जूयिंग द्वारा गाया गया《आज है एक अच्छा दिन》नामक गीत। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को एक और मधुर गीत पेश करेंगे। इसी गीत के जरिए हम चीनी राष्ट्र दिवस की खुशियां साथ मनाएंगे। आशा है आप को पसंद आएगा। अब सुनिए सुंग जूयिंग का गाया "चीनी राष्ट्र से प्यार" नामक गीत। इस गीत में चीनी जनता का अपने महान राष्ट्र के प्रति गहरा प्यार व्यक्त हुआ है।
गीत के बोल इस प्रकार हैं
56 जातियां जैसे 56 फूल
सभी हैं चीनी राष्ट्र के विशाल परिवार के सदस्य
56 जातियों की भाषाओं में है एक वाक्य आता
है हमें चीनी राष्ट्र से प्यार
हम करेंगे देश का निर्माण
हमारा देश है बहुत महान
हम सभी हैं उसे प्यार करते
चीनी राष्ट्र को प्यार करते हैं हम
जीवन के हर क्षण
अनिल:अच्छा दोस्तो, इस गीत के साथ हमारा आज का कार्यक्रम यही समाप्त होता है। अब आज्ञा दें, नमस्कार।
थांग:नमस्कार।