थांग: यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोताओं को श्याओ थांग का नमस्कार।
अनिल:श्रोताओं को अनिल का भी नमस्कार। आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आपका स्वागत है। आज के इस कार्यक्रम में सबसे पहले आप सुनेंगे कई श्रोताओं की राय, फिर चीन व भारत के बीच कूटनीतिक संबंध की स्थापनी की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में भारत की यात्रा करने वाले हमारे संवाददाता दल की एक रिपोर्ट, इस के बा आप से मिले और अंत में होगा एक भारतीय गीत।
थांग:अच्छा अब हम देखेंगे दुर्ग छत्तीसगढ़ की श्रोता बहन फ़ुलमाला बैन का पत्र, उन्होंने हमें पत्र भेजकर सी.आर.आई हिन्दी व उर्तू सेवाओं के लिए रिसेप्शन रिपोर्ट भेजी। फ़ुलामाला बैन बहन, आप का पत्र पाकर हमें खुशी हुई। हमारे कार्यक्रम के समर्थन के लिए आप को कोटि-कोटि धन्यवाद। हमें ने हमारे हिन्दी सेवा की श्रोता वाटिका, लिफ़ाफ़ा और अन्य सामग्रियों को भेज दिया, आशा है आप हमें ज्यादा पत्र भेजती रहेंगी।
अनिल:कोआथ रोहतास बिहार के विशाल रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष एस.के. जिन्दादिल ने पत्र लिख कर कहा कि चीन में सुधार व विकास का एक कार्यक्रम रूपा दीदी से सुना, जिस में उन्होंने अर्थ व्यवस्था के बारे में कार बाड़ार में चीन की बिक्री पर प्रकाष डाला। चीन में कार की बिक्री लगभग एक करोड़ छत्तीस लाख हो गई है, जो विश्व में अमरीका को पिछाड़ कर प्रथम स्थान पर आ गया है। चीन विश्व में शहरीकरण औद्योगिक क्षेत्र में सब से आगे चल रहा है। चीन का पूंजी प्रचलन विकसित हुआ है , चीन के कार कंपनी पोर्त और चीली कंपनियों ने विदेशों में अपना उद्योग धंधा बढ़ा रहा है, तथा कंपनी का लक्ष्य वर्ष 2010 में कार बिक्री को एक करोड़ पचास लाख करने की बुनियादी लक्ष्य में कार्यक्रम ज्ञान से परूपूर्ण था। अच्छे पेशकरा के लिए रूपा दीदी को हार्दिक बधाई।
थांग:शेखपुरा, बिहार के कृष्णा मुरारी सिंह किसान ने हाल में पमें पत्र भेजा और साथ ही उन द्वारा लिखी गई एक किताब भी भेजी। किताब का नाम है《परम्परागत पशु चिकित्सा》, जिस में परम्परागतहाथी चिकित्सा, परम्परागत घोड़ा चिकित्सा, कुत्तों की चिकित्सा, बकरे-बकरी की चिकित्सा, गाय की पृष्ठभूमि आदि विषय लिखा गया। मुझे लगता है कि यह किताब भारतीय किसान दोस्तों के लिए भारी उपयोगी है। इस किताब के प्रकाशन के लिए कृष्णा मुरारी सिंह को बधाई । आप हमारे पुराने और सक्रिय श्रोता हैं, हमारे हिन्दी विभाग के समर्थन के लिए आप को धन्यवाद।
अनिल:कृष्णा मुरारी सिंह ने अपने भेजे पत्र में शांगहाई विश्व मेले और भारतीय भवन के बारे में चर्चा की। उन्होंने शांगहाई विश्व मेले के मुख्य विषय"अच्छा शहर,अच्छा जीवन"पर अपना विचार व्यक्त किया, जो इस प्रकार है। 1 मई 2010 को शांगहाई2010 विश्व मेला उदघाटित हुआ । इसका वर्णन सी आर आई से मिला। यहाँ से प्रतिदिन इस मेला पर बताया जा रहा है। 6 महिने तक चलने वाला यह मेला फुतुंग न्यु एरिया में आयोजित किया जा रहा है। आदर्श वाक्य है—बेटर सिटी बेटर लाईफ। सारे पैवेलियन इसी वाक्य को केन्द्र बिन्दु बनाकर हर देश अपना-अपना तरह से थीम बनायी है। भारतीय पैवेलियन का थीम है—cities of Harmony इसकी चर्चा की गई है। हर देश और संस्थान ने अपने-अपने ढंग के आदर्श वाक्य बनाए हैं। सभी थीम मूल वाक्य से मिलता जुलता है। हर देशों ने अपना प्रकृति और संस्कृति का प्रदर्शन काफी सुन्दर ढंग से स्वर्ग के समान किया है। इसी वातावरण में स्वर्गीय सुख जीवन को मिलता है। कुल मिलाकर हर देश पृथ्वी पर ही स्वर्ग का अवतरण का सपना संजोता है। मर्यादाओं का पालन, वर्जनाओं से बचना, नागरिक कर्त्तव्यों का पालन के द्वारा समाज निष्ठ बनना बनाना। चारों ओर मधुरता, स्वच्छता, सादगी एवं सज्जनता का वातावरण बने ऐसा ध्येय है। हर पंडाल का प्रदर्शन उदारता पूर्वक लगता है। वेद में कहा गया है- अयम निज परोवेति। गणना लघु चेत साम, उदार चरिता नाम तू, वसुधैवों कुटुम्बकम।। आदर्श वाक्य के द्वारा संसार के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना की गई है। रूस के पैवेलियन ने,शांति, मैत्री और सहयोग को अपनाया है, लगता है आने वाले समय में उग्रवाद, पर्यावरण, जल संकट आदी की समस्या हल हो जाएगी। ऐसा मेरा विश्वास है। आपके प्रसारणों को जो मैं समझ पाया, वही लिख रहा हूँ। विश्व मेला की अवधारणा की सफलता की कामना करता हूँ। निष्कर्ष में एक गीत प्रस्तुत करता हूँ।
घर घर अलाव
घर-घर अलाव जगायेंगे, हम बदलेंगे जमाना।
निश्चय हमारा ध्रुव सा अटल है।
काया की रग-रग में निष्ठा का बल है।।
जागृति शंख बजायेंगे हम बदलेंगे जमाना।।
बदली हैं हमने अपनी दिशायें।
मंजिल नई तय करके दिखायें।।
धरती को स्वर्ग बनायेंगे, हम बदलेंगे जमाना।।
श्रम से बनायेंगे माटी को सोना।
जीवन बनेगा उपवन सलोना।।
मंगल सुमन खिलायेंगे, हम बदलेंगे जमाना।
पीङा-पतन की तोङेंगे कारा।
ममता की निर्मल बहायेंगे धारा।
समता का दीप जलायेंगे, हम बदलेंगे जमाना।
थांग:वाह, मैं ने अनेक श्रोताओं का पत्र पढ़ा है, और पता चला कि अनेक श्रोता भाई कविता लिखते हैं। अब मेरे पास एक कविता है, चीन भारत मैत्री के बारे में है, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के रवीन्द्र कुमार शुक्ल ने"मित्रता के फूल"नामक इस कविता में लिखा है:
भारत और चीन दोनों देश अपने मतभेद भालाकर
परसपर प्रेम व सहयोग के मार्ग पर चलें
दोनों देशों के नागरिकों के हृद्य में
एक दूसरे के लिए मित्रता के फूल खिलें
दिल्ली व पेइचिंग को ही विश्व की अनेक
महत्वपूर्ण समस्याओं पर एक समान नीति
बढ़ते हुए सांस्कृतिक आदान प्रदान व पर्यटन से
दोनों देशों के बीच बढ़ जाए खूब प्रीति
अगर एक हो जाए, चीन को उच्च तकनीक
और भारत के मानव श्रम का कमाल
तो भारत व चीन दोनों देशों के
सभी नागरिक हो जाएं उन्नत व खुशहाल
अनिल:औरेया उत्तर प्रदेश के अलहिन्द रेडियो लिस्नर्स क्लब के रिज़वान सज्जाद ने पत्र भेजकर कहा कि सी.आर.आई का हिन्दी प्रसारण हमारा बहुत ही प्रिय प्रसारण है। इस के माध्यम से हमें चीन के बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है। चीन भारत के संबंध सदियों पुराना है। सी.आर.आई का हिन्दी प्रसराण इस संबंध को प्रगाढ़ करने में एक बहुत बड़ा योगदान कर रहा है। हिन्दी प्रसारण के माध्यम से भारत के श्रोता चीन के बेहद निकट होते जा रहे हैं। सी.आर.आई के माध्यम से हमें चीनी सभ्यता, संस्कृति, आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक गतिविधियों के बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है। चीन निरंतर प्रगति के पथपर अग्रसर है। सफल औलंपिक खेलों का आयोजन उस की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। साप्ताहिक कार्यक्रम एक से बढ़कर एक है। इनके माध्यम से हमें चीन को बहुत निकट संजानने का अवसर मिलता है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बारे में रिपोर्टों के द्वारा तिब्बत में होने वाली प्रगति निर्माण और सुधार के बारे में बताया जाता है। हमें बड़ी रुचि है।
थांग: दोस्तो, चालू वर्ष चीन व भारत के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापना का 60वां साल है। इस मौके पर दोनों देशों ने कई गतिविधियां चलायीं। कुछ समय पूर्व सी.आर.आई ने एक संवाददाता दल भारत भेजा। चीनी संवाददाता ने मुबई स्थित डाक्टर कोटनीस की बहन के घार का दौरा किया। सुनिए हेमा की आवाज़ में एक रिपोर्ट।
अनिल:दोस्तो, गत जून में भारतीय युवाओं के प्रतिनिधि मंडल ने चीन की मैत्रीपूर्ण यात्रा की। भारतीय युवा प्रतिनिधियों ने शांगहाई, होफ़ेइ और छोंगछिंग तीन शहरों का दौरा किया। हमारी संवाददाता श्याओ थांग की मुलाकात युवा प्रतिनिधि मंडल की सदस्य सागर से हुई। अब सुनिए अपनी चीन यात्रा के बारे में उन्होंने क्या कहा।
थांग:अच्छा दोस्तो, अब समय आ गया है मनोरंजन का । आप हम आप को एक गीत पेश कर रहे हैं फिल्म《सिर्फ़ तुम》का एक गीत《दिल बर》। यह गीत जिन श्रोताओं की फरमाइश के अनुसार पेश किया जा रही है, वे है:अरेराज, पूर्वी चम्पारण, बिहार के सिय्योन रेडियो लिस्नर्स क्लब के राम बिलास प्रसाद, वंशी प्रसाद कुशवहा, नगीना प्रसाद कुशवाहा, वनिलाल कुमार, राजा बाबु ऊर्फ़ विकाश, अभय कुमार, समसुद्दिन साकी अदिनी, मकसुद आज़मी, रामबदन रवि भैरोगंजी, रामकुमार रावत और समस्त कुशवाहा परिवार। अब लीजिए इस गीत का मज़ा ।
अनिल:अच्छा दोस्तो, आज का कार्यक्रम यही समाप्त होता है। अब श्याओ थांग और अनिल को आज्ञा दें।
थांग: अगले हफ्ते फिर मिलेंगे। नमस्कार।